एक विद्रोही-बागी न्यूज पोर्टल के लिए दशक भर तक अड़े-टिके रह जाना सामान्य बात नहीं है. भड़ास4मीडिया डॉट कॉम जब शुरू हुआ था तो ढेर सारे लोग किसिम-किसिम से मजाक उड़ाते थे. वक्त सबको जवाब दे देता है. जो लोग हंसते थे, ताने देते थे, वे जाने कहां बिला गए. जो कुछ शेष हैं, वो चुप्पी साध गए. भड़ास चलता, लड़ता, गिरता-उठता रहा. दस साल के सफर में हर साल भड़ास के वर्षगांठ पर जलसा करने भर के लिए पैसे भले न हो पाए हों, लेकिन पोल-खोल खबरों को छापने के हिम्मत-तेवर में हम लोगों ने रत्ती भर भी कमी न आने दी.
भड़ास के जन्म के साथ ही कुछ चीजें तय थीं. यह पोर्टल आम मीडियाकर्मियों की आवाज बनेगा, यह पोर्टल जनपक्षधर रहेगा, ये भी कि यह पोर्टल खुद को जिंदा रखने के वास्ते अपने पाठकों-शुभचिंतकों से पैसे लेगा, चंदे के रूप में. किसी अन्य साधन-स्रोत की तरफ न मुड़ेंगे ताकि इसकी धार-तेवर में कमी न आए.
दस साल के आयोजन को एक पांच सितारा होटल में रखने और यहां विमर्श, प्रशिक्षण, व्याख्यान, गाने-खाने-पीने के सारे इंतजाम करने में दस से बारह लाख रुपये के बीच में खर्च आ रहा है. लेकिन, ये खर्च अच्छा है. ये खर्च बताता है कि आप क्रांतिकारी बनकर भी जी सकते हैं, पूरी शान से, पूरे इमान से. ये खर्च बताता है कि आप एक वेबसाइट मात्र चलाकर भी अपनी विशिष्टता के चलते अलग छाप छोड़ सकते हैं, मीडिया की भेड़ टाइप भीड़ में अलग खड़े हो सकते हैं. ये खर्च बताता है कि जब आप कंटेंट फील्ड में अथक मेहनत करते हैं तो रेवेन्यू पीछे-पीछे चुपचाप खिंचा चला आता है.
आज लाइन लगी है भड़ास का एकाउंट नंबर मांग कर उसमें पैसा जमा करने की. कोई पांच सौ रुपये तो कोई पांच हजार तो कोई इक्कीस हजार रुपये. लोगों ने इस दफे लाख पार भी पैसा दिया, दे रहे हैं. ये है जनसहभागिता. ये है सामूहिकता. ये है जनपक्षधरता.
हां, इस बार जाने क्यों खर्च ज्यादा होने के बावजूद एक निश्चिंतता का भाव है. यूं लगता है कि सब कुछ हो जाएगा ठीकठाक, मुझे ज्यादा परेशान होने, ज्यादा चिंतिंत होने की जरूरत नहीं है. ये संतोष, ये शांति, ये निश्चिंतता का भाव शायद मेरी भीतर की दशक भर चले वैचारिक जद्दोजहद के उदात्ततम होते जाने और भड़ास को जनपक्षधर बनाए रखने के कारण है. लंबी योजनाएं बनाना जाने कब का छोड़ चुका हूं. तत्काल-तत्क्षण में जीने का सलीका डेवलप हो चुका है. मैं मनुष्यों में कम, मनुष्येतर चीजों में ज्यादा अपने को पाता हूं, लीन-विलीन.
