Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

बेलगाम एंकर अंजना ओम कश्यप

अभी-अभी आजतक बंद किया है। देख रहा था, इंडिया 360 डिग्री। होस्ट कर रही थीं बेलगाम एंकर अंजना ओम कश्यप। एक खबर आई। ब्रेकिंग न्यूज में। खबर थी, नीतीश का स्टेटमेंट। नीतीश कुमार ने कहीं स्टेटमेंट दिया था कि मैं अहंकारी हूं परंतु शिष्टाचार नहीं भूलता। जाहिर तौर पर नीतीश के तीर पर मोदी ही थे। यह सब चल ही रहा है। कई दिनों से। लेकिन एक पत्रकार होने के नाते अंजना ओम कश्यप से जो उम्मीदें थी, उसे उन्होंने न सिर्फ तोड़ दिया बल्कि मेरे मन में अपने लिए और ज्यादा नफरत भी पैदा कर दिया। अंजना ने पंच मारा-कितनी बेमानी हैं ये बातें। बिहार में इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है, सड़कें नहीं हैं और इस किस्म की बातें…लड़ाई, झगड़ा, चोरी और डकैती वहां पर हो रही है….यह सब कहते-कहते उनके चेहरे पर बेहद घटिया किस्म के भाव आए थे। आप लोग इसकी रिकार्डिंग मंगवा सकते हैं। आज तक से।

अभी-अभी आजतक बंद किया है। देख रहा था, इंडिया 360 डिग्री। होस्ट कर रही थीं बेलगाम एंकर अंजना ओम कश्यप। एक खबर आई। ब्रेकिंग न्यूज में। खबर थी, नीतीश का स्टेटमेंट। नीतीश कुमार ने कहीं स्टेटमेंट दिया था कि मैं अहंकारी हूं परंतु शिष्टाचार नहीं भूलता। जाहिर तौर पर नीतीश के तीर पर मोदी ही थे। यह सब चल ही रहा है। कई दिनों से। लेकिन एक पत्रकार होने के नाते अंजना ओम कश्यप से जो उम्मीदें थी, उसे उन्होंने न सिर्फ तोड़ दिया बल्कि मेरे मन में अपने लिए और ज्यादा नफरत भी पैदा कर दिया। अंजना ने पंच मारा-कितनी बेमानी हैं ये बातें। बिहार में इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है, सड़कें नहीं हैं और इस किस्म की बातें…लड़ाई, झगड़ा, चोरी और डकैती वहां पर हो रही है….यह सब कहते-कहते उनके चेहरे पर बेहद घटिया किस्म के भाव आए थे। आप लोग इसकी रिकार्डिंग मंगवा सकते हैं। आज तक से।

देश का कौन सा शहर है ऐसा जहां इंफ्रास्ट्रक्चर पूरा हो? दिल्ली में है? गुजरात में है? गोवा में है? महाराष्ट्रा में है? भाजपा शासित किस प्रदेश में है? मैं अपना जीवन उन सज्जन की चाकरी में बीता दूंगा जो साबित कर दें कि देश के किसी भी सूबे में पूरा का पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर हो। भाजपा ही नहीं, कांग्रेस नीत सरकार वाले भी किसी सूबे में पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। तो, बिहार को बदनाम क्यों कर रही हैं अंजना? नीतीश का नाम लेते हुए उनका मुंह कसैला क्यों हो जाता है? ये पत्रकारिता नहीं कर रही हैं। ये हम पत्रकारों को बदनाम करने का दुष्कर्म कर रही हैं। इन्हें कितने विषयों की जानकारी है, भगवान जानें। एक बार सामना हो जाए तो मजा आ जाएगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अंजना ने कहा कि बिहार में चोरी होती है, मार-धाड़ होता है, डकैती होती है। मेरा प्रतिप्रश्न हैः दिल्ली, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड….किस राज्य में अपराध नहीं होते? यूपी में नहीं होता? महाराष्ट्र में नहीं होता? कहां नहीं होता?? हर जगह होता है। उसके लिए पुलिस है। पुलिस वाले ड्यूटी ईमानदारी से करते हैं या नहीं, यह अलग विषय है पर चुनाव के इस मौसम में इस तरह प्रधानमंत्री की तरफदारी करने वाली रिपोर्टिंग क्यों और वह भी आजतक जैसे मंच से???

