Ravish Kumar : प्रधानमंत्री मोदी एक विचित्र अभियान चला रहे हैं। मैं भी चौकीदार हूँ। इस पर पंकजा मुंडे ने जवाबी ट्वीट किया कि वे भी भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ चौकीदार हैं। पत्रकार रोहिणी सिंह ने पंकजा को जवाब दिया कि चिक्की कौन खाया। तभी पिछले हफ्ते आई एक ख़बर का ध्यान आया। सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में 6300 करोड़ के टेंडर को रद्द कर दिया जिसके लिए पंकजा मुंडे पर आरोप लगा था।
यह ठेका बच्चों और महिलाओं को आहार मुहैय्या कराने के लिए दिया गया था। टीवी और टैक्स विभाग के ज़रिए विपक्ष को इतना डरा दिया है कि वह जेनुइन मुद्दों को भी नहीं उठा पाता है। दोनों तस्वीरें दे रहा हूँ। क़ायदे से पंकजा मुंडे को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस्तीफ़ा देना था तो वह ट्वीटर पर मैं भी चौकीदार के गेम में टाइम बर्बाद कर रही हैं।
Vijender Masijeevi : प्रधानमंत्री की एड टीम में जिसने भी ‘मैं भी चौकीदार’ वाला आइडिया दिया है, उसने विपक्ष में किसी से घूस खा लिया है, वह भाजपा को डबल क्रॉस कर गया है। अब भाजपा बाकायदा छवि के मामले में विरोधियों की जमीन पर खेल रही है। चौकीदार ज़ाहिर है पब्लिक इमेज में चोर है और ये कैम्पेन बस उसकी सफाई है।
आप चौकीदार चोर है कहें या चौकीदार चोर नहीं है कहें- अंततः यह मोदी, चौकीदार और चोर को हाइफनेट करता है। जो बहुत अच्छा है। मीडिया वायरल कंटेंट की साधारण समझ कहती है कि “मैं चौकीदार हूँ”, यह चौकीदार चोर है का पुनर्बलीकरण करता वाक्य ही है। जो संघी न कहे वह चौकीदार है उससे पूछा जाए, चौकीदार तो चोर है, आप क्या हैं? 🙂
वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार और प्रोफेसर विजेंद्र मसिजीवी की एफबी वॉल से.
दीपक कुमार सिंह
March 20, 2019 at 1:20 am
मानना पड़ेगा रविश पांडेय उर्फ रविश कुमार की जैसी आपकी हरक़तें हैं वह दिन दूर नहीं है जब आपके लिखे को और आपके बक बक को सुनने वाला कोई नहीं होगा। कहने का मतलब साफ है कि आने वाले वक्त में आप और राजनीति के क्षेत्र में शिशु राजनीतिज्ञ के तौर पर जाने जाते हैं में कोई फर्क नहीं रह जायेगा।