Sanjaya Kumar Singh : भाजपा का यह हाल मतदाताओं पर भरोसे की पराकाष्ठा है… आज के हिन्दी अखबारों में भाजपा का यह विज्ञापन छपा है। इसमें भाजपा ने जिन “ऐतिहासिक” फैसलों की बात की है उनमें एक पिछले लोकसभा चुनाव से पहले और दो चुनाव जीतने के बाद का फैसला है।
कहने की जरूरत नहीं है कि क्रम भी बदल दिया गया है। तीन तलाक पर पाबंधी के “ऐतिहासिक” फैसले से भाजपा को मुसलिम बहनों का वोट लोकसभा चुनाव में भले मिला हो अभी तो देश भर के शाहीनबाग में कुछ और कहानी दिखाई पड़ रही है।
धारा 370 हटाने से क्या फायदा हुआ है मुझे नहीं पता। और पार्टी ने इसपे कोई चर्चा “परीक्षा पे चर्चा” की तरह की तो हो मुझे उसकी भी जानकरी नहीं है। नागरिकता कानून का इतना विरोध हो रहा है इसे भी “देशहित में ऐतिहासिक फैसला” बताना – साफ कहता है कि पार्टी उम्मीद करती है कि दूसरे देश के नागरिकों को यहां की नागरिकता देने के उसके फैसले से उसे वोट मिलेंगे। यह कुछ खास मतदाताओं पर भरोसे की पराकाष्ठा है।
पर सबसे बड़ी बात यह है कि भाजपा के पास किए गए काम के नाम पर यही है और इसमें पिछले कार्यकाल का कुछ नहीं है। इस चौकीदारी से देश तो बदल गया जीडीपी 8 प्रतिशत से चार पर आ गई (या आ जाएगी) दिल्ली बदल कर क्या होगा?
आप जानते हैं कि दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों में किए गए काम को भी मुद्दा बनाया है। भाजपा ने जब आम आदमी पार्टी की सरकार के पांच साल के काम का मजाक उड़ाया तो दिल्ली सरकार ने चुनौती दी कि एमसीडी के जो स्कूल भाजपा शासित नगर निगम के तहत हैं उसमें किए गए काम बताए जाएं। भाजपा ने ऐसा नहीं करके दिल्ली सरकार के स्कूलों की खामिया दिखाई है।
उसके सात सांसद अपने-अपने स्कूल की कमजोरी बता रहे हैं पर यह नहीं बता पा रहे हैं कि उन्होंने क्या किया है। अगर भाजपा ने “कुछ” किया है तो अरविन्द केजरीवाल ने “बहुत कुछ” किया है। निश्चित रूप से आम आदमी पार्टी आगे भी भाजपा के “कुछ” के मुकाबले “बहुत कुछ” करेगी पर वह शायद विज्ञापन देकर मतदाताओं को नहीं बता पाएगी।
वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार सिंह की एफबी वॉल से.