विवेकानंद सिंह-
कौन ऐसा होगा जिसने सोनू सूद की तारीफ नहीं की होगी चाहे वो पक्ष हो या विपक्ष। दोनों पक्षों ने इन्हे अपने हिसाब से तर्क के रूप में इस्तेमाल किया। विपक्ष ने सत्ता की विफलता और सत्ता पक्ष ने नागरिक जिम्मेदारी निर्वहन के रूप में !
लेकिन जैसे ही सोनू सत्ता के लिए खतरा बनने लगे सत्ता ने अपने खतरे को निपटाना शुरू कर दिया और आज IT ने इनपर बीस करोड़ की कर चोरी का आरोप लगाया !
जबकि पूरा देश ना सर्फ जानता है बल्कि देखा भी है की सोनू सूद ने बीस करोड़ से ज्यादा की तो लोगो की मदद कर दी होगी !
और अगर सोनू सूद ने बीस करोड़ आयकर नही दिया तो अच्छा किया क्योंकि फिर वो पैसा जिसको इन्होंने गरीबों की मदद में खर्च किए थे वो आज किसी सुशील मोदी किसी अडानी अंबानी मेहुल चौकसी द्वारा लूटे गए बैंको के घाटे भरने में लग गया होता या फिर वो देश के परिधानमंत्री के कपड़ो उनके हवाई दौरों पर उनको पिछड़ा गरीब चायवाला फकीर परधान सेवक बताने के प्रचार में खत्म हो जाता !
अंधभक्तों सत्ता समर्थकों अभी भी तुम्हारी आंख नही खुल रही है तो एक काम क्यों नही करते इस नमूने सेवक को लेकर कही दूसरी दुनिया में क्यू नही चले जाते हमारा पीछा छूटता तुम भी खुश रहते और हमे भी सुकून रहता !
युसूफ किरमानी-
विदेशी फंड पर दोहरा मापदंड क्यों? सीबीडीटी (सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्सेज़) यानी इनकम टैक्स विभाग ने कहा है कि Sonu Sood ने 20 करोड़ की टैक्स चोरी की है।
इसमें विदेश से सोनू सूद को प्रवासी मज़दूरों और ग़रीबों के लिए भेजे गए 2.1 करोड़ का फंड भी शामिल है।
सवाल है कि भाजपा, आरएसएस, वीएचपी, विवेकानंद फ़ाउंडेशन को विदेश से जो फंड आता है, उसकी जाँच कौन करेगा? कब होगी यह जाँच? सरकार चलाने वाली पार्टी और उसके संगठन पहले अपने गिरेबान में तो झांकें।
बीजेपी ने दिल्ली में जो फ़ाइव स्टार जैसा अपना दफ़्तर बनाया, उसमें देश के किन उद्योगपतियों की ब्लैकमनी लगी है, उनकी जाँच कौन करेगा।
हरियाणा में रोहतक, फरीदाबाद, गुड़गाँव, पानीपत में भाजपा के दफ़्तर और आरएसएस के प्रकल्प (क्षेत्रीय मुख्यालय जैसा) जो बने हैं या बन रहे हैं, उनमें किन बेईमान आईएएस अफ़सरों की “गुरुदक्षिणा” और सरकारी बैंकों का पैसा डकारने वाले उद्योगपतियों का पैसा लग रहा है? इनकी जाँच कौन करेगा? अकेले रोहतक में बीजेपी का दफ़्तर बनाने पर एक हज़ार करोड़ रूपये खर्च किए गए हैं। यह दफ़्तर रेलवे का ठेका लेने वाली नोएडा की कंपनी ने बनाया है। सभी जगह ज़मीन सरकार ने मामूली पैसा लेकर दी है और दे रही है।
कनाडाई नागरिक और बॉलीवुड की कमाई से ब्लैकमनी बनाने वाले एक्टर अक्षय कुमार की जाँच इनकमटैक्स डिपार्टमेंट कब करेगा? सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले, फुटपाथ पर ग़रीबों को कुचलने के आरोपों से घिरे रहे सलमान खान की ब्लैक मनी की जाँच कौन करेगा।
भारत के उद्योगों में मनॉपली (एकाधिकार) चलाने वाले रिलायंस (मुकेश अंबानी) और गौतम अडानी (अडानी समूह) की ब्लैकमनी की जाँच कौन करेगा? इस समय शेयर मार्केट को साठ हज़ार पहुँचाने वाले रिलायंस की जाँच कौन करेगा। ताज्जुब है कि बढ़ते शेयर मार्केट को नागपुरी जमात के बहुसंख्यक तरक़्क़ी बता रहे हैं। तमाम तरह की इनसाइड ट्रेडिंग और अंडरराइटिंग कौन उद्योगपति करा रहा है? इसकी जाँच कौन सी आर्थिक एजेंसी करेगी?
ब्लैकमनी से चैनल खोलने वाले तमाम मीडिया हाउसों की जाँच कौन करेगा?
सूची बहुत लंबी है। बात वही है कि ….हम करें तो कैरेक्टर ढीला है…
सोनू सूद आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल से न मिलता तो छापे की नौबत नहीं आती। यह छापा डलवाया इसीलिए गया है ताकि यूपी के लोग ख़ासतौर से मियाँभाई लोग आम आदमी पार्टी को भाजपा की बी टीम न समझने लगें। जाँच तो यह भी हो कि सोनू सूद को केजरीवाल तक ले जाने वाला शख़्स कौन था? क्या उसके रिश्ते आरएसएस से जुड़े हैं? सोनू सूद बेचारा शरीफ़ एक्टर है, चालाक लोगों ने उसे फँसा दिया।
लोग यह आशंका जता रहे हैं कि एक दिन सोनू सूद भी भाजपा का हो जाएगा। मैं इसमें कोई बुराई नहीं समझता। उसे खुद को बचाने के लिए ऐसा करना पड़ेगा तो क्या बुरा है?
(मेरी पोस्ट की रीच यानी पहुँच फ़ेसबुक ने घटा दी है। ऐसा बहुतों के साथ हुआ है। लेकिन हम लिखेंगे, चाहे इसे दो लोग ही पढ़ें)
Rashmi
September 18, 2021 at 6:13 pm
Bhai Sahab Aapko RSS Se itni kya pareshani hai?
Jab dekho tab apna lahnga utha dete hai?
विकास
September 22, 2021 at 2:08 pm
तुमको 20 करोड़ में से टुकड़ा मिला या ऐसे ही पूंछ हिला रहे हो ?