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उत्तर प्रदेश

मांस कारोबारियों के असली दुश्मन हैं आजम खान!

Dayanand Pandey : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के नगर विकास मंत्री रहे सर्वशक्तिमान आज़म खान ने उत्तर प्रदेश के मांस कारोबारियों और मांस प्रेमियों से जो दुश्मनी निभाई है उस की कोई दूसरी मिसाल नहीं है। बतौर नगर विकास मंत्री न उन्हों ने अवैध बूचड़खानों के बाबत सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की परवाह की, न ग्रीन ट्रिब्यूनल की। न नगर निगम के स्लाटर हाऊसों को आधुनिक बनवाया, न लाइसेंस बनवाए, न पुराने लाइसेंसों का नवीनीकरण करवाया। जब कि बतौर मंत्री यह उन की ज़िम्मेदारी थी। उलटे उन्हों ने सब कुछ यानी अवैध बूचड़खानों को चलने दिया, सारे क़ानून को ठेंगे पर रख कर। लात मारते हुए।

<p>Dayanand Pandey : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के नगर विकास मंत्री रहे सर्वशक्तिमान आज़म खान ने उत्तर प्रदेश के मांस कारोबारियों और मांस प्रेमियों से जो दुश्मनी निभाई है उस की कोई दूसरी मिसाल नहीं है। बतौर नगर विकास मंत्री न उन्हों ने अवैध बूचड़खानों के बाबत सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की परवाह की, न ग्रीन ट्रिब्यूनल की। न नगर निगम के स्लाटर हाऊसों को आधुनिक बनवाया, न लाइसेंस बनवाए, न पुराने लाइसेंसों का नवीनीकरण करवाया। जब कि बतौर मंत्री यह उन की ज़िम्मेदारी थी। उलटे उन्हों ने सब कुछ यानी अवैध बूचड़खानों को चलने दिया, सारे क़ानून को ठेंगे पर रख कर। लात मारते हुए।</p>

Dayanand Pandey : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के नगर विकास मंत्री रहे सर्वशक्तिमान आज़म खान ने उत्तर प्रदेश के मांस कारोबारियों और मांस प्रेमियों से जो दुश्मनी निभाई है उस की कोई दूसरी मिसाल नहीं है। बतौर नगर विकास मंत्री न उन्हों ने अवैध बूचड़खानों के बाबत सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की परवाह की, न ग्रीन ट्रिब्यूनल की। न नगर निगम के स्लाटर हाऊसों को आधुनिक बनवाया, न लाइसेंस बनवाए, न पुराने लाइसेंसों का नवीनीकरण करवाया। जब कि बतौर मंत्री यह उन की ज़िम्मेदारी थी। उलटे उन्हों ने सब कुछ यानी अवैध बूचड़खानों को चलने दिया, सारे क़ानून को ठेंगे पर रख कर। लात मारते हुए।

जैसा कि देखा और कहा जा रहा है कि इस अवैध बूचड़खाने की बंदी से ज़्यादातर मुस्लिम समाज के लोग प्रभावित हुए हैं, बेरोजगार हुए हैं। उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समाज से, क़ानून से ऐसी अप्रतिम दुश्मनी किसी और राजनीतिज्ञ ने निभाई हो, जैसे आज़म खान ने निभाई है मुझे नहीं मालूम। किसी को मालूम हो तो बताए भी। तब जब कि मुस्लिम वोट बैंक के एक बड़े ठेकेदार हैं आज़म खान। लेकिन दिलचस्प यह कि मुस्लिम समाज का एक भी व्यक्ति, मांस कारोबार से जुड़ा एक भी व्यक्ति आज़म खान से नाराजगी नहीं जाहिर करता। जानते हैं क्यों?

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क्यों कि यह अवैध बूचड़खाने आज़म खान की कृपा से ही चल रहे थे। तो यह अवैध कारोबारी बोलें भी तो किस जुबान से भला। आज़म खान और इन अवैध बूचड़खाना चलाने वालों को लगता था कि आज़म खान और सपा सरकार अमरफल खा कर आए हैं, कभी विदा ही नहीं होंगे। आज़म खान और इन मुस्लिम समाज के लोगों को कोई व्यक्ति बांगला की वह कहावत नहीं सुना पाया कि किसी भूखे को मछली भीख में देने के बजाय उसे मछली मारना सिखाना चाहिए। लेकिन आज़म खान तो अवैध कारोबार की हरामखोरी सिखा रहे थे। नतीज़ा सामने है।

लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार दयानंद पांडेय की एफबी वॉल से.

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0 Comments

  1. mk

    April 1, 2017 at 6:28 pm

    Ekdam sahi kahaa Dayanand ji ne….! Bihar ka ek bhojpuri gayak thha, Baleshwar. Unka ek gana yaad aa raha hai….
    “Kathal ke Kowa tu Khaibu, ta Motka Mungadwa kaa Hoyi…?!! :p:p:p:p:p

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