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जहरीले न्यूज़ चैनलों को विज्ञापन नहीं देंगी ये कम्पनियां

-श्याम मीरा सिंह-

बजाज कम्पनी लिमिटेड के बाद बिस्किट बनाने वाली कम्पनी पारले जी ने तय किया है कि वह ऐसे टीवी चैनलों को विज्ञापन नहीं देगी जो टॉक्सिटी प्रसारित करते हैं, सनसनी फैलाते हैं, नफरत फैलाते हैं।

पारले जी का ये फैसला सामान्य दृष्टि से तो साधारण है आखिर घृणा और झूठ फैलाने वालों को विज्ञापन के माध्यम से फंड करने का मतलब है घृणा के कारोबार में खुद भी भागीदार बनना इसलिए ये बेहद सामान्य है कि कोई कम्पनी ऐसा न करे। लेकिन ऐसे दौर में जबकि ऐसे किसी भी फैसले के बाद दक्षिणपंथी नफरती चिंटू बायकॉट कैम्पेन शुरू कर देते हैं। तब पारले जी का ये निर्णय एक साहसी फैसला लगने लगता है।

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आज रिपब्लिक tv जैसे टीवी चैनल पर आम आदमी पार्टी का विज्ञापन भी आता है। जबकि ये वो पार्टी है जो बदलाव की राजनीति करने का वायदा करके चुनावों में उतरी थी लेकिन वह भी नफरत के इस साम्राज्य में हिस्सा लेने से नहीं चुकी, ऐसे में एक कॉरपोरेट कम्पनी का ये निर्णय लेना अपने आप में बहुत बड़ी बात है।

बजाज कम्पनी और पारले जी के इस निर्णय को लोगों को बताने की जरूरत है। ताकि जनता इस निर्णय का स्वागत करे, बाकी कम्पनियां भी ऐसा करें तो घृणा फैलाने वाले चैनलों को या तो अपना चैनल बदलना पड़ जाएगा या घृणा फैलाना बन्द करना पड़ेगा।

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टीवी चैनल कॉरपोरेट के विज्ञापन के पैसे के बिना नहीं चल सकते। रिपब्लिक टीवी, जी न्यूज, सुदर्शन टीवी जैसे चैनलों और अखबारों का पूरा कारोबार कॉरपोरेट और सरकारी विज्ञापनों के दम पर चलता है। सरकार केवल उन्हीं चैनलों, अखबारों को विज्ञापन देती है जो सरकार के भौंपू बनकर काम करते हैं, सरकार उन चैनलों को विज्ञापन देना बन्द कर देती है जो जनसरोकारों को उठाते हुए सरकार से जरूरी प्रश्न करते हैं।

फलस्वरूप नफरती चैनल दिनरात फलते फूलते हैं और अच्छे समाचार चैनल बन्द हो जाते हैं या संसाधनों की कमीं से जूझते रहते हैं।

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लेकिन टीवी चैनल केवल सरकारी विज्ञापन के पैसे से नहीं चल सकते, अंततः कॉरपोरेट ही इन सब टीवी चैनलों की रीढ़ की हड्डी है। यदि कॉरपोरेट तय कर ले कि वह ऐसे चैनलों को विज्ञापन देंगे जो झूठ-फरेब, अफवाह और घृणा नहीं बेचते, ऑटोमेटिकली मीडिया की स्थिति सुधर जाएगी।

पारले जी और बजाज कम्पनी के इस निर्णय का दिल खोलकर स्वागत कीजिए।

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मीडिया विश्लेषक श्याम मीरा सिंह की एफबी वॉल से।

एक अन्य प्रतिक्रिया-

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2 Comments

2 Comments

  1. प्रकाश

    October 12, 2020 at 1:17 pm

    विज्ञापन कंपनियों को धन्यवाद करना चाहिए जो काम सरकार को करना चाहिए था। अब कंपनी कर रही हैं। लगता है विज्ञापन कंपनी ही सुधार ला सकती है मीडिया को आयाना देखा सकतीं हैं पार्टियों को इन जैसी कंपनियों के साथ खडा होना चाहिए नहीं तो जनता इनके साथ खड़ा होना शुरू कर देगी।

  2. Vishnu sharma

    October 14, 2020 at 4:22 pm

    पार्लेजी खाना बंद

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