Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तराखंड

छंटनी के शिकार लोगों के नाम भड़ास से हटाइए वरना मुकदमा कर दूंगा!

यशवंत

एक ‘सी’ का मेल आया है. इसमें इसने बिना अपना नाम पता पहचान बताए सीधे ये बोला है कि छंटनी के शिकार लोगों के जो नाम दिए गए हैं खबर में, उसे हटाया जाए अन्यथा मुकदमा करने को मजबूर हो जाउंगा.

उस ‘सी’ उर्फ चिरकुट उर्फ सूतिये को मैंने जवाब दे दिया है कि मुकदमें का स्वागत रहेगा… पर इन अकल के अंधों को इतना भी पता नहीं है कि जिस छंटनी जैसे गंभीर मुद्दे पर पीड़ितों को गोलबंद होकर कंपनी के खिलाफ हो-हल्ला, लेबर कोर्ट में कंप्लेन आदि की कवायद करनी चाहिए तो सारी कोशिश नाम बाहर न आने देने की है ताकि इनकी बदनामी न हो.

Advertisement. Scroll to continue reading.

अरे चिरकुट बदनामी तो तब होती है जब कोई निकाला जाए और बदले में वह नियम कानून के तहत एक प्रतिवाद भी दर्ज न करा सके. अगर सारी खुशी भड़ास पर मुकदमा कराने से मिलती है तो तू कर ले, हम लोग तो वैसे भी पहाड़ रेगिस्तान समंदर मैदान हर इलाके से मोहब्बत करते हैं, जिधर मुकदमा होता है उधर की घुमक्कड़ी का प्लान बना लेते हैं. कामकाज सारा डिजिटल है, दशक भर से ज्यादा समय से, इसलिए कोई फरक नहीं पड़ता कि मुकदमा कश्मीर में हुआ है या कन्याकुमारी में. मुकदमें से उनको डरइहो जिनकी इससे फटती हो. हम लोग मुकदमों की माला पहनकर ही भड़ास की शुरुआत किए हैं और यात्रा जेल तक की कर आए हैं.

प्रेम से, सम्मान से, अनुरोध पूर्वक कोई बात कहोगे तो उस पर विचार कर लेंगे. धमकाओगे तो फिर तुम कछु न उखाड़ पाओगे भइये… करते रहो मुकदमा…. हम लड़ते रहेंगे मुकदमा…

Advertisement. Scroll to continue reading.

बस शर्म इतना कर लो कि ये मुकदमा अगर हिंदुस्तान अखबार पर कर देने की सोचते, अवैध तरीके से छंटनी करने के खिलाफ, तो तुम्हारी अंतरात्मा भी तुमको थैंक्यू कहती… पर तुम लोग हो तो इसी देश के नागरिक न… जो पेट पर लात मार रहा है उसको माई बाबू साबह कहते रहो, जो अवैध छंटनी की खबर दे रहा है और छंटनी के शिकार पीड़ितों का नाम लिख रहा है, उसे आंखें दिखा रहे हो…

तुम जैसों के लिए ही कहा गया है- हैं अकल के अंधे, पर नाम रखा है नयनसुख!

Advertisement. Scroll to continue reading.

यशवंत
एडिटर
भड़ास4मीडिया डाट काम


संबंधित खबर-

Advertisement. Scroll to continue reading.

हिंदुस्तान देहरादून से भी दस मीडियाकर्मी हटाए गए

हिंदुस्तान अखाबर से निकाले जाने के बाद दो मीडियाकर्मी पहुंचे थाने, दी लिखित शिकायत

2 Comments

2 Comments

  1. September 17, 2020 at 2:41 pm

    उम्दा जवाब, कित्ते भी बुला लेओ

  2. संजय कुमार सिंह

    September 17, 2020 at 10:19 pm

    इसका नाम पता मालूम करके इसके खिलाफ धमकी देने की एफआईआर कराइए। अगर यह कंपनी की तरफ से नहीं है, जिनका नाम छपा है उनकी तरफ से नहीं है तो धमकी देकर अपना उल्लू सीधा करना चाहता है। मेरे ख्याल से आईपीसी में यह अपराध है। एफआईआर तो बनती है।

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement