अच्छे खासे वकील और कांग्रेस के ठीकठाक नेता कपिल सिब्बल और वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त की दोस्ती अब दुश्मनी में बदलती नजर आ रही है. कपिल सिब्बल ने एक न्यूज चैनल तिरंगा टीवी नाम से लांच कराया था बरखा दत्त के नेतृत्व में. यह चैनल चल न सका. कई सारे विवाद उठे. बरखा दत्त ने कपिल सिब्बल के खिलाफ जमकर बोला. कपिल सिब्बल की पत्नी ही इस चैनल को सीधे देखती थीं और लिखत-पढ़त में आनर के रूप में सिब्बल की पत्नी का ही नाम था. अब बरखा दत्त ने हिसाब किताब करने के बाद बताया है कि उनका 74 लाख रुपये सिब्बल दंपति पर बकाया है. बरखा ने यह भुगतान न मिलने पर अब कोर्ट का रुख किया है.
वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने दिग्गज कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और उनकी पत्नी प्रोमिला सिब्बल के खिलाफ दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में मुकदमा दायर किया है और ब्याज के साथ 74 लाख का हर्जाना मांगा है. इस साल जुलाई में अंग्रेजी समाचार चैनल तिरंगा टीवी के अचानक बंद होने के बाद बरखा ने कांग्रेस नेता, उनकी पत्नी और एनालॉग मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ ये कदम उठाया है. 27 सितंबर को जस्टिस रविंद्र बेदी ने कपिल सिब्बल की पत्नी प्रोमिला सिब्बल और कंपनी एनालॉग मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने अबतक कपिल सिब्बल के खिलाफ सम्मन जारी नहीं किया है. मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी.
अधिवक्ता राघव अवस्थी और मुकेश शर्मा द्वारा प्रस्तुत याचिका में बरखा ने दावा किया है कि उन्हें आश्वासन दिया गया था कि चैनल कम से कम दो साल तक काम करेगा. बरखा दत्त ने यह भी आरोप लगाया कि जब चैनल ऑन एयर हुआ तो उन्हें दूसरे प्लेटफॉर्म्स के साथ अपने कॉन्ट्रैक्ट्स को खत्म करने के लिए भी कहा गया. याचिका में कहा गया है कि कांट्रैक्ट के अनुसार उन्हें पूरी एक साल की सेलरी मुअवाजे के रूप में मिलनी चाहिए.
समाचार चैनल तिरंगा टीवी की सलाहकार संपादक बरखा दत्त ने कहा कि चैनल के प्रमोटर और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने जनवरी 2019 में चैनल के कर्मचारियों की नियुक्ति करते समय न्यूनतम दो साल का कार्यकाल देने की बात कही थी लेकिन वे इससे पीछे हट गए. ज्ञात हो कि जनवरी 2019 में यह चैनल हार्वेस्ट टीवी के नाम से शुरू हुआ था, लेकिन एक महीने के अंदर इसका नाम बदलकर तिरंगा टीवी कर दिया गया.
कपिल सिब्बल के ये कारनामें भी पढ़ें-
Nitin kumar Awasthi
October 4, 2019 at 11:22 pm
चैनल और अखबारों की बाढ़ में पत्रकारों की दशा दिहाड़ी मजदूर से बदतर बन कर रह गयी है । लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाने वाला पत्रकारिता जगत संक्रमण काल के दौर से गुजर रहा है । बिना वेतन के जिला प्रतिनिधि बना कर लूट की छूट दी जा रही है । सबका साथ सबका विकास के बीच चौथा खंभा कहा है यह यक्ष प्रश्न उठना लाजमी है । मीरजापुर में नमक रोटी खिलाने का मामला सामने लाने पर मुकदमा । बाराबंकी में जर्जर विद्यालय छाता के नीचे पढ़ाई दिखाने पर भी मुकदमा । आईना दिखाना भी गुनाह की श्रेणी में आ गया है ।
दिहाड़ी मजदूर दिन भर काम करके अपने घर कुछ कमाई करके लौटता है । इसके विपरीत तमाम पत्रकार अपनी पूंजी फूंककर लौटता है । जबकि उनसे समाचार लेने वाले मस्त और पत्रकार पस्त । सबके विकास की बात होगी पर पत्रकारों को छोड़कर । यह नीति समझा जाय या मीडिया घरानों का दबाव ।
Shailendra Pandey
October 5, 2019 at 4:11 pm
यह सब बीजेपी में दुबारा सत्ता में आने के कारण है। कांग्रेस आती तो बरखा न जाती, फिर सब मिल बैठकर, बाँटकर खाते और पीते हिंदुस्तान कितना अच्छा होता।
अभी कुछ और टीवी चैनल्स मजे कर रहे हैं। नाम बहुत सारे हैं इसलिए लिखने की जरूरत नहीं।