Satyendra PS : इस समय लोग भारतीय रेल में 12.5 घण्टे की जगह कभी कभी 24 घण्टे तक अतिरिक्त यात्रा कर रहे हैं। सरकार यह मुफ्त यात्रा की सुविधा उपलब्ध करा रही है, जिस पर करदाताओं के हजारों हजार करोड़ रुपये बर्बाद हो रहे है। सरकार को सब्सिडी देनी पड़ रही है। सरकार से अपील है कि वह घण्टे के मुताबिक रेल का किराया तय करे।
उदाहरण के लिए…. गोरखपुर के लिए मौजूदा सरकार द्वारा चलाई गई रंग बिरंगी प्रीमियम ट्रेन का दिल्ली से किराया 1400 रुपये है। मूल रूप से यह 13 घण्टे का किराया है। यानी एक घण्टे का करीब 110 रुपये। इस ट्रेन में लोगों ने आज 23 घण्टे अतिरिक्त यात्रा का आनन्द लिया। यानी सरकार को एसी में यात्रा कर रहे हरामखोरों पर जनता के टैक्स के पैसे से करीब 2430 रुपये अतिरिक्त्त खर्च करने पड़े।
मेरी केंद्र सरकार से अपील है कि लोग जितने घण्टे अतिरिक्त यात्रा कर रहे हैं, उसका पैसा यात्रियों से वसूला जाए। अगर कोई अतिरिक्त किराया नहीं देता है तो उसकी यात्रा के घण्टे पूरे होते ही उसे फफेलियाकर ट्रेन से फेंक दिया जाए और जो पैसे उसके जेब मे हों ,उसे खदेड़ने के चार्ज के रूप में ले लिया जाए।
राष्ट्र का विकास तभी होगा जब एसी में यात्रा करने वाले हरामखोरों को जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे से सब्सिडी न दी जाए। क्या आप जानते हैं कि रेल यात्रा में सरकार आपको 40% सब्सिडी पहले से देती थी, जो टिकट पर लिखा आता है और अब अतिरिक्त समय यात्रा कराने पर सरकार पर सब्सिडी का बोझ कितना बढ़ गया है?
#भामाकीजै
वरिष्ठ पत्रकार सत्येंद्र पी सिंह की एफबी वॉल से.
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