मैं 24 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। बिहार, झारखंड, असम, महाराष्ट्रा, यूपी, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश में पत्रकारिता कर चुका हूं। कहीं रामराज्य नहीं है। 100 फीसदी इंफ्रास्ट्रक्चर भी कहीं डेवलेप नहीं है। गांधीनगर की गलियों में भी घूम चुका हूं। कहीं रामराज्य नहीं है। फिर अंजना बिहार पर तंज क्यों कस रही हैं? आप जानती ही कितना हैं बिहार को? बीते 10 साल में बिहार जिस तेजी से बदला है उसे महसूस करने के लिए आपको बिहार की यात्रा करनी चाहिए। आप जाइए गांवों में, शहरों में। देखिए तो कि बिहार कहां से कहां पहुंच गया है? बिना केंद्र सरकार के समर्थन के 10 फीसदी का विकास दर हासिल करना हंसी ठट्ठा नहीं है। आप इसे मजाक न बनाएं अंजना जी। कोई हक नहीं है आपको। आप पत्रकारिता कीजिए न। किसने रोका है आपको। सत्ता की दलाली मत कीजिए। हम लोगों की विश्वसनीयता पर संकट मत खड़ा कीजिए। यही आपसे निवेदन है। अगर आप ऐसी ही उल-जुलूल टिप्पणियां करेंगी तो हम जैसे समर्थ पत्रकार आपके खिलाफ ही मोर्चा खोल देंगे। इसे बढ़िया से समझ लीजिए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

लेखक आनंद सिंह कई बड़े अखबारों में काम कर चुके हैं और इन दिनों अपने गृह जनपद गोरखपुर में रहते हुए पत्रकारिता के कुछ नए प्रयोगों में जुटे हुए हैं. आनंद से संपर्क 08400536116 या 08004678523 के जरिए किया जा सकता है.


इस पुरानी पोस्ट को भी पढ़ सकते हैं:

Advertisement. Scroll to continue reading.

परम अहंकारी अंजना ओम कश्यप को अनिश्चित काल के लिए फोर्स लीव पर भेज देना चाहिए

17 Comments

17 Comments

  1. Sa Eid

    August 21, 2015 at 7:10 pm

    चुप महामूर्ख आनंद सिंह. सूरज को दिया दिखाने चला है !

  2. Shigufa

    August 21, 2015 at 11:05 pm

    sahi baat Sa eid. anjana kashyap is great anchor. na koi ab tak, na koi aaj tak.unka kad sabse bada hai

  3. विश्वदीपक कुमार

    August 22, 2015 at 2:55 am

    अगर अंजना कश्यप सूरज हैं तो आप दोनों चम्मच क्या हैं, यह समझाने की जरूरत नहीं। मैं तो इस नकचढ़ी को सुनता ही नहीं। आनंद सिंह ने जो लिखा है, बिल्कुल सही लिखा है। डोंट वरी आनंद भाई। इन चुतयों की कमेंट का बूरा न मानियो।

    • anurag

      September 21, 2018 at 11:29 am

      good

  4. rahul singh

    August 22, 2015 at 4:34 am

    कौन कितना महान है ये तो नौकरी जाने के बाद पता चलता है. लेकिन नौकरी के मद में ऐसे कमेंट नहीं करने चाहिए जिससे भविष्य में हम किसी से आंख ना मिला सके. पत्रकार का काम समाचार दिखाना होता है कमेंट करना नहीं. कमेंट करना है तो अलग से स्पेशल पैकेज बनाए. खूब कमेंट करें.
    खैर तेरे रूप का जादू आज नहीं तो कल जाएगा.

  5. Gopalji Journalist

    August 22, 2015 at 5:41 am

    आदरणीय भाई आनंद सिंह जी किसी हद तक सही हैं लेकिन जहां तक विकास का मुद्दा है तो कुछ राज्य ऐसे हैं जहां बेसिक विकास हुआ है 100 प्रतिशत तो विकसित देशों में भी देखने को नहीं मिलता।
    इसके अलावा आनंद सिंह जी ने देश के सभी राज्यों के विकास और विकास के सभी सार्थक प्रयासों के सिरे से खारिज कर दिया और से महसूस होता है की वह नितीश जी से काफी प्रभावित लगते हैं।

