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अब बीसीसीएल ऑपरेट करेगी अपने पत्रकारों के ट्विटर और फेसबुक अकाउंट

टाइम्स ऑफ इंडिया और उससे संबद्ध प्रकाशनो में कार्यरत सैकड़ों पत्रकारों को उनकी नियोक्ता कंपनी बीसीसीएल की ओर से एक बहुत ही अजीब और आश्चर्यजनक आदेश मिला हैः अपने ट्विटर और फेसबुक के पासवर्ड हमें दीजिए और हमें आपके लिए पोस्ट करने दीजिए।

<p>टाइम्स ऑफ इंडिया और उससे संबद्ध प्रकाशनो में कार्यरत सैकड़ों पत्रकारों को उनकी नियोक्ता कंपनी बीसीसीएल की ओर से एक बहुत ही अजीब और आश्चर्यजनक आदेश मिला हैः अपने ट्विटर और फेसबुक के पासवर्ड हमें दीजिए और हमें आपके लिए पोस्ट करने दीजिए।</p>

टाइम्स ऑफ इंडिया और उससे संबद्ध प्रकाशनो में कार्यरत सैकड़ों पत्रकारों को उनकी नियोक्ता कंपनी बीसीसीएल की ओर से एक बहुत ही अजीब और आश्चर्यजनक आदेश मिला हैः अपने ट्विटर और फेसबुक के पासवर्ड हमें दीजिए और हमें आपके लिए पोस्ट करने दीजिए।

पिछले सप्ताह कंपनी की ओर से सभी कर्मचारियों से एक करार पर हस्ताक्षर करने को कहा गया। करार पत्र में कहा गया है कि वे अपने निजी ट्विटर और फेसबुक खाते में कोई भी न्यूज़ लिंक नहीं डालेंगे। कंपनी द्वारा पत्रकारों से कहा गया है कि वे विभिन्न सोशल मीडिया प्लैटफॉर्मों पर कंपनी-अधिकृत खाते खोलें। उन्हे विकल्प दिया गया है कि वे अपने वर्तमान निजी सोशल मीडिया खातों को कंपनी के खातों में परिवर्तित कर सकते हैं।

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कंपनी ऐसे खातों का लॉग-इन आईडी और पासवर्ड अपने पास रखेगी और बिना पत्रकार की जानकारी के भी उसके खाते में कोई भी सामग्री पोस्ट करने के लिए स्वतंत्र होगी। सभी पत्रकारों के लिए अपने सभी व्यक्तिगत सोशल मीडिया खातों की जानकारी कंपनी को देना अनिवार्य कर दिया गया है।     

करार की इन शर्तों से पत्रकारों और कर्मचारियों में बेचैनी है। कुछ पत्रकारों द्वारा इसका विरोध किया गया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। पत्रकारों से कहा गया है कि समय आने पर उनकी चिंताओं और आपत्तियों का समाधान किया जाएगा।

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स्पष्ट है कि इस तुगलकी फरमान के बाद सभी पत्रकारों को अपने सोशल मीडिया खातों की जानकारी कंपनी को देनी होगी। लेकिन वे अपनी कोई स्टोरी या लिंक स्वयं अपने खाते में पोस्ट नहीं कर पाएंगे। दूसरे शब्दों में सोशल मीडिया पर पत्रकार के रूप में काम करने के लिए टाइम्स के पत्रकारों को या तो अपना निजी खाते को कंपनी के खातो में बदलना होगा या फिर नया कंपनी अधिकृत खाता खोलना होगा। और एक बार ऐसा होने के बाद इस खाते की चाबी कंपनी के पास होगी जिसमें वो जब जो चाहे पोस्ट कर सकने को स्वतंत्र होगी।

सबसे मज़े की बात ये होगी कि कंपनी द्वारा पोस्ट करने पर भी पढ़ने वाला यही मानेगा कि ऐसे खाते का धारक पत्रकार कंपनी की ओर से पोस्ट कर रहा है। पत्रकार यदि नौकरी छोड़ भी देता है तो भी कंपनी को अधिकार होगा कि वो खाते को उसके नाम से चलाती रहे। करार के अनुसार खाते की सभी प्रकार की बौद्धिक संपत्ती और भविष्य में उससे होने वाली आय कंपनी की होगी।

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0 Comments

  1. MUDIT MATHUR

    August 28, 2014 at 2:17 pm

    It is highly unconstitutional and direct infringement of fundamental right to privacy and freedom of expression. This right can not be taken away by any management. Any Editorial content is an intellectual property of its author and nobody can snatch this right as nobody has a right to impersonate other and if a company takes away this precious right they would be responsible for the offence of impersonation because it will amount a forgery.

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