‘दस परसेंट आरक्षण सुप्रीम कोर्ट में नहीं टिकेगा’… इस शीर्षक से कई लोगों की फेसबुकी प्रतिक्रियाओं का संकलन कर एक पोस्ट का प्रकाशन भड़ास4मीडिया डाट काम पर किया गया. साथ ही इस न्यूज को अन्य कई भड़ासी खबरों के साथ भड़ास के दर्जनों ह्वाट्सअप ब्राडकास्ट ग्रुपों में भेजा गया.
इन्हीं ह्वाट्सअप ब्राडकास्ट ग्रुपों में से किसी एक में से एक भक्त टाइप सज्जन प्रकटे और उन्होंने पहले तो ह्वाट्सअप पर रिप्लाई किया कि ‘भड़ास न्यूज भड़वा है’. उसके बाद उन्होंने एक भाषणनुमा तीन चार लाइन का वक्तव्य दिया, जिसे आप दिए गए स्क्रीनशाट में पढ़ सकते हैं.
इस पर भी जब इनका पेट न भरा तो उन्होंने भड़ास संपादक यशवंत को फोन मिला दिया और क्या कहा, आप खुद सुनें…..
इस मामले में भड़ास एडिटर यशवंत फेसबुक पर लिखते हैं :
भक्तों की भारी तादाद है देश में. भक्त इनविजिबल नहीं होते. वे देर तक छुप नहीं पाते. वे देर तक चुप नहीं रह पाते. भक्त वाचाल होते हैं. भक्त चहुंओर दृश्यमान होते हैं. वे जहां चाहें वहां प्रकट हो जाते हैं और जिसे चाहें उसे गरियाने लगते हैं. ऐसे ही एक भक्त ने खुद से मेरी अचानक मुलाकात करवा दी. उसने पहले ह्वाट्सअप पर लिखा कि ‘भड़ास न्यूज भंड़वा’ है. जब भक्त को लगा कि उसकी लिखी बात नहीं पढ़ी गई तो उसने सुनाने की ठानी. उसने तय कर लिया था कि वह याद दिला देगा नानी. सो, उसने मुझे फोन मिला दिया. उनके मुखारबिंदु से क्या कुछ उगला गया, आप भी सुनें.
ये वो खबर है जिस पर भाई साहब भड़क गए थे…
Shailendra Singh
January 11, 2019 at 12:26 pm
Bhadas ab dheere dheere, aisa lagta hai, biaesd hota ja raha hai. Bhakt ho ya nahin, isse kya fark padta hai.
Kai baar hum bhi aapke website ki azab gazab cheezein jhelte hain