जब जब भड़ास का आयोजन हुआ, कुछ चुनिंदा लोगों को हमने सम्मानित किया. जिस दौर में हम लोग जी रहे हैं, उसमें सब कुछ बिकाऊ है, या यूं भी कह सकते हैं जो कुछ बिकाऊ है, वही मुख्यधारा है, वही बाजार का हिस्सा है, अन्यथा बाकी सब की नियति नष्ट होने लायक मान लिया जाता है. फिर भी, हम लोगों ने बेहद ढिठाई से उन-उन को चुन-चुन कर एवार्ड दिया, जिनने जोश-जज्बे में कुछ रचा, जनपक्षधरता के लिए लड़े, मुख्यधारा को चैलेंज किया, अपने हक के लिए लड़े, अपनों के वास्ते खड़े हुए, अपने हुनर-टैलेंट से समाज को बिना शर्त कुछ दिया.
किसे एवार्ड दें, किसको न दें, इसके लिए हम ज्यूरी नहीं रखते-बनाते. हम बस खुद की अपनी आंखें खुली रखते हैं और जिन्हें-जिन्हें स्कैन कर पाते हैं, उन्हें एवार्ड के लिए पकड़ लाते हैं. इसमें खतरा भी है, पलक झपकने के दौरान कुछ अच्छे लोगों के छूट जाने की. पर कोई नहीं, कुछ भी तो पूर्ण नहीं है. कमियां बनी रहें ताकि बेहतर करने की लालसा कायम रहे.
तो पुरस्कार चयन के पैरामीटर के मामले में कह सकते हैं, न खाता न बही, यशवंत जो कहे वही सही. ऐसा कहने करने में भी सुख है. ये देश चलाने के लिए इतना सब सिस्टम, नियम-कानून बनाया गया, इतने इंस्टीट्यूशन बनाए गए. उनका हश्र आज आप देख रहे हैं. इनके छीजते जाने, नष्ट-भ्रष्ट होते जाने का जो दौर दशकों पहले शुरू हुआ, आज वह अपने वीभत्सतम रूप में उजागर है. इसलिए आप फिलहाल कुछ भी दावा करने की स्थिति में नहीं रह गए हैं कि ज्यूरी का फैसला सही या इंडिविजुअल का आब्जरवेशन.
बेइमान होना होगा तो पूरा का पूरा तंत्र संगठित तौर पर बेइमान हो जाएगा और आप आलू छीलते रह जाएंगे. ईमानदार बने रहना होगा तो एक इंडिविजुवल अकेले ही पूरा सिस्टम को चैलेंज करते हुए अड़ा-खड़ा रह सकता है और दरम्यान-ए-सफर वह बहुतों का आदर्श बन सकता है. इसलिए मेरे पर भरोसा करिए. हालांकि आपके पास भरोसा करने के अलावा कोई विकल्प भी नहीं है क्योंकि भरोसे का जो कत्लेआम कुछ वर्षों में हुआ है, उसके चलते लोग विश्वास और अविश्वास में फर्क करना भूल चुके हैं. सो, आप अविश्वास करते हुए ही सही, मेरे पर विश्वास करिए.
एवार्ड पाने वाले ये जो लोग हैं, हीरे हैं, सदा के लिए. इसी सितंबर महीने की 22 तारीख को नोएडा के रेडिसन ब्लू होटल में इन सारे हीरों को आप जगमगाते पाएंगे. ये नहीं कहता कि जो छूट गए वो कोयला थे. हीरों से भरी पड़ी है धरती, मेरा ये भरोसा भड़ास चलाते हुए बढ़ा है. हां, हम लोग सबको एक ही फंक्शन में एवार्ड के लिए नहीं समेट सकते इसलिए जो छूटे हैं, वो रुठे नहीं. वक्त गुजरने और दिन फिरने में ज्यादा देर नहीं लगता.
