Mithilesh Priyadarshy : नेतन्याहू इजरायल से ‘भाग’ कर आये हैं. उनके अपने देश में लोग उनसे इस्तीफ़ा मांग रहे हैं. क्योंकि उनपर गैस के सबसे बड़े उत्पादक कोबी मेमोन (भारत का अम्बानी) को एक बड़े सौदे में फ़ायदा पहुँचाने का आरोप लगा है. और यह बात बड़े दिलचस्प तरीके से सामने आई है. नेतन्याहू का बेटा कोबी मेमोन के बेटे से एक वेश्या को देने वास्ते कुछ उधार माँगता है, ‘भाई, मेरे बाप ने तुम्हारे लिए 20 अरब डॉलर का सौदा करवाया है और तुम मुझे 400 शेकेल ‘पंइचा’ नहीं दे सकते?’ बस तब से बवाल कटा पड़ा है.
उससे भी दिलचस्प बात कि इस टेप के सामने आते ही उसी रात इसराइली एयरफ़ोर्स का सीरियाई आर्मी ठिकानों पर हमला हो जाता है. मतलब सब देशों की एक ही कहानी है. सत्ता और पूंजी का गठजोड़ चौतरफ़ा कायम है. सबके अपने ‘अंबानी-अदानी’ हैं, जो अपने मुनाफे वास्ते चुनाव में अपनी पूंजी खर्चकर किसी मनमाफ़िक ‘जमूरे’ को सत्ता में पहुंचाते हैं. फिर ‘जमूरा’ विकास के नाम पर दुनिया-जहान के सौदों में उसे लाभ पहुंचाकर ५ साल तक वह ऋण उतारता रहता है.
इन सबके बीच हो-हंगामे होने पर सब देशों का अपना एक ‘पाकिस्तान’ भी होता है, जो जनता का ध्यान बंटाने में मदद करता है. सबके अपने विदेशी दौरे भी होते हैं, जो मुसीबत के वक्त जनता के जूतों की ज़द में आने से बचाते हैं. याद ही होगा, मोदी जी ८ नवम्बर को नोटबंदी करके १० नवम्बर को थाईलैंड निकल गए थे. और जीएसटी लागू कर तीन दिन बाद ही 4 जुलाई को इजरायल निकल गए थे. शायद उसी दौरे पर इन्होंने नेतन्याहू को कान में कहा होगा, भाई, भारत को अपना ही घर समझो. जब मुसीबत लगे, आ जाओ. और मुसीबत में फंसे नेतन्याहू आ गये. सिम्पल.
जेएनयू के रिसर्च स्कालर मिथिलेश प्रियदर्शी की एफबी वॉल से.
इसे भी पढ़ें…
rajesh sharma
January 18, 2018 at 9:44 am
jnu ki soch hi gandi hei.khate desh ka hein or kam pta nahin kiske lie karte hei..