अमर उजाला के नेशनल ब्यूरो में कार्यरत बृजेश सिंह का ट्रांसफर बनारस कर दिया गया है. बृजेश बारह वर्ष पहले भी अमर उजाला, बनारस के साथ काम कर चुके हैं. नेशनल ब्यूरो से पिछले दिनों अमर उजाला प्रबंधन ने चार लोगों का तबादला दिल्ली से बाहर किया. इनमें बृजेश का भी नाम था जिन्हें पहले देहरादून भेजा गया था. पर अब उनका तबादला बनारस कर दिया गया है.
लखनऊ के पत्रकार नवलकांत सिन्हा ने नई पारी की शुरुआत साधना न्यूज के साथ की है. वे उत्तर प्रदेश के रेजीडेंट एडिटर बनाए गए हैं. नवलकांत कई चैनलों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके हैं.
दैनिक भास्कर लुधियाना में काम के दवाब को लेकर परेशान रिपोर्टर अब भास्कर छोड़ दूसरे अख़बारों में भाग रहे हैं. दैनिक जागरण लुधियाना में पहले भास्कर से राजन कैंथ के बाद अब राजेश शर्मा भी जागरण ज्वाइन कर चुके हैं. भास्कर से 2 रिपोर्टर अपना बायोडाटा दैनिक जागरण आफिस में दे चुके हैं.
उधर, जयपुर से प्रसारित न्यूज इंडिया चैनल में रिपोर्टर के रूप में जयपुर में काम कर रहे शरद पुरोहित ने इस्तीफा दे दिया है. शरद ने इटीवी राजस्थान ज्वाइन कर लिया है. शरद सहारा समय, एचबीसी न्यूज और राजस्थान पत्रिका में सेवाएं दे चुके हैं.
पत्रकार और साहित्यकार हरे प्रकाश उपाध्याय अपनी खुद की नई मैग्जीन लांच करने जा रहे हैं. नाम है ‘मंतव्य’. इस बारे में उन्होंने फेसबुक पर काफी कुछ लिखा है, जिसे नीचे प्रकाशित किया जा रहा है…
Hareprakash Upadhyay : एक व्यवस्थित व अच्छी साहित्यिक पत्रिका निकालना सचमुच बहुत जटिल व चुनौतीपूर्ण कार्य है। एक रचनाकार के लिए यह कई बार आ बैल मुझे मार का सबब सरीखा भी लगता है। तमाम मनमुटाव, असहयोग, तंज व असहमतियों का सामना करना पड़ता है। अपने लोग भी किनारे बैठकर कुटिल मुस्कान से स्वागत करने लगते हैं। मगर ऐसे सहृदय, समर्पित व प्रतिबद्ध लोगों की भी कोई कमी नहीं जो टूटे हुए उत्साह को अनजाने अचानक आकर जोड़ देते हैं, खड़ा कर देते हैं, अदृश्य टेक दे देते हैं और जहाँ लगता है कि अब डूबेंगे, वहाँ आपके लिए सुंदर पुल बना हुआ होता है और आप चलते चले जाते हैं। मुझे लगता है कि जब आप कोई काम कर रहे होते हैं, तो आप पर महज वे ही लोग गौर नहीं कर रहे होते जिनके परिदृश्य में होने का आपको भरोसा होता है, कई अदृश्य आँखें भी आप पर संवेदनशील तरीके से गौर करती हैं। उन्हें आपके प्रतिफल में भले दिलचस्पी न हो, पर आपके संघर्ष के प्रति उनमें गहरा अनुराग तो होता ही है।
Hareprakash Upadhyay : रचनाकारों व शुभचिंतक साथियों ने जिस तरह उत्साह के साथ ‘मंतव्य’ का स्वागत किया है, अपना सहयोग दिया है, उससे मुझे काफी ताकत मिली है। अंक की तैयारी चल रही है। कृपया प्रतीक्षा करें। पत्रिका की वार्षिक सदस्यता (चार अंकों के लिए)-200 रुपये, आजीवन सदस्यता- पाँच हजार रुपये, संरक्षक सदस्यता- पंद्रह हजार रुपये … सदस्यता के लिए राशि जमा कराने वाले मित्रों के लिए बैंक डिटेल्स यहाँ दिया जा रहा है। कृपया राशि जमा कराने के साथ ही अपना पूरा डाक पता मेरे मोबाइल पर मैसेज कर दें।
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Hareprakash Upadhyay : ‘मंतव्य’ के प्रस्ताव को लेकर मित्रों, शुभचिंतकों और अग्रजों ने जिस तरह का उत्साह व शुभाकांक्षाएं प्रकट की हैं, उससे मुझे काफी ताकत मिली है। बहुत सारे मित्रों ने मेल और फेसबुक मैसेज के माध्यम से संदेश भेजकर संरक्षक व आजीवन सदस्यता लेने के लिए बैंक संबंधित जरूरी सूचनाएं मांगी है। कुछ मित्रों ने फोन करके वार्षिक सदस्यता भेजने और रचनात्मक सहयोग का आश्वासन दिया है। सबसे बढ़कर कुछ मित्रों ने इस पत्रिका को बेहतर व विविधतापूर्ण रूप में पाने के लिए बहुमूल्य सुझाव दिये हैं। उन सभी के आयडियाज का मैं स्वागत करता हूँ और उसमें से कुछ को प्रवेशांक में भी लागू करूंगा। कोशिश है कि जुलाई में प्रवेशांक आ जाये। अगर कोई मित्र विज्ञापन आदि दिला पाने की स्थिति में हैं, तो उनसे भी निवेदन है कि वे सहयोग करें। वे सीधे मुझे फोन कर सकते हैं। मेरा नंबर है-08756219902
पत्रिका की वार्षिक सदस्यता (चार अंको के लिए)-200 रुपये, आजीवन सदस्यता- पाँच हजार रुपये, संरक्षक सदस्यता- पंद्रह हजार रुपये
सदस्यता के लिए राशि जमा कराने वाले मित्रों के लिए बैंक डिटेल्स यहाँ दिया जा रहा है। कृपया राशि जमा कराने के साथ ही अपना पूरा डाक पता मेरे मोबाइल पर मैसेज कर दें, ताकि मैं उसे सदस्यता रजिस्टर में दर्ज कर सकूँ।
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jaiprakash tripathi
July 6, 2014 at 7:08 am
‘मंतव्य’ गंतव्य तक पूरी रफ्तार से पहुंचे, सदभावनाएं
prashant kumar
July 10, 2014 at 7:57 am
mantavya jald prakashit ho.subhkamana