यहां यह जरूर जिक्र करना चाहूंगा कि मजीठिया वेज बोर्ड के लिए वर्षों से लड़ रहे क्रांतिकारी साथियों को सम्मानित करना मुझे सबसे ज्यादा सुखकर लगेगा. इन साथियों को सम्मानित करने के लिए अभी तक एक अनंतिम लिस्ट तैयार की गई है, जिसे नीचे दे रहे हैं. इस लिस्ट को तैयार करने के लिए मोटामोटी पैमाना ये रखा गया है कि मजीठिया वेज बोर्ड के लिए एक्टिविस्ट की तरह सक्रिय और दूसरे पत्रकार साथियों की आगे बढ़कर इस काम हेतु मदद के लिए तत्पर रहने वाले मीडियाकर्मियों को सम्मान के लिए चुना जाए. अगर कोई नाम छूट रहा हो तो जरूर मुझे मेल कर दें, शामिल कर लिया जाएगा.
जैजै
यशवंत सिंह
संस्थापक-संपादक
भड़ास4मीडिया डॉट कॉम
#bhadas10
भड़ास के दमादर 10 बरस पूरे होने पर सम्मानित किए जाने वालों की सूची…
1- भड़ास ‘बेस्ट डिजिटल जर्नलिस्ट’ एवार्ड-
डा. यशवंत चौधरी (संस्थापक, सीकर टाइम्स) सीकर, राजस्थान
2- भड़ास ‘साहसी पत्रकार’ सम्मान-
अब्दुल हमीद बागवान (वरिष्ठ पत्रकार और उद्यमी), भीलवाड़ा, राजस्थान
3- भड़ास ‘जनपक्षधर लेखन’ सम्मान-
भंवर मेघवंशी (वरिष्ठ पत्रकार, चिंतक और सोशल एक्टिविस्ट) भीलवाड़ा, राजस्थान
4- भड़ास ‘सीनियर फोटो जर्नलिस्ट’ एवार्ड-
सुनील दत्ता ‘कबीर’ (वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट), आजमगढ़
5- भड़ास ‘सीनियर फोटो जर्नलिस्ट’ एवार्ड-
मनोज अलीगढ़ी (वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट), अलीगढ़
6- भड़ास ‘सीनियर जर्नलिस्ट’ एवार्ड –
शंभूनाथ शुक्ला (वरिष्ठ पत्रकार), दिल्ली
7- भड़ास ‘सीनियर जर्नलिस्ट’ एवार्ड –
रजत अमरनाथ (वरिष्ठ पत्रकार), दिल्ली
8- भड़ास ‘सीनियर जर्नलिस्ट’ एवार्ड –
कृष्ण भानु (वरिष्ठ पत्रकार), शिमला
9- भड़ास ‘पत्रकारीय सरोकार’ सम्मान-
संगम पांडेय (वरिष्ठ पत्रकार और रंग समीक्षक), दिल्ली
10- भड़ास ‘सामाजिक सरोकार’ सम्मान-
आजाद पांडेय (चीफ कैम्पेनर, स्माईल रोटी बैंक), गोरखपुर
11- भड़ास ‘श्रेष्ठ उदीयमान राजनेता’ सम्मान-
जियाउर्ररहमान (युवा नेता, राष्ट्रीय लोकदल), उत्तर प्रदेश
12- भड़ास ‘मानवाधिकार संरक्षण’ सम्मान-
अविनाश पांडेय उर्फ समर अनार्या (मानवाधिकार कार्यकर्ता), हांगकांग
13- भड़ास ‘मीडिया सरोकारी शिक्षण’ सम्मान-
श्रीकांत अस्थाना (वरिष्ठ पत्रकार), मेरठ
14- भड़ास ‘रचनाधर्मिता’ सम्मान-
शैलेंद्र पांडेय (फोटो जर्नलिस्ट और फिल्मकार), दिल्ली
15- भड़ास ‘सोशल मीडिया एक्टिविज्म’ एवार्ड-
संजय कुमार सिंह (वरिष्ठ पत्रकार और उद्यमी), गाजियाबाद
16- भड़ास ‘जीवंत-जीवट’ सम्मान-
सत्येंद्र पी सिंह (वरिष्ठ पत्रकार), दिल्ली
17- भड़ास ‘विज्ञान चिंतन’ एवार्ड-
विजय सिंह ठकुराय (लेखक और उद्यमी), मेरठ
18- भड़ास ‘रीजनल जर्नलिस्ट’ एवार्ड-
हरपाल भाटिया (पत्रकार), डुमरियागांज, सिद्धार्थनगर
19- भड़ास ‘साहित्य-पत्रकारिता संयोजन’ एवार्ड-
जीएच क़ादिर (पत्रकार), डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर
20- भड़ास ‘पर्यावरण’ सम्मान-
उमेश श्रीवास्तव (पर्यावरणविद और समाजसेवी), गाजीपुर
21- भड़ास ‘पर्यावरण’ सम्मान-
आलोक कुमार (वरिष्ठ पत्रकार और पर्यावरण एक्टिविस्ट), देवघर/दिल्ली
22- भड़ास ‘चिकित्सा’ सम्मान-
