Connect with us

Hi, what are you looking for?

साहित्य

रमाशंकर यादव उर्फ विद्रोही जी की एक कविता ‘पुरखे’

पुरखे

नदी किनारे, सागर तीरे,
पर्वत-पर्वत घाटी-घाटी,
बना बावला सूंघ रहा हूं,
मैं अपने पुरखों की माटी।

<p style="text-align: center;"><span style="font-size: 18pt;">पुरखे</span> </p> <p style="text-align: center;">नदी किनारे, सागर तीरे,<br />पर्वत-पर्वत घाटी-घाटी,<br />बना बावला सूंघ रहा हूं,<br />मैं अपने पुरखों की माटी।</p>

पुरखे

नदी किनारे, सागर तीरे,
पर्वत-पर्वत घाटी-घाटी,
बना बावला सूंघ रहा हूं,
मैं अपने पुरखों की माटी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

सिंधु, जहां सैंधव टापों के,
गहरे बहुत निशान बने थे,
हाय खुरों से कौन कटा था,
बाबा मेरे किसान बने थे।

ग्रीक बसाया, मिस्र बसाया,
दिया मर्तबा इटली को,
मगध बसा था लौह के ऊपर,
मरे पुरनिया खानों में।

Advertisement. Scroll to continue reading.

कहां हड़प्पा, कहां सवाना,
कहां वोल्गा, मिसीसिपी,
मरी टेम्स में डूब औरतें,
भूखी, प्यासी, लदी-फदी।

वहां कापुआ के महलों के,
नीचे खून गुलामों के,
बहती है एक धार लहू की,
अरबी तेल खदानों में।

Advertisement. Scroll to continue reading.

कज्जाकों की बहुत लड़कियां,
भाग गयी मंगोलों पर,
डूबा चाइना यांगटिसी में,
लटका हुआ दिवालों से।

पत्थर ढोता रहा पीठ पर,
तिब्बत दलाई लामा का,
वियतनाम में रेड इंडियन,
बम बंधवाएं पेटों पे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

विश्वपयुद्ध आस्ट्रिया का कुत्ता,
जाकर मरा सर्बिया में,
याद है बसना उन सर्बों का
डेन्यूब नदी के तीरे पर,
रही रौंदती रोमन फौजें
सदियों जिनके सीनों को।

डूबी आबादी शहंशाह के एक
ताज के मोती में,
किस्से कहती रही पुरखिनें,
अनुपम राजकुमारी की।

Advertisement. Scroll to continue reading.

धंसी लश्क रें, गाएं, भैंसें,
भेड़ बकरियां दलदल में,
कौन लिखेगा इब्नबतूता
या फिरदौसी गजलों में।

खून न सूखा कशाघात का,
घाव न पूजा कोरों का,
अरे वाह रे ब्यूसीफेलस,
चेतक बेदुल घोड़ो का।

Advertisement. Scroll to continue reading.

जुल्म न होता, जलन न होती,
जोत न जगती, क्रांति न होती,
बिना क्रांति के खुले खजाना,
कहीं कभी भी शांति न होती।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement