जयपुर। बीती 19 दिसम्बर को भास्कर परिवार ने जयपुर मुख्यालय पर शानदार जश्न कर अपने रजत जयंती वर्षगांठ को उत्साहपूर्वक मनाया, ऐसा लाजिम भी है, जश्न तो बनता है।
इसी सिलसिले में भास्कर के मालिकान की तरफ से अपने संस्था में न्यूनतम वेतन 15 हजार तय किया जो पहले केवल दस हजार था, इसका भी स्वागत।
रजत जयंती वर्ष की खुशी में भास्कर द्वारा अपने कार्मिको को चांदी के सिक्के, उपहार आदि भी दिए गए, लेकिन इन सब के बीच वो अपने सबसे बड़े साथियो को भुला बैठा.. सैंकड़ो की संख्या में काम कर रहे उसके स्ट्रिंगर्स, और हजारों की संख्या में अखबार बांटने वाले वेंडर्स।
जाहिर जानकारी के हिसाब से इन लोगो को उपहार या जश्न में शरीक करना तो दूर, भास्कर ने संवाद के लायक भी नहीं समझा। इतना ही नहीं, भास्कर ने अपने स्ट्रिंगर्स को पिछले करीब चार महीने से कोई भुगतान तक नहीं दिया।
भास्कर द्वारा राजस्थान में संभवतया आखरी भुगतान अगस्त महीने में किया गया था। इसमें जुलाई माह तक का भुगतान स्ट्रिंगर्स को किया गया था। उसके बाद से स्ट्रिंगर्स को किसी तरह का कोई भुगतान संस्था द्वारा नहीं किया गया।
अव्वल तो भास्कर अपने स्ट्रिंगरों को आज भी 25 साल पुरानी दर से भुगतान कर रहा है, और वो भी समय से ना हो तो ऐसे में जश्न की रात क्या किसी मालिक, क्या किसी सम्पादक के गले मे स्ट्रिंगरों के नाम का निवाला तक नहीं अटका..?
एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
अनिल
December 24, 2021 at 11:13 am
धन्यवाद यशवंत जी, आपके आर्टिकल के बाद एक महीने का भुगतान तो डाल दिया भास्कर ने
बहुत आभार आपका