हरिओम आनंद (संस्थापक, आनंद हास्पिटल), मेरठ
23- भड़ास ‘चिकित्सा’ सम्मान-
डा. अविनाश गौतम (फिजियोथिरेपिस्ट), गाजीपुर
24- भड़ास ‘उद्यमिता’ सम्मान-
अश्विनी कुमार श्रीवास्तव (पूर्व पत्रकार और रीयल इस्टेट उद्यमी), लखनऊ
25-भड़ास ‘शिक्षा गुणवत्ता’ सम्मान-
विशाल जैन (शिक्षाविद और उद्यमी), मेरठ
26-भड़ास ‘शिक्षा गुणवत्ता’ सम्मान-
मनीष सिंह (संस्थापक, ईजी क्लासेज) दिल्ली
27- भड़ास ‘आईटी एक्सपर्ट’ एवार्ड-
दिवाकर सिंह (वेब एक्सपर्ट और उद्यमी), नोएडा
28- भड़ास ‘कल्चरल एक्टिविज्म’ एवार्ड-
भावना शर्मा (फाउंडर, ताज लिट्रेचर क्लब), आगरा
29- भड़ास ‘पूर्वांचल सरोकार’ सम्मान-
अरविंद कुमार सिंह (संपादक, शार्प रिपोर्टर) आजमगढ़
30- भड़ास ‘श्रेष्ठ घुमक्कड़’ सम्मान-
राजीव नयन बहुगुणा (वरिष्ठ पत्रकार और एक्टिविस्ट), देहरादून
31- भड़ास ‘श्रेष्ठ घुमक्कड़’ सम्मान-
संतोष कुमार सिंह (वरिष्ठ अधिकारी, रेल विभाग), कानपुर
32- भड़ास ‘लीगल एक्टिविज्म’ एवार्ड-
उमेश शर्मा (एडवोकेट), दिल्ली
33- भड़ास ‘लीगल एक्टिविज्म’ एवार्ड-
मदन तिवारी (एडवोकेट), बिहार
34- भड़ास ‘लीगल एक्टिविज्म’ एवार्ड-
हिमाल अख्तर (एडवोकेट), दिल्ली
35- भड़ास ‘लीगल एक्टिविज्म’ एवार्ड-
दिनेश तिवारी (एडवोकेट), दिल्ली
36- भड़ास ‘लीगल एक्टिविज्म’ एवार्ड-
प्रतीक चौधरी (एडवोकेट), अलीगढ़
37- भड़ास ‘मित्र’ सम्मान-
बिनोद वर्मा (चार्टर्ड एकाउंटेंट), दिल्ली
38- भड़ास ‘मित्र’ सम्मान-
राकेश डुमरा (वेब एक्सपर्ट), दिल्ली
39- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
शशिकांत सिंह (मुंबई)
40- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
रविन्द्र अग्रवाल (हिमाचल प्रदेश)
41- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
धमेन्द्र प्रताप सिंह (मुंबई)
42- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
रतन राजपूत (दिल्ली)
43- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
पुरुषोत्तम सिंह (दिल्ली)
44- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
सुधीर जगदाले (महाराष्ट्र)
45- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
राजेन्द्र मल्होत्रा (चंडीगढ़)
46- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
शारदा प्रसाद त्रिपाठी (यूपी)
47- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
पंकज कुमार (गया, बिहार)
48- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
निर्मलकांत शुक्ला (बरेली, यूपी)
49- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
श्रीमती योगिनी खन्ना (नोएडा)
50- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
प्रमोद पटेल (छत्तीसगढ़)
51- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
महेश साकुरे (नागपुर)
52- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
अमित मिश्रा (राजस्थान)
53- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
संजय सैनी (राजस्थान)
54- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
भुपेश कुंभारे (कोल्हापुर महाराष्ट्र)
55- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