  6. आनंद सिंह

    August 22, 2015 at 6:38 am

    प्रिय भाई गोपाल जी,
    भारत के प्रायः हर सूबे ने तरक्की की है। उन्हें किसने खारिज किया। मैंने नहीं किया। मैंने यह कहा कि चोरी-डकैती किस सूबे में नहीं होती है, जो अंजना जी ने कही थी। आप जब सूबों की तहकीकात करेंगे तो पता चलेगा कि चोरी-डकैती, अपहरण-रेप यानी अपराध हर सूबे में है। सरकारें कोई भी हो, अपराध हर सूबे में होता ही है। अपराध रोकने के लिए पुलिस है। पुलिस के काम पर निगरानी रखी जाए। और फिर, सबसे अहम है कि आपकी भावना कैसी है। मैं पड़ोसी राज्य झारखंड का हूं। बिहार की बदहाली मैंने देकी है, झेली है पर बीते 10 साल में बिहार आगे बढ़ा है। यह भी मानना चाहिए। हम जब भी राय दें तो तमाम पहलुओं के मद्देनजर दें, न कि किसी घटना अथवा व्यक्ति विशेष से प्रभावित होकर।
    आपको लगता है कि मैं नीतीश से प्रभावित हूं। मेरा जवाब है, हां भी और नहीं भी। हां इसलिए क्योंकि मैं पत्रकार होने के पहले एक नागरिक हूं और मैं मानता हूं कि नीतीश कुमार ने काम तो किया है। कोई इनकार नहीं कर सकता। ना इसलिए क्योंकि मैं अखबार का आदमी हूं। किसी पार्टी-व्यक्ति से अगर प्रभावित होता हूं तो अपने पेशे से न्याय नहीं कर पाऊंगा। पर, जो असल फोकस था वह था अंजना ओम कश्यप का तंज, उनकी टिप्पणी। वह मुझे चुभी। मेरा ख्याल है, कई लोगों को चुभी होगी। कमेंट करने के लिए आजतक में ही कई प्रोग्राम हैं। कीजिए कमेंट। कोई बुरा नहीं मानेगा। लेकिन खबर में कमेंट नहीं होना चाहिए। हम लोगों ने पत्रकारिता में यही सीखा है। बाकी आपकी मर्जी।

    • Satyendra tripathi

      July 6, 2019 at 10:57 pm

      Good brother.. आपका लेख पढा ..Good think

  7. Akhil kumaar

    August 22, 2015 at 6:54 am

    SHURU KE JO DO COMMENT HAI AISA LAGATA HAI KE WO ANJANA JEE KE CHAMCHE HAI…. SAHI BAAT KO SAHI AUR GALAT KO GALAT MANNA AUR BOLNA CHAHIYE…. JO AISA NAHI KARTA WO YA TO CHAPLOOS HAI YA CHATUKARITA KE BAL PAR HI NAUKARI KAR PATA HAI.. AUR YE DONO AISE HI LAGTE HAI… ANAND KI BAAT KAFI HAD TAK SAHI HAI….

  8. l.b. gupta

    August 22, 2015 at 10:48 am

    Anjana kashyap kya hai kya nahi, isase kisi ko kya lene-dena. kyou Aap log lad rhe ho bhai mere, sayad Aap logo ko melum nahi ki chapjusi ka hi to sansar hai bhaiyo, chahe vah patrakar ho ya Aam jamta.

  9. Asif Khan

    August 22, 2015 at 12:23 pm

    Shuru ke dono comment farzi account se kiye gaye hain….

  10. Tushar

    August 26, 2015 at 4:16 am

    एक न्यूज एंकर को सुंदर के साथ शालीन भी होना चाहिये …tushar sharma 9335223300

  11. pankhuri singh

    August 26, 2015 at 11:26 am

    इस तरह से आप लोग आपस में क्यूँ लड़ रहे हैं ,क्या ये एक पत्रकार को शोभा देती है ??

  12. Naresh Joshi

    September 29, 2018 at 12:36 pm

    आज कल जिस तरह की टी वी पर डेबिट दिखाई जाती है होसकता है अंजना ॐ कश्यप का रोल ठीक हो जिस तह मेहमान अपना आप खो कर लड़ने लगते है ये सब बी जे पी और संघ वाले जबसे सत्ता में आये है टी वी पर तमाशा होता रहता है इसीलिए कोई देखना नहीं चाहता है
    जहा तक मेहताजी को इस तरह नहीं कहना चाहिए अंजनाजी का व्यव्हार अस्वीकार्य है अपना स्वयं को छोटा करना ही साबित होता है महाय\तजि ने तो अपनी पारी खेल चुकी है अंजनाजी को बहुत दूर तक चलना है

  13. अमन कुमार

    November 8, 2018 at 1:21 am

    आज बिहार के मुख्‍यमंत्री अच्‍छे हो गए हैं, अब वहां कुछ नहीं होता है क्‍योंकि ……………. भाजपा का साथ है.

  14. विमलेश तिवारी

    April 11, 2019 at 8:25 pm

    आज तक चैनल पूरी तरीके से भगवा रंग में रंग चुका है जो कि कटु सत्य है इस बात को नकारा नहीं जा सकता एक पत्रकार होने के नाते मैंने इसका विश्लेषण किया है जो कि मेरे कुछ भाइयों को जो की चाटुकारिता ही अपना धर्म समझते हैं बुरा लग सकता है अंजना ओम की भाषा वाकई में एक पत्रकार की भाषा ना होकर किसी पार्टी विशेष की भाषा बन चुकी हैl

  15. Vikash Pandey

    November 17, 2019 at 9:34 am

    Intolerable she is. Who made her journalist? She should be thrown out from the country. Oversmart samajhati hai ye khud ko. She is a big nuisance.

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement