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सुख-दुख

पत्रकार राघवेंद्र दुबे की हत्या से गुस्से की लहर, पुलिस के सामने मरवा दिया बार माफिया ने

मुंबई : देश के दुख के साथ महाराष्ट्र के मीरा-भाईंदर के पत्रकारों का दुख भी जुड़ गया है. उनका मन क्षुब्ध है, आक्रोशित हैं और शब्द बिखरे से हैं. एक पत्रकार की जघन्य हत्या कर दी गई है जबकि दो पत्रकार अस्पताल में गंभीर घायलावस्था में हैं. शेष मुख्यमंत्री को लिखा पत्र सब कुछ बयान कर देता है। 

मुंबई : देश के दुख के साथ महाराष्ट्र के मीरा-भाईंदर के पत्रकारों का दुख भी जुड़ गया है. उनका मन क्षुब्ध है, आक्रोशित हैं और शब्द बिखरे से हैं. एक पत्रकार की जघन्य हत्या कर दी गई है जबकि दो पत्रकार अस्पताल में गंभीर घायलावस्था में हैं. शेष मुख्यमंत्री को लिखा पत्र सब कुछ बयान कर देता है। 

मीरा भाईंदर में पत्रकारों पर जानलेवा हमले और हत्या के संबंध में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस लिखे ताजा पत्र में इस आपराधिक मामले का सच इस तरह पता चलता है। मीरा-भाईंदर रोड पर गत गुरूवार की रात ह्वाईट हाऊस बीयर बार पर रात बारह बजे के आसपास पुलिस छापे के दौरान घटना को कवर करते हुए तीन पत्रकारों पर जानलेवा हमला किया गया. सुबह होते होते युवा पत्रकार राघवेंद्र दुबे की हत्या हो गई. यह मामला पुलिस और बीयर बार माफिया की साठगांठ से जुड़ा है, क्योंकि बीयर बार और लॉजों के शहर मीरा-भाईंदर में पुलिस और बार मालिकों की दोस्ती से लोकतंत्र का चौथा खंभा टूट रहा है. 

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मीरा रोड में गुरूवार को पत्रकारों के साथ बार के गुंडों की दबंगई पांच घंटे तक चलती रही. राघवेंद्र दुबे को हमले के बाद डेढ़ बजे रात के करीब डीवाईएसपी सुहास बावचे ने बुलाया था. रेड कवर करने गए संतोष मिश्रा, शशि शर्मा और अनिल नौटियाल पर जानलेवा हमला डेढ़ बजे के आस पास हुआ, जबकि राघवेंद्र दुबे की हत्या छह बजे सवेरे हुई. इस दौरान साढ़े पांच घंटे तक मीरा रोड पुलिस लीपापोती करती रही और पत्रकार पिटते रहे. पुलिस की नींद आखिर छह बजे खुली, जब राघवेंद्र की लाश एसए रेसिडेन्सी के बाहर एसके स्टोन पुलिस चौकी के सामने पड़ी मिली। 

इस घटना से हड़बड़ाए प्रशासन ने आनन फानन में कुछ लोगों को हिरासत में भी ले लिया। हमलावर वही लोग हैं जिनका नाम संत़ोष मिश्रा और शशि शर्मा ने अपने बयान में लिया है. इस मामले में खास बात है कि पत्रकार संतोष ने अपने बयान में पीएसआई दिवाकर और दो पुलिस कॉस्न्टेबल का जिक्र किया है जिनकी उपस्थिति में संतोष मिश्रा को पीटा जा रहा था और दिवाकर सलाह दे रहा था कि इसको अंदर ले जाकर मारो। इसके बाद न सिर्फ संतोष मिश्रा की पिटाई की गई बल्कि उन्हें जान से मारने की नीयत से मीरा रोड से करीब एक सौ दस किलोमीटर दूर अपहरण करके ले जाया गया. घटना की सूचना पाकर जब कुछ पत्रकार मौके पर पहुंचे और उन्होंने संतोष मिश्रा को ढूंढना शुरू किया, तब जाकर बड़ी मुश्किल से अपहरणकर्ताओं से संपर्क हो पाया और रिहाई संभव हुई. इस मामले में पुलिस ख़ामोश ही रही. 

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राघवेंद्र की हत्या और तीन पत्रकारों पर जानलेवा हमले को लेकर पत्रकारों और स्थानीय नागरिकों में भारी गुस्सा है. मीरा रोड के सुरभि हाल में राघवेंद्र दुबे की आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें मुंबई, नई मुंबई, ठाणे और मीरा-भाईन्दर के करीब दो सौ पत्रकार शामिल हुए. इस सभा में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करके सरकार से कड़ी कारवाई करने की मांग की गई. प्रस्ताव में पास की गई मांगें निन्मलिखित हैं-

1. मीरा-भाईन्दर क्षेत्र के पुलिस उपाधिक्षक की इस मामले में संलिप्तता की जांच और मीरा रोड पुलिस थाने से संबद्ध वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक, पुलिस उप निरिक्षक दिवाकर और सिपाहियों का निलंबन और जांच समिति का गठन कर मामला दर्ज किया जाए.

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2. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस घटना में मारे गए राघवेंद्र दुबे के परिवार से मिलें और शांत्वना के तौर पर आश्रितों को पच्चीस लाख रूपए की आर्थिक सहायता दें.     

3. मृत राघवेंद्र दुबे की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए.

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4. इस हमले में घायल पत्रकार संतोष मिश्रा, शशि शर्मा और चश्मदीद अनिल नौटियाल की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया जाए.

5. इस मामले के आरोपियों पर मकोका के तहत कारवाई की जाए.

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6. राज्य में पत्रकारों पर हो रहे हमलों के खिलाफ पत्रकार हमला विरोधी कानून शीघ्र बनाया जाए.  

लेखक एवं पत्रकार भरत मिश्रा से संपर्क : 9870109566, [email protected]

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0 Comments

  1. Karuna Shankar Tiwar

    July 20, 2015 at 11:23 am

    Shame on Maharastra Police and State Government. Now these type of incidences are happening in such state which claims itself as a Developed state and driver of economy of country.
    Shame…… Shame…….. Shame……… Shame……….

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