संतोष श्रीवास्तव (कोटा, राजस्थान)
56- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
लोकेश त्रिपाठी (यूपी)
57- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
अमित नूतन
58- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
दिनेश सिंह (बिहार)
59- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
महेश जी (दिल्ली)
60- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
अब्दुल करीम (कोटा)
61- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
देवेन्द्र दाधी (कोटा)
62- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
निरंजन जी (दिल्ली)
63- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
अरुण श्रीवास्तव (देहरादून)
64- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
तरुण भागवत (इंदौर)
65- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
धर्मेंद्र हाड़ा (इंदौर)
66- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
मयंक जैन (भोपाल)
67- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
हरिओम शिवहरे (होशंगाबाद)
68- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान-
अजय लोखंडे (होशंगाबाद)
69-भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान
गीता रावत (दिल्ली)
70-भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान
लतिका आत्माराम चाह्वाण (मुंबई)
71- भड़ास ‘मजीठिया क्रांतिकारी’ सम्मान
बृजेश कुमार पाण्डेय (हिसार, हरियाणा)
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भड़ास के दमदार 10 साल : एक डॉक्टर खोलेगा मीडिया की पोल, देखें वक्ताओं की लिस्ट और कार्यक्रम विवरण
https://www.youtube.com/watch?v=02BGy21-874
SHWETANK RATNAMBER
September 9, 2018 at 5:21 pm
JAI JAI… JAYATI JAI BHADAS JAI JAI…
SHABDO SE KACHU AAJ NA KAHIBE…
JAYATI JAI BHADAS JAI JAI…
MANCH JAHA SABKA SWAGAT JAI JAI
Santosh Kumar Singh
September 9, 2018 at 5:52 pm
bhadas4media के दसवीं वर्षगाँठ के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं?????
विगत 8 वर्षों से मैं भी इस मंच का अनुयायी रहा हूँ..और आज अपने वरिष्ठ बड़े भाई अविनाश पांडेय एवं मनीष सिंह को इस मंच द्वारा पुरस्कृत होते देखकर मुझे अत्यधिक हार्दिक प्रसन्नता हो रही है
अरुण श्रीवास्तव
September 9, 2018 at 6:45 pm
भड़ास4मीडिया के 10 साल पूरे होने पर अपने साथियों, सहयोगियों को भूला नहीं इसके लिए आभार। लगभग हर क्षेत्र से जुड़े लोगों को शामिल किया गया है इसके लिए भी यशवंत जी और उनकी टीम साधुवाद की हकदार है।
भड़ास इसी तरह आगे बढ़ता रहे यही कामना है।
Singhasan Chauhan
September 10, 2018 at 12:54 am
प्रिय यशवंत भाई,
आपकी हिम्मत की मैं दाद देता हूँ , अकेले सिस्टम से लड़ना ये हर किसी के बस की बात नहीं है , अधिकतर लोग कहने को साथ होते हैं और जब जरुरत पड़ने पर पीछे मुड़कर देखते हैं तो कोई भी नहीं होता , अकेले ही होते हैं और आपके ये लेख हमारे जैसों की हिम्मत को और बढ़ाते हैं और अकेले लड़ने का साहस दिलाते हैं …..
