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पुलिस द्वारा फूंकी गई पत्रकार की मां ने दम तोड़ा, मजिस्ट्रेटी जांच, सीमएम ने कहा- कड़ी कार्रवाई होगी

बाराबंकी :  एसओ और एसआई द्वारा जिंदा जलाने की कोशिश के दौरान घायल नीतू  (40) ने दम तोड़ दिया है। उसके पति को पुलिस ने किसी मामले में थाने में  बंद कर दिया था। वह पति को छुड़ाने कोठी थाने पहुंची थी। इसी दौरान एसओ राय सिंह यादव और एसआई अखिलेश ने उसे कमरे में बुलाया और रेप करने की कोशिश की। विरोध करने पर थाने में रखे मिट्टी का तेल उसपर उड़ेल दिया और आग लगा दी। आग से महिला करीब 86 फीसदी झुलस गई। उसे लखनऊ रेफर किया गया। वहां उसने दम तोड़ दिया।

बाराबंकी :  एसओ और एसआई द्वारा जिंदा जलाने की कोशिश के दौरान घायल नीतू  (40) ने दम तोड़ दिया है। उसके पति को पुलिस ने किसी मामले में थाने में  बंद कर दिया था। वह पति को छुड़ाने कोठी थाने पहुंची थी। इसी दौरान एसओ राय सिंह यादव और एसआई अखिलेश ने उसे कमरे में बुलाया और रेप करने की कोशिश की। विरोध करने पर थाने में रखे मिट्टी का तेल उसपर उड़ेल दिया और आग लगा दी। आग से महिला करीब 86 फीसदी झुलस गई। उसे लखनऊ रेफर किया गया। वहां उसने दम तोड़ दिया।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल पर कहा कि घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश दिये जा चुके हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जहां तक आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का सवाल है तो वह पहले ही शुरू की जा चुकी है और आगे जिस तरह की कार्रवाई की जरूरत पड़ेगी, वह की जाएगी।

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गौरतलब है कि पीड़िता नीतू द्विवेदी ने जलाए जाने के बाद मजिस्ट्रेटी बयान दिया था- ‘मुझे जलाने में थाने का पूरा स्टाफ मिला हुआ था। दरोगा ने आग लगाई है। दोनों काफी समय से मुझे छेड़ रहे थे। उन्होंने मेरे पति को भी फर्जी केस में फंसाया है।’ इस मामले में आरोपी एसओ और एसआई पर आईपीसी की धारा 342, 504, 506, 511 के तहत मुकदमा दर्द कर लिया गया है। दोनों को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस जांच-पड़ताल में जुट गई है। वही कोठी के अमर उजाला के पत्रकार की माँ के सात हुई इस घटना की गांधी सभागार में पत्रकारों ने बैठक कर कड़े शब्दों में निंदा करते हुए तत्काल दरोगा की गिरफ़्तारी और चिकित्सा के लिए एक ज्ञापन जिलाधिकारी के ज़रिये मुख्यमंत्री को भेजा हैं।

जानकारी के मुताबिक कोठी थाना क्षेत्र की ग्राम गहा निवासी रामनरायन द्विवेदी को 5 जुलाई की सुबह पुलिस ने गिरफ्तार करके हवालात में डाल दिया था। ऐसा चार जुलाई की रात्रि को श्री द्विवेदी के रिश्तेदार चन्दरावां निवासी नन्दकिशोर तिवारी व पुत्र दीपक तिवारी तथा एक अन्य की गिरफ्तारी के लिए दबाव बनाने के लिए किया गया था। दरअसल दोनों पिता पुत्र छेड़खानी के मामले में रहीमपुर गांव निवासी गंगाराम को गोली मार देने के आरोपी थे। पांच की शाम को रामनरायन की पत्नी 42 वर्षीय श्रीमती नीतू द्विवेदी जो आंगनबाड़ी कार्यकत्री भी है हवालात में बंद अपने पति से मिलने थाने पहुंची। जहां से कोठी थानाध्यक्ष राय साहब यादव व हल्का दरोगा अखिलेश राय ने उसे गालियां देकर भगा दिया। 

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अगली सुबह लगभग 9 बजे नीतू फिर थाने पहुंची। उसने कहा कि जिसने गोली मारी आप लोग उसे पकडे़। रिश्तेदार होने के नाते मेरे पति व बच्चों तथा हमको क्यों परेशान किए हुए हैं। पीड़िता नीतू दिवेदी एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री के रूप में बच्चों को पढ़ाती थीं। उनका आरोप था कि कोठा थाने के एसओ राय सिंह यादव और एसआई अखिलेश उसके प्रति गलत नियत रखते थे। वे राह चलते कई बार उसे आपत्तिजनक कमेंट करते थे। इसका वह लगातार विरोध करती थी। जब वे अपने इरादों में कामयाब नहीं हो पाए, तो रविवार को फर्जी मामले में उसके पति को थाने उठा लाए। महिला जब अपने पति को छुड़ाने थाने पहुंची, तो एसओ और एसआई उससे बदतमीजी करते हुए उसके जेवर लूट लिए और छेड़छाड़ करने लगे। विरोध करने पर उसे आग के हवाले कर दिया। गंभीर रूप से जली नीतू को बाराबंकी के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उसने मजिस्ट्रेट को बयान दिया। इसके बाद हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया।

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0 Comments

  1. पार्थ उपाध्याय

    July 8, 2015 at 6:57 am

    ये खबरें कितनी आम लगने लगी हैं कि इंसान को जलाकर मार दिया जाता है और मारने वालों में वर्दी वाले होते हैं . ये कैसा प्रदेश हो गया ,ये कैसी सरकार और कैसी पुलिस हो गयी . अगर आवाज उठाओ तो या तो गिरफ़्तारी मिलती है या मौत . .. किसी पर कोई फर्क नहीं पड़ता , सब घटनाएँ ख़ामोशी से निकल जाती हैं लेकिन दर्द ,गुस्सा और अंधराज तो उसे महसूस होता है जिस पर बितती है . ,., अब यू.पी के वासिंदों के पास जीने का बस एक ही विकल्प है कि छोड़ दो राज्य को , क्या जरूरी है कि यू.पी में ही रहो . हालाँकि मरने की सम्भावना अन्य जगह भी है लेकिन ऐसी मौत नही होगी जैसी यू .पी में होती है ..और अगर नहीं छोड़ सकते यू.पी तो कम से कम अपने बच्चों से बोल देना कि बेटा यूपी में मत रहना .

  2. e k patrkar

    July 8, 2015 at 10:38 am

    doob maron amar ujala walon
    tumhare reporter ki maa ke sath itna bada kand ho gaya aur tum log ek din ke liye bhi pen down strike nahi kar sakte ho, hila do polce walon ko, bata do unki aukat. ek din ke liye office mat jao. gher lo c m ka residence,
    ek patrakar
    deoria se

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