Upendranath Pandey : बड़े भाई रामधनी द्विवेदी जी (दैनिक जागरण की केंद्रीय समीक्षा टीम के मुखिया), नींद तो आज की रात मुझे भी नही आएगी। आपको तो न जाने कितनी रातें अपने दोनो किशोरवय पौत्रों को यह ढाढस दिलाने में कटने वाली हैं कि आप बाबा के रूप में उनके सर पर आशीर्वाद का हाथ इतना विस्तारित करने की कोशिश अवश्य करेंगे ताकि इन मासूमों को मां के आंचल की गर्माहट भरसक महसूस करा सकें।
13 और 11 वर्ष की मासूम उम्र में कोई उन्हें क्या समझाए और कैसे समझाए। कैंसर से जूझती मां की हालत और द्विवेदी परिवार के हालात ने इन बच्चों को बहुत कुच समझा दिया होगा और काफी कुछ शनिवार को गढ मुक्तेश्वर में गंगा घाट पर आपकी बहू के अंतिम संस्कार व क्रिया कर्म समझा देंगे। भतीजे राहुल को तो खैर जिंदगी भर समझना समझाना ही है.
किंतु मैं खुद पांच सौ से भी ज्यादा कैंसर रोग औ रोगियों के बीच 1991 से 1996 तक किंग जार्ज मेडिकल कालेज लखनऊ, आईसीएमआर और ऱाकफेलर फाउंडेशन यूएसएआईडी फंडेड क्लीनिकल एपिडेमियोलोजी इंस्टीट्यूट में तमाम मगजमारी करने के बावजूद आजतक न जान पाया कि क्यूं और कैसे पूरी तरह से ठीक हो गया कैंसर चुपके से दूसरे अंगों के टिश्यूज को बरगला फुसला कर उन्हें अपने ही शरीर के खिलाफ बगावत के लिए तैयार कर लेता है।
एक प्रोजेक्ट के लिए अध्ययन के दौरान अभी कल ही एक शोध प निगाह पड़ी थी कि Breast cancer recruits cells from bone marrow to boost growth.
देखें ये तस्वीर-
द्विवेदी जी आप तो खुद ही होम्योपैथी की नाड़ी नब्ज पर अधिकार रखते हैं, कोई आपको क्या समझाए. किंतु आपकी बहू की आज ब्रेस्ट कैंसर से पराजित होना हमसभी के सामने पुन: यक्षप्रश्न के रूप में उपस्थित है।
बहू तो तीन साल पहले ब्रेस्ट कैंसर का आपरेशन कराकर फिट हो गई ती, कैंसर मुक्त घोषित कर दिया था डाक्टरों ने. किंतु न जाने कब ब्रेस्ट कैंसर ओवरी के रास्ते चुपके से दोबाारा शरीर में घुसपैठ कर गया और दो साल लंबी लडाई के बाद आज हरा ही दिया 38 वर्य की युवा जुझारू नारी को….।।
कैंसर हो या कोरोना, हम तनिक भी चूके तो गए काम से।
जिन्हें नहीं मालूम उन्हें जानकारी दे दूं कि श्री रामधनी द्विवेदी, दैनिक जागरण की केंद्रीय समीक्षा टीम के मुखिया, की बहू का आज नोएडा में स्वर्गवास हो गया. 38 वर्षीय और दो किशोरवय बेटों की मां.
ईश्वर उन्हें अपनी गोद में स्थान दें, यही प्रार्थना है और मासूम बच्चों, उनके 42 वर्षीय पिता व परिवार के मुखिया श्री रामधनी द्विवेदी जी को मिले इस असीम दुख को सहन करने की शक्ति… ओम शांति: शांति: शांति:
वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र नाथ पांडेय की एफबी वॉल से.
विजय सिंह
April 25, 2020 at 7:48 pm
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और शोकसंतप्त परिवार को दुःख सहने की शक्ति ।
Mohd. Khalid Shamsi
April 25, 2020 at 8:17 pm
प्रणाम सर
मैं आपकी निष्पक्ष लेखनी से बेहद प्रभावित हूँ।
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धन्यवाद सहित
मो. खालिद शमसी
पत्रकार
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ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह'रवि'
April 26, 2020 at 3:45 pm
दुखद …
Poonam Tiwari
April 29, 2020 at 7:54 am
ईश्वर पूर्णिमा की आत्मा को शांति प्रदान करे ।हालाकि मै जानती हूं वो मा कहीं भी शांति का अनुभव नहीं कर सकती जिसके दो छोटे बच्चे हो जिनके अनगिनत प्रश्न और माता के आंचल के छांव की जरूरत हो ,वो बेचैन और बावली हो जाएगी स्वर्ग में भी ।ये परिवार हमारे भी सन्निकत रहा है ।यह एक अपूरणीय क्षति है लेकिन विधाता के विचित्र विधान है ,जिसकी जरूरत यहां है उसकी जरूरत वहा भी है ।इस दुख में हम भी द्विवेदी परिवार के साथ है ।ज्योतिर्मय और प्रियंबद एक सशक्त और स्वावलंबी व्यक्तित्व के स्वामी बने ये प्रभु से प्रार्थना है ।
नीतू
May 5, 2020 at 3:29 pm
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे तथा पूरे परिवार को दुख सहन करने को शक्ति देपूर्णिमा तुम बहुत याद आओगी।