पटना दैनिक भास्कर को बीते दो तीन महीने में कई लोगों ने अलविदा कह दिया है। साल की शुरुआत में सैटेलाइट डेस्क से विद्या सागर संस्थान को गुड बाय कहकर अपने पुराने संस्थान दैनिक जागरण लौट गए। उसके बाद लंबे अरसे से जमे रवि सिंह ने भी भास्कर पटना को टाटा कहकर वाराणसी हिंदुस्तान में अपनी सेवाएं शुरू कर दी।
फिर कुछ दिन बाद संस्थान के भरोसेमंद रहे चीफ सब एडिटर नवाज शरीफ ने भी खुद का नया वेंचर शुरू करने के लिए संस्थान से बाहर का रुख कर लिया। मई माह में स्टेट ब्यूरो में कार्यरत आलोक चंद्र प्रबंधन और स्थानीय संपादक के रवैए से क्षुब्ध होकर हिंदुस्तान पटना के साथ अपनी सेवा शुरू कर दी।
अगले महीने यानी जून में लोकल रिपोर्टिंग के प्रमुख पवन प्रकाश ने भी संपादक से नाराज होकर भास्कर से अपना रास्ता अलग कर लिया। जुलाई महीने में सैटलाइट डेस्क के स्तंभ माने जाने वाले सीनियर सब एडिटर अभिषेक मिश्र ने भी दिल्ली में नई पारी शुरू कर दी। इसी महीने पटना से ट्रांसफर किए गए न्यूज एडिटर जितेंद्र ज्योति ने भी भोपाल से अपना इस्तीफा कंपनी को मेल कर दिया। ज्योति अभी दैनिक जागरण डिजिटल में बड़े ओहदे पर कार्यरत हैं।
इस महीने यानी अगस्त में संस्थान की सीनियर रिपोर्टर श्रेया शर्मा ने भी भास्कर को गुड बाय कहकर दिल्ली में सेवा शुरू की है। अब संस्थान के वरिष्ठ सहयोगी और सीनियर न्यूज एडिटर विवेकानंद ठाकुर ने भी संपादक के रवैए से दुखी होकर 8 साल बाद भास्कर से अपनी राह जुदा कर ली है। ठाकुर ने भास्कर छोड़ने से पहले फेसबुक पर एक मार्मिक पोस्ट भी लिखा जिसे लोग संपादक पर कटाक्ष बता रहे हैं। विवेकानंद ठाकुर वापस हिंदुस्तान में अपनी सेवाएं देने लगे हैं।
अब पटना में स्पेशल रिपोर्टिंग टीम के सीनियर सदस्य रहे गिरिजेश ने भी भास्कर से मुक्ति पा ली है। बता दें कि इससे पहले डिप्यूटी न्यूज एडिटर देश दीपक, चीफ सब एडिटर मनीष श्रीवास्तव, सब एडिटर कुमार विवेक, हेमंत मोहन, डिजाइनर रविभूषण समेत कई अन्य लोगों ने जिन्होंने पटना में भास्कर को मजबूती प्रदान की वे संस्थान को छोड़ चुके हैं। लोकल डेस्क और रिपोर्टिंग के अधिकतर लोग संपादक सतीश सिंह के खराब बरताव और कर्मियों को नीचा दिखाने की प्रवृत्ति से परेशान हैं।