Connect with us

Hi, what are you looking for?

बिहार

बिहार डायरी 2019 में हटाये गए लगभग सभी न्यूज पोर्टल के प्रतिनिधियों का नाम

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग बिहार सरकार न्यू मीडिया के पत्रकारों को पत्रकार नहीं मानता

पटना। बिहार सरकार का सूचना एवं जनसंपर्क विभाग बिहार के न्यू मीडिया यानी वेब पोर्टल (न्यूज पोर्टल) के पत्रकारों को पत्रकार नहीं मानता। उसने बिहार डायरी 2019 से लगभग सभी न्यूज पोर्टल के प्रतिनिधियों का नाम प्रेस प्रतिनिधियों की सूची से हटा दिया है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

पिछले साल जहां न्यूज नेटवर्क/न्यूज पोर्टल सूची में न्यू मीडिया से जुड़े 65 संस्थान के नाम बिहार डायरी में शामिल थे। इस बार न्यूज नेटवर्क/न्यूज पोर्टल के लिस्ट में मात्र छह नाम है। कई वर्षों से बिहार सरकार डायरी में दर्जनों न्यूज पोर्टल, वेब पोर्टल, समाचार पत्र एवं टी.वी. चैनलों के वेब पोर्टल के पत्रकारों को शामिल करता रहा है। इस बार की सूची में दो वेब पोर्टल, मैग्निफिसेन्ट बिहार डॉट कॉम एवं अकटू मीडिया प्राइवेट लिमिटेड हैं। तो वहीं, तीन वेब टी.वी. चैनल हैं, ईटीवी भारत, दृष्टि टी.वी. न्यूज डॉट कॉम और इन टी.वी. डॉट कॉम। एक मात्र समाचार पत्र प्रभात खबर के प्रभात खबर डॉट कॉम को शामिल किया गया है। ईटीवी भारत से दो पत्रकार जबकि शेष से एक-एक पत्रकार के नाम को सूची रखा गया है।

न्यूज नेटवर्क/न्यूज पोर्टल के पत्रकारों के नाम पर कैंची चलाने के सवाल पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग साफ साफ शब्दों में कुछ कहने से कतरा रहा। बिहार डायरी 2019 से न्यूज नेटवर्क/न्यूज पोर्टल के पांच दर्जन से ज्यादा पत्रकारों के नाम हटाने के सवाल पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की सहायक निदेशक (प्रेस) नीना झा ने बताया कि नाम हटाने का फैसला विभागीय है। यह फैसला न्यूज नेटवर्क/न्यूज पोर्टल के हिट्स और लाइक्स को देखते हुए लिया गया है। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का लोकप्रियता वाला यह तर्क न्यूज नेटवर्क/न्यूज पोर्टल के पत्रकारों को नहीं पच रहा है। क्योंकि अधिक हिट्स वाले दर्जनों न्यूज पोर्टल सूची से बाहर किए गए हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

दरअसल, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग पिछले कई साल से न्यूज नेटवर्क/न्यूज पोर्टल के पत्रकारों को मान्यता प्राप्त पत्रकार मानता रहा है और पहचान पत्र भी जारी करता आया है। लेकिन मुज्जफरपुर बालिका काण्ड में कथित लिप्त ब्रजेश ठाकुर के अखबार प्रातःकमल सहित अन्य उसके अखबार के उपर सवाल उठने तथा ब्रजेश ठाकुर के इशारे पर कई को मान्यता प्राप्त पत्रकार कार्ड जारी करने से बवाल सामने आया था। ऐसे में पे्रस मान्यता कमिटि ने न्यूज नेटवर्क/न्यूज पोर्टल पर ही गाज गिराया और इनके कार्ड का नवीनीकरण नहीं करने को फैसला लिया। साथ ही न्यूज नेटवर्क/न्यूज पोर्टल के पत्रकारों को पत्रकार मानने से ही इंकार कर दिया।

न्यूज नेटवर्क/न्यूज पोर्टल के जारी मान्यता प्राप्त पत्रकार कार्ड को भी नवीनीकरण नहीं किया गया। देखा जाये तो यह एक खेल है। जिसकी पृष्ठ भूमि पहले से रखी जा रही थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार पे्रस मान्यता कमिटि के कई सदस्य भी न्यूज नेटवर्क/न्यूज पोर्टल से खार खाते हैं वजह है कि जिस तेजी से न्यूज नेटवर्क/न्यूज पोर्टल पर खबरों का सम्प्रेषण होता है उससे प्रिंट और खबरिया चैनल पर असर पड़ा है। बैठक में खासकर यह सवाल भी उठाया जाता है कि पीआईबी सहित कई अन्य राज्यों के जनसंपर्क विभाग ने न्यूज नेटवर्क/न्यूज पोर्टल के पत्रकारों को मान्यता नहीं दे रखी है तो फिर बिहार सरकार क्यों दें? इस बार मौका मिला और खेल हो गया। पत्रकारों ने ही पत्रकारों के पर कतरे। जबकि न्यूज नेटवर्क/न्यूज पोर्टल से जुड़े कई पत्रकार प्रिंट और खबरिया चैनल में काम कर चुके हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

