राकेश कायस्थ-
आप सौ रुपये का पेट्रोल क्यों भरवाते हैं, महंगा टोल टैक्स और तमाम तरह की जीएसटी क्यों देते हैं, उन सबका जवाब एक पेज के इस विज्ञापन में छिपा हुआ है। पब्लिक फंड के दुरुपयोग का यह एक बेशर्म नमूना है। ये अख़बार महाराष्ट्र का है, जो अंग्रेजी में छपता है।
उस अख़बार में उत्तराखंड का मुख्यमंत्री हिंदी में एक पन्ने का विज्ञापन देकर नीरज चोपड़ा को गोल्ड मेडल जीतने पर बधाई दे रहा है।
विज्ञापन में पनौती बाबा भी सीना ताने नज़र आ रहे हैं। आखिर इस विज्ञापन का उदेश्य क्या है?
अगर यह विज्ञापन हरियाणा सरकार ने दिया होता तो एक हद तक उसे जायज ठहराया जा सकता था कि चलो राज्य की इमेज बिल्डिंग का मामला है।
उत्तराखंड के करदाताओं के पैसे से वहाँ का मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के अख़बार में अपना फोटो चमका रहा है। कोरोना ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ रखी है। नौकरियां नहीं है लोगों की जमा पूंजी खत्म हो रही है और दूसरी तरफ उनकी पैसे से इतना बेहूदा पीआर!
मैं मुंबई में रहता हूं और यहां हिंदी अंग्रेजी का कोई भी बिजनेस चैनल ऑन करता हूँ तो उसमें योगी बाबा नज़र आते हैं। चीख-चीखकर बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे अच्छा राज्य है और कोरोना मैनेजमेंट वहां सबसे बेहतर रहा है।
जिन सरकारी विज्ञापनों में आम आदमी के मतलब की कोई सूचना ना हो, अदालतों को उनपर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए और नेताओं को बताना चाहिए कि जो पैसे तुम उड़ा रहे हो, वह जनता की गाढ़ी कमाई का है, तुम्हारे बाप का नहीं।
Murar
August 8, 2021 at 12:23 pm
दिल्ली की जनता के पैसे से खुजलीवाल जो देश के हर कोने में ख़बर चमकता है वो ? चाटुकार पत्रकारिता के शिखर पर चाटुकार 4 भड़ास !
आमिर किरमानी, पत्रकार, हरदोई
August 8, 2021 at 2:02 pm
आपके लेख की भाषा से मुझे आपत्ति है। किसी भी सम्मानित व्यक्ति के लिए “चमका रहा है” जैसे शब्द ठीक नहीं है। आप “चमका रहे हैं” भी लिख सकते थे। क्या किसी में दम है कि यूपी के मुख्यमंत्री के लिए वह ऐसे शब्द इस्तेमाल कर सके ? जाहिर है नहीं। रही बात विज्ञापन की, तो अखबारों और न्यूज़ चैनल को हर युग में हर सत्ताधारी पार्टी विज्ञापन देती है, भले ही आप टैक्सपेयर्स का पैसा होने का रोना रोते रहें। सरकार अपने काम का प्रचार विज्ञापन के माध्यम से ही करती है। माना कि उत्तराखंड का कोई भी खिलाड़ी पदक नहीं ला सका, लेकिन प्रधानमंत्री की मक्खनबाजी और खिलाड़ी का उत्साह बढ़ाने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने अखबारों में फुल पेज का विज्ञापन दिया है।
एक मीडिया कर्मी होने के नाते हमें और आपको अपने साथियों का भी ध्यान रखना चाहिए, अगर विज्ञापन नहीं मिलेंगे, तो उनकी रोजी-रोटी कहां से चलेगी, भले ही वह बड़ा मीडिया हो या फिर छोटा।
सादर
Ravindra nath kaushik
August 19, 2021 at 12:54 am
हरियाणा विज्ञापन देता तो ठीक था, उत्तराखंड का देना गलत। पत्रकार है कि भडबूजा?