
सौमित्र रॉय-
बहनजी का सार्वजनिक बयान इस बात की पुष्टि करता है कि चाहे बीजेपी को वोट देना पड़ जाए, लेकिन सपा को हराना है। तो क्या वाकई बसपा ने बीजेपी के साथ 102 से ज़्यादा सीटों की डील चुनाव से पहले ही कर ली थी?
ये दिलचस्प जानकारी है। खासकर इसलिए, क्योंकि कुछ यही बात अमरिंदर कांग्रेस के लिए भी कह रहे थे।
और अरविंद केजरीवाल भी। क्या उन्होंने भी बहनजी की तरह बीजेपी से कांग्रेस को हराने की डील की थी?
अगर नहीं तो आम आदमी पार्टी के कारवां का रास्ता तो हरियाणा की ओर रुखसत होना चाहिए था।
लेकिन केजरीवाल तो गोवा और उत्तराखंड निकल गए। यानी कांग्रेस की ज़मीन पर ही फ़सल काटेंगे।
केजरीवाल स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स कांग्रेस के “दिल्ली मॉडल” को बीजेपी शासित हरियाणा में क्यों नहीं बेच रहा? देश में स्टैंडअप कॉमेडियन्स की भी कमी नहीं और चाहें तो दिल्ली से दारू की पाइपलाइन हरियाणा तक ले आएं।
लेकिन अगर ऐसा हुआ तो बिगड़ैल सांड़ को लाल झंडा दिखाने जैसी बात होगी।
One comment on “क्या वाकई बसपा ने बीजेपी के साथ 102 से ज़्यादा सीटों की डील चुनाव से पहले ही कर ली थी?”
बेशक, भाजपा ने 1962 में चीन को 36 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन सौंपने के साथ ही और भी करतूतें की हैं।