एक ओर बिहार डायरी में नाम शामिल करने और मान्यता प्राप्त पत्रकार कार्ड नहीं जारी करने का फैसला सवालों के घेरे में है, तो दूसरी ओर चर्चा यह भी है कि एक प्रिंट मीडिया के सभी पत्रकार डॉट कॉम पर है और इस हाउस के पत्रकारों को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने न सिर्फ बिहार डायरी में शामिल किया है बल्कि उन्हें मान्यता प्राप्त पत्रकार कार्ड भी दिया है। वहीं, इस बार जो छह न्यूज नेटवर्क/न्यूज पोर्टल जिन्हें प्रेस प्रतिनिधियों की सूची में शामिल किया गया है वे और उनकी लोकप्रियता भी सवालों के घेरे में है। कई सालों से चले आ रहे न्यूज नेटवर्क/न्यूज पोर्टल की लोकप्रियता और हिट्स इनसे कम कैसे हो गये?

साथ ही बिहार सरकार का सूचना एवं जनसंपर्क विभाग भी इस मुद्दे पर फंसा दिखता है। एक ओर जब वह और उसके द्वारा गठित प्रेस कमिटि न्यूज नेटवर्क/न्यूज पोर्टल के पत्रकारों को पत्रकार नहीं मानता तो फिर छह संस्थान के पत्रकारों को कैसे मान लिया? जाहिर है पूरे मसले पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने पारर्दशिता नहीं बरती है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

बहरहाल, कई न्यूज नेटवर्क/न्यूज पोर्टल के पत्रकारों ने कहा कि वे सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मोहताज नहीं है। लेकिन इन सबके पीछे साजिश की बू आती है। एक ओर जहां सरकार और उसके विभाग न्यू मीडिया पर लोकप्रियता की आपाधापी में लगे रहते हैं। वहीं न्यू मीडिया को मान्यता नहीं देना दर्शाता कि सरकार इसके तेवर से घबराती है। जाहिर है न्यू मीडिया किसी की नहीं सुनता और सच के साथ तुरंत लोगों तक पहुँचता है तो बौखलाहट तो होगी ही!

लेखिका डॉ. लीना मीडियामोरचा (वेब पोर्टल) की संपादिका हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.
3 Comments

3 Comments

  1. sanjeev kumar singh

    January 13, 2019 at 2:33 pm

    मीडिया में बैनरों की कमी नहीं है। न्यूज पोर्टल की भी भरमार है। लेकिन सरकार के पक्ष में लिखने वाले अखबार के भी एक या दो रिपोर्टर को शामिल किया गया है। क्योंकि विभिन्न बैनर अब अपने यहॉं कार्य करने वाले तथाकथित पत्रकारों को भी लेटर पैड पर लिखकर सूचना एवं जनसम्पर्क को देने से कतरा रहा है। जबकि आर एन आई से प्राप्त निबंधन संख्या व प्रकाशित होने वाले अखबार या पत्रिका का रिर्टन भरने वाले समाचार पत्र एवं पत्रिका के संपादक का नाम व मोबाईल नम्बर रहना चाहिए। यह आरएनआई के बेबसाईट से लिया जा सकता है।
    संजीव कुमार सिंह
    संपादक
    आईना समस्तीपुर मासिक पत्रिका एवं संजीवनी बिहार समाचार पत्र
    BIHHIN/2015/65499 AAINA SAMASTIPUR SANJEEV KUMAR SINGH HINDI MONTHLY BIHAR cerculation -11000
    241-139534 SANJEEVANI BIHAR HINDI FORTNIGHTLY SAMASTIPUR ]cerculation 11000

  2. Ravi ranjan kumar

    January 14, 2019 at 12:21 am

    आप अपना no दे लीना जी मैं भी आपके साथ हूँ।

    • नमस्कार मित्रो,
      पटना पीआरडी में आपको बता दु चाटुकारिता चलता है । वंहा दिनभर आपको बैठकर चाटुकारिता करनी होगी । वंहा पत्रकरो को छोटा और बड़ा पत्रकार माना जाता है आपके हाउस के अनुसार कुछ वीकली अखबार मैगज़ीन को मै जानता हु जिनका काम सिर्फ पीआरडी में बैठना और दूसरे पत्रकरो के बारे में मीन मेख निकालना होता है । फिर तय होता है कि क्या करना है । पटना पीआरडी में आरटीआई चलता है यदि आओ आरटीआई करेंगे तो आपको सब जगह शामिल कर लिया जाएगा । बहुत सारी बाते है वंहा की जो मैं जानता हूँ । मै सहयोग के लिए तैयार हूं यदि न्यूज़ पोर्टल या डिजिटल मीडिया को लेकर कोई एसोसिएशन बनता है ।
      नीरज कुमार कर्मशील
      नेशन 24 ग्रुप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement