Connect with us

Hi, what are you looking for?

साहित्य

नया शोध: सम्बन्ध जीवंत हैं तो ज़िन्दगी भरपूर रहेगी

खुश रहने का असली मूल मंत्र क्या है? यह एक ऐसा प्रश्न है जिसका जवाब सदियों से दार्शनिक खोज रहे हैं. लेकिन अब विज्ञान के पास इस प्रश्न का उत्तर है. हावर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा 80 सालों तक चले लंबे शोध में से स्पष्ट हुआ है कि लंबे और खुशहाल जीवन का असली राज, पैसा या सफलता नहीं बल्कि मजबूत रिश्ते हैं. 

इस शोध से जुड़े, हावर्ड मेडिकल स्कूल के प्रोफेसर रोबर्ट वॉलडीनेगर के मुताबिक़ जो लोग 50 साल की उम्र में एक खुशहाल रिश्ते में थे, वे लोग 80 साल की उम्र में भी स्वस्थ थे.

Advertisement. Scroll to continue reading.

कैसे हुआ शुरू –

यह स्टडी 1938 में शुरू हुई, जब रिसर्चर्स की एक टीम ने हावर्ड के 268 पुरुषों के जीवन और स्वास्थ्य का अध्ययन करना शुरू किया. इन लोगों में ब्रेदिली शामिल थे जो आगे जाकर वॉशिंगटन पोस्ट के एडिटर बने, साथ ही उस समय शोध में जॉन एफ कैनेडी को भी शामिल किया गया, जो भविष्य में चलकर अमेरिका के प्रेसिडेंट बने. शोध जैसे जैसे आगे बढ़ा, इसमें उन लोगों की पत्नियां, बॉस्टन शहर के 456 निवासी और उनकी पत्नियों समेत हावर्ड के 1300 छात्र जुड़ते गए, जो अब लगभग 50 से 60 साल के हैं. इस शोध का उद्देश्य यह देखना था कि व्यक्ति के जीवन में आने वाले शुरूआती अनुभव उसके जीवन के आगे आने वाले सालों को किस तरह प्रभावित करते हैं.

इस शोध के दौरान शोधार्थियों ने अपने प्रतिभागियों के स्वास्थ्य समेत प्रेम और करियर में उनकी सफलता जैसे कई पहलूओं पर ध्यान दिया. उसके लिए समय समय पर प्रश्नोत्तरी और इंटरव्यू सेशन आयोजित हुए, साथ ही, मेडिकल रिपोर्ट्स पर भी नजर रखी गई. स्टडी के शुरूआती समय में प्रतिभागियों के तिल, बर्थमार्क और हस्तलेखन के सैंपल भी लिए गए. हालांकि बाद में तकनीकी सुलभ हो जाने के चलते, उनके डीएनए सैंपल लिए जाने लगे और स्वास्थ्य के लिए एमआरआई स्कैन किया गया. ताकि प्रतिभागी के स्वास्थ्य पर पैनी निगाह बनाए रखी जा सके.

अब 80 साल बाद इस शोध में पता चला है कि आईक्यू, सोशल क्लास और धन संपत्ति किसी व्यक्ति के जीवन की अवधि और उसकी खुशियों को बढ़ाने में उतने मायने नहीं रखती, जितना परिवार, दोस्त और समाज रखते हैं. इस शोध के परिणाम से शोध करने वाले भी बेहद आश्चर्यचकित बताए जा रहे हैं.

शोध की इस टीम को 1972 से 2004 के दौरान लीड करने वाले जॉर्ज वैल्लंत के मुताबिक़ जब शोध शुरू हुआ था तो किसी ने सम्वेदना या स्नेह को जीवन बढ़ाने वाले टॉनिक के रूप में कतई नहीं सोचा था. हां, अब शोध के बाद साफ़ हुआ है कि खुशहाल जीवन का राज केवल और केवल रिश्ते हैं, प्रगाढ़ रिश्ते. अच्छे रिश्ते इतने जरूरी हैं कि जो लोग 50 की उम्र में रिश्तों से संतुष्ट थे, उनका स्वास्थ्य 80 की उम्र में भी काफी बेहतर था. यह बात उनके कोलेस्ट्रोल लेवल से भी साफ़ हुई. शोध के मुताबिक़ अपने शरीर का ध्यान रखना जरूरी है लेकिन प्रगाढ़ सम्बन्ध बनाना भी एक तरह से खुदा का ध्यान रखना ही है और यह बेहद जरूरी है. ऐसे में याद रखे कि अपने शरीर का भी ख़ास ख्याल रखें और ऐसे रखे जैसे आपको अगले सौ साल तक इसकी जरूरत पड़ेगी, और कौन जानता है यह जरूरत अगले सौ सालों तक सच में कायम भी रहे.

Advertisement. Scroll to continue reading.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement