शनिवार को भाजपा की बैठक में पत्रकार के साथ हुई मारपीट और बदसलूकी के मामले में ठंड की शीतलहर के बीच छत्तीसगढ़ में पत्रकार आंदोलन की राह पर हैं। वैसे भी छत्तीसगढ़ में इन दिनों भारतीय जनता पार्टी के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं।
कुछ दिनों पहले ही भाजपा की प्रदेश प्रभारी अनिल जैन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को कांग्रेसी कह दिया और उसके बाद शनिवार को रायपुर के एकात्म परिसर में आयोजित भाजपा की बैठक में खबर बना रहे वेब न्यूज़ पोर्टल के पत्रकार सुमन पांडे और एक महिला पत्रकार के साथ भाजपा के नेताओं ने गुंडागर्दी की। शनिवार को आयोजित इस बैठक में बाकायदा मीडिया संस्थानों को सूचना दिया गया था, उन्हें आमंत्रित किया गया था।
उसके बाद जिस तरह से पत्रकारों के आने के बाद भाजपा के मौजूद कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पत्रकारों के साथ मारपीट और बदसलूकी की, मोबाइल छीना, इसे लेकर छत्तीसगढ़ का पूरा पत्रकार जगत आक्रोश व्यक्त कर रहा है। सभी मीडिया संस्थानों के पत्रकार इस आंदोलन में सहभागी बने हुए हैं।
रविवार को रायपुर प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने प्रदेश के पत्रकारों के समर्थन के साथ अपने आंदोलन का आगाज कर दिया है। इससे ठीक पहले शनिवार को शाम 4:00 बजे से घटना के बाद शुरू हुआ आंदोलन रात भर भारतीय जनता पार्टी दफ्तर के सामने चलता रहा। इसके बाद अगले दिन रविवार को सुबह से ही रायपुर में प्रेस क्लब के ठीक सामने पत्रकारों का आंदोलन लगातार जारी रहा। पत्रकारों की मांग है कि जब तक भाजपा के नेताओं को सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी, यह आंदोलन थमने वाला नहीं है।
पूरे प्रदेश के पत्रकार काले कपड़े पहनकर और रायपुर में मशाल रैली निकालकर इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना का विरोध दर्ज कराने वाले हैं। इससे पहले घटना घटित होने के बाद पत्रकारों और भाजपा नेताओं के बीच बातचीत का दौर चलता रहा। लेकिन पत्रकारों की मांगों को भाजपा के नेताओं ने अनसुना कर दिया, जिसके बाद आंदोलन की रूप रेखा बन गई और अब छत्तीसगढ़ के समूचे पत्रकार प्रदेश के 27 जिलों में प्रदर्शन करके पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग करने लगे हैं और इस घटना के जिम्मेदार भाजपा के नेताओं पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अगर आप भी अपने साथी पत्रकारों के आंदोलन में शामिल होना चाहते हैं तो निम्न नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं-
9406300500
8827824668
8349155678
छत्तीसगढ़ से योगेश मिश्रा की रिपोर्ट.
Ashish Mishra
February 6, 2019 at 9:32 pm
वेयपारी बन गया है मीडिया, आत्मा भी वेयपारी बादशाह के आने के बाद बेच दिया बादशाह का साथी vager भी उससे बड़ा वेयपारी सो वेयपारी की दुकान में नौकर कभी भी पिट सकता है ये कोई बड़ी बात नहीं है मगर देश की आबादी के कुल 8% वेयपारी 92% पर राज करेंगे तो ये सही बात नहीं है न देश में तो मीडिया पत्रकारिता ही खत्म हो गई है अभी भी वक़्त है देश के बुद्ध जीवीओ वेयपारी को उसकी सीमा बता दो नहीं तो वो तो मजदूर बनाने के लिए तैयार है ही
सुनील जख्मी
February 12, 2019 at 5:59 pm
बिरोध करे ऐसे नेताओं का