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छत्तीसगढ़

पार्ट-3 में शराब घोटाला करने के ये 4 तरीके पढ़िए… कांग्रेसी सरकार द्वारा संरक्षित इस गैंग ने छत्तीसगढ़ियों को लूटने के लिए कमाल का भ्रष्ट तंत्र इजाद किया, जानिए मॉडस ऑपरेंडी!

यशवंत सिंह-

छत्तीसगढ़ में ऐसा शराब घोटाला जो इसके पहले देश में कहीं नहीं हुआ… छत्तीसगढ़ में पैसों की लूट की ये योजना पूरे देश में आज तक किसी ने नहीं बनाई … पैसों को लूटने के लिए छत्तीसगढ़ में गज़ब का घोटाला किया गया और ये पूरा पैसा छत्तीसगढ़िया लोगों से ही लूटा गया …

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दिल्ली में शराब घोटाला आपको देश के सभी चैनल में दिखेगा पर छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले की खबरें नहीं दिखेंगी… इसका भी खुलासा जल्दी ही होगा क्योंकि डीपीआर एक ऐसी संस्था है जो सरकार के दाग को मिटाने के लिए और अपने आकाओं को बचाने के लिए दिल्ली में बैठे बड़े-बड़े मीडिया हाउसों को मैनेज करने का काम करती है … घोटालों पर पर्दा डालने के लिए बड़े मीडिया हाउस के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के खबरों को दिखाने वाले उनके प्रभारी ओबलाइज होकर लाल हो गए हैं… किसको कितना और किस तरह का लाभ दिया गया, ये सबको पता है…

बहरहाल अब बात करते हैं देश के सबसे बड़े शराब घोटाले की …कैसे लूटा छत्तीसगढ़िया को उनकी ही चुनी हुई ईमानदारी का दावा करने वाली सरकार, नेताओं और छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने … जब छत्तीसगढ़ में शराबियों के साथ हुए इस महाघोटाला को सुनेंगे तो इसके सामने दिल्ली के शराब घोटाले के भ्रष्टाचारी नेता और अधिकारी बहुत छोटे नज़र आएंगे… कैसे जनता के पैसों को लूट कर चुनावी प्रचार और नेताओं अधिकारियों की जेब भरने में लगाया गया …

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छत्तीसगढ़ में शराब का सारा कारोबार राज्य सरकार ही चलाती है… यहां 800 शराब की दुकानें हैं… यहां प्राइवेट शराब की दुकानें खोलने की इजाजत नहीं है…यहां बिकने वाली शराब का स्टॉक छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CSMCL) करता है… साथ ही शराब दुकान चलाने, बोतल बनाने और कैश कलेक्शन जैसे काम में लगने वाले लोगों के लिए भी टेंडर जारी करता है..खेल यहीं से शुरू हुआ …

ED ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में 2 हज़ार करोड़ से अधिक का भ्रष्टाचार किया गया … एक सिंडीकेट बनाया गया जो इस पूरे नेक्सस को संचालित कर रहा था… छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले में वो तरीके क्या हैं जिससे इतना बड़ा भ्रष्टाचार किया गया… कैसे इन भ्रष्ट लोगों ने अपने ही राज्य के लोगों को लूटा है ..आइए ये विस्तार से समझते हैं …

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शराब घोटाले का पहला तरीका …

हर बोतल पर छत्तीसगढ़ियों से 75 रुपये से लेकर 150 रुपये तक की अवैध वसूली की गई, मल्टीनेश्नल लिकर कंपनियों की दारू महँगे दामों में बेंच कर … असल में मल्टीनेश्नल कंपनियाँ कमीशन नहीं देतीं. भ्रष्टाचार करने के लिए तरीका निकाला गया. इसके लिए सिंडिकेट के जो सप्लायर होते हैं, वो सबसे पहले इन कंपनियों से दारू ख़रीदते हैं और फिर उसी सप्लायर से CSMCL (छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड) ने खरीद की … सप्लायर से पहले कमीशन तय किया जा चुका था, इसलिए CSMCL ने इसी गैंग के निर्देशों के अनुसार सप्लायर से महंगे दामों पर इस मदिरा की आपूर्ति के लिए स्वीकृति दे दी .. इसके बाद इस मदिरा को वास्तविक दाम से अधिक मूल्य पर सरकारी दारू की दुकानों पर पहुंचाया गया … यहां अधिक मूल्य पर ये दारू छत्तीसगढ़ के लोगों को बेंची गई… इस तरह भुक्तभोगी हुआ आम छत्तीसगढ़िया. लूटा गया आम आदमी. जेब कटी आम जनता की.

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ED के मुताबिक, CSMCL जो शराब खरीद रही थी, उसके सप्लायर्स वही सिंडिकेट था जो पहले ही हर बोतल पर 75 से 150 रुपये का कमीशन वसूल रहा था…ये कमीशन शराब के ब्रांड के हिसाब से तय किया जाता था…विदेशी शराब की सप्लाई करने वालों से भी कमीशन लिया जाता था जो इनकी काली कमाई में योगदान देती थी.. विदेशी शराब बेचने का लाइसेंस अनवर ढेबर के करीबियों के पास था.

शराब घोटाले का दूसरा तरीका

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कच्ची शराब से जबरदस्त उगाही की गई… इसका हिसाब तक नहीं रखा गया कि कितनी देशी शराब छत्तीसगढ़ के लोग गटक गए… ED के अनुसार अनवर ढेबर ने अपने लोगों के साथ मिलकर बेहिसाब तरीके से कच्ची शराब बनाई और उन्हें सरकारी दुकानों के जरिए बेचा… ये पूरा अवैध कारोबार था ..इसलिए इस बेहिसाब पैसा , कच्ची शराब की इस बिक्री का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा गया…ये सारी बिक्री नकद में हुई… इसका एक रुपये भी सरकारी खजाने में जमा नहीं किया गया और सारी रकम सिंडिकेट की जेब में गई…ED की जांच में पता चला है कि 2019 से 2022 के बीच राज्य में 30 से 40 फीसदी अवैध शराब की बिक्री की गई..

शराब घोटाले का तीसरा तरीका…

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अब आइए बताते हैं छत्तीसगढ़ में बनने वाली शराब में वहां के डिस्टलरी कारोबारियों से कैसे वसूली की गई … इस मामले में ED ने छत्तीसगढ़ के डिस्टलरी वालों के बयान भी दर्ज किए हैं ..असल में छत्तीसगढ़ में अमूमन देशी शराब और लोकल ब्रांड की दारू चावल के एक प्रोडक्ट किनगी से बनाई जाती है जिसका मूल्य 1000 रुपए प्रति कुंतल होता है ..अब इसमें कमीशन का खेल कैसे खेला जाए तो उसके लिए बनाई गईं शेल कंपनियां … इस काली कमाई को दूध जैसा सफेद करने के लिए ही शेल कंपनियाँ बनाई गईं जिसकी कमान ढिल्लन के हाथ में था… पहले इन कंपनियों ने 1000 रुपये कुंतल के हिसाब से चावल किनगी की खरीद की और फिर उसको छत्तीसगढ़ के डिस्टलरी को 1500 रुपए कुंतल के हिसाब से बेचा… इसमें हर कुंतल में अवैध 500 रुपये के हिसाब से अकूत काली कमाई की गई …ये किसका कमीशन है ? इसी कमीशन का 27 करोड़ रुपये का फिक्स डिपॉजिट का ड्राफ़्ट भी ED के हाथ लगा है …

शराब घोटाले का चौथा तरीका….

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एक सालाना कमीशन डिस्टिलर्स से वसूला जाता था .. डिस्टिलरी लाइसेंस हासिल करने और CSMCL की बाजार खरीद में एक तय हिस्सेदारी वसूल की जाती थी ..डिस्टिलर्स उन्हें आवंटित मार्केट शेयर के हिसाब से रिश्वत देते थे.. इसी अनुपात में CSMCL खरीदारी करती थी.. इतना पैसा आखिरकार छत्तीसगढ़ से जा कहां रहा था ..?

ED का कहना है कि चार साल में पूरे दो हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया गया…ये पैसा सिर्फ अनवर ढेबर के पास नहीं गया था…तो इस रैकेट का मुखिया कौन था… क्या अपनी कुर्सी बचाने के लिए और देश भर में अपने पार्टी के मूवमेंट को जिंदा रखने के लिए अवैध तरह से ये कमाई की जा रही थी ..? क्या इतने बड़े नेटवर्क का संचालन बिना सरकार की जानकारी के हो रहा था?

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ED का कहना है कि अपनी राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल कर आरोपी अनवर ढेबर CSMCL के कमिश्नर और एमडी को भ्रष्टाचार में हमसफ़र बना कर उनकी मदद से CSMCL में विकास अग्रवाल और अरविंद सिंह जैसों को नौकरी दिलवाई… इस तरह से उसने छत्तीसगढ़ के शराब कारोबार की पूरी प्रक्रिया पर कब्जा कर लिया..

ED के अनुसार अभी तक कुल 180 करोड़ की चल-अचल संपत्ति जब्त हो चुकी है.. जिन संपत्तियों को जब्त किया गया है कि उनमें अनिल टुटेजा (ये वही अधिकारी है जिसको भूपेश बघेल ने रमन सरकार के दौरान नान घोटाले का मास्टर माइंड बताया था और भ्रष्टाचारी बता कर खूब राजनीति की थी, आज वही इनका सबसे विशेष अवैध वसूली का चेहरा है) की 12 संपत्तियां हैं, जिनका मूल्य 8.83 करोड़ है..

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अनवर ढेबर (शराब घोटाले का मास्टरमाइंड और कांग्रेसी नेता व रायपुर के मेयर एजाज़ ढेबर का भाई) की 98.78 करोड़ रुपये की 69 संपत्तियों को जब्त किया गया है..

विकास अग्रवाल की 1.54 करोड़ की तीन संपत्तियां, अरविंद सिंह की 11.35 करोड़ की 32 संपत्तियां, अरुणपति त्रिपाठी की 1.35 करोड़ रुपये की एक संपत्ति को जब्त किया गया है..ईडी का दावा है की बीते चार सालों में 2000 करोड़ रुपये की काली कमाई की गई है ..ईडी ने 2019 से 2023 के बीच छत्तीसगढ़ में शराब की खरीद और बिक्री में 2000 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है..

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घोटाले के आरोप में ईडी अनवर ढेबर, नीतेश पुरोहित, त्रिलोक सिंह ढल्लन और अरुणपति त्रिपाठी को गिरफ्तार कर चुकी है..

शराब घोटाले को लेकर भाजपा छत्तीसगढ़ में आक्रामक है और सरकार से बहुत आक्रामक तरीके से सवाल कर रही है. देखें बीजेपी के आदिवासी नेता का ये ट्वीट-

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शराब घोटाले के चार तरीकों को लेकर ईडी की तरफ से जारी प्रेस रिलीज भी देखें-

Press Release… Directorate of Enforcement (ED) has provisionally attached 119 immovable properties worth approx. Rs. 121.87 Crore in respect of Anil Tuteja, Anwar Dhebar, Arunpati Tripathi, Arvind Singh and Vikas Agrawal in the ongoing investigation of liquor scam in the State of Chhattisgarh. The attached properties include 14 properties in respect of Anil Tuteja, IAS worth Rs. 8.83 Crore, 69 properties in respect of Anwar Dhebar worth of Rs. 98.78 Crore, 3 properties in respect of Vikash Agarwal @ Subbu worth Rs. 1.54 Crore, 32 properties in respect of Arvind Singh worth of Rs. 11.35 Crore and one property in respect of Arunpati Tripathi worth Rs. 1.35 Crore. The attached properties of Anwar Dhebar include Hotel Vennington Court, Raipur being run under the aegis of his firm, M/s A Dhebar Buildcon.

The corruption in liquor scam which ran between 2019 and 2022 was done in multiple ways:

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• PART-A Commission: Bribe was collected from the distillers per each Case of liquor procured from them by the CSMCL (State body for purchase and sale of liquor).
• PART-B Kacha liquor sale: Sale of unaccounted kacha off-the-books Country Liquor. In this case, not even 1 rupee reached the State Exchequer, and all the sale proceeds were pocketed by the Syndicate. The illegal liquor was sold from State-run shops only.
• PART-C commission: Bribes taken from distillers to allow them to make a cartel and have fixed market share.
• Commission from FL-10A License Holders who were introduced to earn in foreign liquor segment also.

Earlier, ED had arrested Anwar Dhebar, Nitesh Purohit, Trilok Singh Dhillon and Arun Pati Tripathi for their role in the offence of money laundering.

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ED has also conducted more than 50 search operations at various locations in Raipur, Bhilai, Delhi, Kolkata & Mumbai and has been successful in seizing movable assets worth Rs. 58 Crore including cash, fixed deposits, shares and jewellery. Thus, the total seizure and attachment in the case stand at Rs 180 Crore (approx.). Further investigation is going on.

जारी…

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अगले भाग में पढ़िए ‘छत्तीसगढ़ का घोटाला चक्र’… ये घोटाला गोल गोल घूमता है और हर सरकार के कार्यकाल में सामने आ आता है… जब रमन सिंह मुख्यमंत्री थे तो भूपेश बघेल ने रमन सिंह, उनके लड़के और उनके दामाद पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे… समय का फेर देखिए, अब वे अपने आपको, अपने लड़के और दामाद को बचाने में जुटे हुए हैं .. हाय रे छत्तीसगढ़ का घोटाला चक्र… हाय रे समय चक्र… तूने न छोड़ा किसी को……. चलती चाकी देख के दिया कबीरा रोय। दो पाटन के बीच में साबुत बचा न कोय।।


इसके पहले के पार्ट पढ़िए-

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पार्ट-1 : सीएम भूपेश बघेल के बेटे बिट्टू के पास उगाही के अरबों रुपये पहुंचाए जाते थे, देखें आईटी की चार्जशीट के ये अंश!

पार्ट-2 : छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ के शराब घोटाले में ED ने अनवर ढेबर का ये आलीशान होटल सील किया, कुल 121 करोड़ की संपत्ति अटैच


ईडी ने अनवर ढेबर, नीतेश पुरोहित, त्रिलोक सिंह ढिल्लन और अरुणपति त्रिपाठी को रिमांड पर लेने के लिए रायपुर में स्पेशल जज पीएमएलए की अदालत में जो सत्रह पेज का अप्लीकेशन दायर किया, उसे पढ़िए… इसमें शराब घोटाले के तरीके के बारे में काफी कुछ वर्णित है…


और ये है शराब घोटाले के चार तरीकों के बारे में ईडी की प्रेस रिलीज की डिजिटल हार्ड कॉपी-

1 Comment

1 Comment

  1. Narendra Kumar Sahu

    September 20, 2023 at 9:57 pm

    भूपेश हटाओ छत्तीसगढ़ बचाओ

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