Avinish Kumar : द कारवां की स्टोरी ने अजित डोभाल के राष्ट्रवाद को नंगा कर दिया है। आज सुबह से ही लुटियंस दिल्ली में हलचल मची है। हमेशा राष्ट्रवाद का चोंगा पहनने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का चोंगा द कारवां ने खींच लिया है। अक्सर अजित डोभाल देश के युवाओं को राष्ट्रहित-राष्ट्रहित का पाठ रटाते रहते हैं। लेकिन खुद के बेटे को ब्रिटेन की नागरिकता दिला रखा है। इतना ही नहीं द कारवां की इस स्टोरी में किस तरह डोभाल के बेटों ने अपनी संपत्ति बढ़ाई वो भी फार्मूला बताया गया है।
देश के युवाओं को पकौड़े से रोजगार देने वाले पीएम मोदी को ये स्टोरी पढ़नी चाहिए। और देश के युवाओं को डोभाल पुत्र (डी-कंपनी) के इस उपलब्धि के बारे में बताना चाहिए, जिससे देश डोभाल पुत्रों के इस स्टार्टअप पर गर्व कर सके। ख़ैर…
द कारवां ने ये स्टोरी करके डोभाल के मुंह पर फर्जी राष्ट्रवाद का मुहर मार दिया है। डोभाल अब किसी भी युवा को राष्ट्रवाद का पाठ नहीं पढा पाएंगे। गलती से भी अगर पढ़ा भी दिए तो युवा ये सवाल जरूर पूछ लेगा। सर, आपके बेटे का संपत्ति इतनी जल्दी कैसे बढ़ गई? सर, आपके बेटे ने टैक्स चोरी कर कौन सा राष्ट्रवाद स्थापित किया है? सर, आपके बेटे की नागरिकता ब्रिटेन की क्यों है? और तीस साल तक तथाकथित तौर पर पाकिस्तान में भारत के जासूस रहे डोभाल के पास इन प्रश्नों के जवाब नहीं होंगे।
Sanjaya Kumar Singh : यह संयोग ही होगा कि नोटबंदी से 13 दिन बाद अजीत डोवाल के छोटे बेटे विवेक डोवाल ने जाने माने टैक्स हैवेन केमैन आईलैंड्स में एक हेज फंड का पंजीकरण कराया था। विवेक के कारोबार का संबंध भाई शौर्य डोवाल के कारोबार से है जो भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं और मोदी सरकार के करीबी, थिंक टैंक, इंडिया फाउंडेशन के प्रमुख हैं।
विवेक विदेशी हेज फंड कारोबार चलाते हैं जिसका आधार एक टैक्स हैवेन में है और उनके पिता अजीत डोवाल ने 2011 में एक रिपोर्ट तैयार की थी जिसमें टैक्स हैवेन और विदेशी इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की गई थी। विवेक यूके के नागरिक हैं और सिंगापुर में रहते हैं। हिन्दी वाले सब गोदी में हैं, अंग्रेजी में पढ़िए।
इस पर एक मित्र की टिप्पणी है, नोटबंदी में कालाधन क्यों नहीं मिला?
‘कारवाँ’ में प्रकाशित ताजा रिपोर्ट के अनुसार अजित डोभाल के सपुत्र विवेक डोभाल ने टैक्स पनाहगाह केमैन द्वीप में एक कम्पनी नोटबंदी के 13 दिन बाद ही रजिस्टर कराई। मितरों, सारा माल कहीं इसी में तो ट्रांसफर नहीं हो गया ताकि ‘सबका साथ सबका विकास’ वाले शुभ कार्य में लगाया जा सके? डोभाल के दूसरे सुपुत्र, शौर्य, का तो पहले ही मालूम है कि वे सऊदी और पाकिस्तानी पार्टनरों के साथ कंपनियां चलाते हैं। पर मितरों, भक्तों, आप आशंकित न हों, वो पक्के ‘राष्ट्रवादी’ हैं, शायद इन दोनों देशों के मुल्लों की जडें खोदने में लगे होंगे! समझे आप लोग, खरे राष्ट्रवादी कैसे होते हैं?
Samar Anarya : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल का पुत्र परिचय: बड़े, शौर्य डोवाल: दुबई स्थिति फिनांस कंपनी जैमिनी कॉर्पोरेट फाइनेंस लिमिटेड चलाते हैं-कम्पनी के कुल 4 निदेशक हैं- पाकिस्तानी नागरिक सैयद अली अब्बास, सऊदी प्रिंस मिशाल अब्दुल अज़ीज़ अल सऊद और रेने ज़िम्मेरली पीएम।
छोटे, विवेक डोवाल, ब्रिटिश नागरिक: (जी भाजपा राज में भारत के एनएसए का बेटा ब्रिटिश नागरिक हो ही सकता है- कांग्रेस होती तो राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल बन जाता: कई देशों से कई कंपनियाँ चलाता है- इनमें मशहूर टैक्स हैवन केमन आइलैंड्स भी शामिल हैं. यहाँ वाला हेज फण्ड तो नॉट बंदी के बस 13 दिन बाद रजिस्टर किया था. 2017 माने नोटबंदी के ठीक बाद केमन आइलैंड से भारत में निवेश में करीब 2700 प्रतिशत की बढ़त दर्ज हुई थी. बाकी विवेक डोवाल की कंपनी के निदेशकों में शामिल हैं डॉन डब्ल्यू इबैंक्स और मोहम्मद अलताफ मुस्लियाम। ईबैंक्स का नाम पैराडाइज़ पैपर्स में आ चुका है। कंपनी की संरक्षक (गारंटर) कम्पनी है वाल्कर्स कोरपोरेट लिमिटेड जिसका नाम पैराडाइस पेपर्स और पनामा पेपर्स दोनों में ही है.
सनद: बकौल अजित डोवाल टैक्स हैवन से चल रही कंपनियों पर कड़ी कार्यवाही की ज़रूरत है.
भारत माता की जय.
सौजन्य : फेसबुक
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KUNWAR MP SINGH
January 17, 2019 at 7:00 am
सोशल मीडिया में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के कई किस्से को लेकर मिलने मैं बड़ी उम्मीद से दिल्ली बधिर संध के तरफ से कई अतिआवश्यक मामले लेकर प्रधानमंत्री मोदी से देने के लिये मिलने गया था लेकिन उसने मिलने से मना कर दिया था। यह सब कड़वी सच्चाई देखने के बाद भी मुझे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल बहादुरी के किस्से भी समझ मे नही आ रहे है कि असली है या नकली है ?