सिंहासन चौहान
फ़िरोज़ खान बाग़ी
September 10, 2018 at 8:50 am
बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं। इच्छा तो बहुत है आपके कार्यक्रम में शामिल होने की लेकिन समय अभाव की वजह से नहीं पहुंच सकूंगा ।
Saurabh
September 10, 2018 at 11:16 am
जय मात्रृभूमि ”””””””””””’ जय भारत
सर्व प्रथम तो आपके इस विशेष कार्यक्रम का विशेष शुभकामनां ।
मै आज विगत दो वर्षो से गुगल के माध्यम से आपके तमाम लेखो को पढता आ रहा हूं । जिससे हमे एक समाज से अलग उर्जा प्राप्त होती है । महोदय मै सौरभ मिश्र निजामाबाद आजमगढ का रहने वाला हूं और भारत रक्षा दल जैसे संगठन से जुडा हो कि आज के समाज मे निर्भिक एवं वंचित लोगो के समाज सेवा मे लगा हैं । आपके कार्य बहुत ही सम्माननीय है और जीवन लाने योग्य है । बहुत बहुत आभार शुभकामनां ।
Raj
September 10, 2018 at 5:08 pm
Congratulations for 10 anniversary bhadas, please update manjathia board latest report because Kafi dino se Majithia ke baare mein koi bhi Khabar Nahi Lagi aur yeah keas dila Padta ja raha hai.
Ma production Dept. Me kam karta hu
santosh shrivastava
September 20, 2018 at 11:47 am
भड़ास4मीडिया के 10 साल पूरे होने पर यशवंत जी आपको बहुत-बहुत बधाई। इस अवसर पर आपने अपनी हक की लड़ाई लड़ रहे हैं मजीठिया क्रांतिकारियों के दुख सुख में साथ दिया और इस खुशी के अवसर पर सम्मान दिया इसके लिए भी आपको बहुत-बहुत बधाई और आभार । मुझे पूर्ण विश्वास है आगे भी आप अपने छोटे भाइयों को याद करते रहेंगे ।भड़ास इसी तरह आगे बढ़ता रहे यही कामना है।
आपका छोटा भाई संतोष श्रीवास्तव कोटा राजस्थान
राजेश श्रीवास्तव
September 26, 2018 at 11:30 am
यशवंत जी,
भड़ास 4 मीडिया के 10 साल पूरे होने पर बहुत बहुत बधाई। भड़ास वास्तव में आम एवं सच्चे पत्रकारों का शुभ चिंतक तो रहा है लेकिन मैंने देखा है कि अकसर दोनों पक्षों की राय जाने बिना अथवा सच्चाई जाने बिना भी भड़ास ने न्यूज छाप दिया। भुक्तभोगी को तीन-चार महीने बाद पता चलता है कि उसके बारे में भड़ास ने अमुक खबर छापी है। तब तक उसकी आम लोगों में कुछ हद तक छीछालेदर हो चुकी होती है। जबकि सारे कृत्यों के पीछे की सच्चाई भी किसी ड्रामें की पटकथा से कम नहीं होती है। अगर आप उसकी तह में जाकर सच्चाई को जानने की कोशिश करें तो शायद और भी ज्यादा रोचक और संपादक अथवा अखबार मालिक की हरामीपंती सामने आ सकती है। उम्मीद है आप इस दिशा में जरूर ध्यान देंगे ताकि भड़ास के प्रति लोगों की विश्वसनीयता और भी मजबूत हो।
राजेश श्रीवास्तव, मुंबई
Rawat
September 27, 2018 at 4:49 am
bhadas4media के दसवीं वर्षगाँठ के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं