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झारखंड

भुरकुंडा कोयलांचल के दबंग से परेशान पत्रकारों ने रिपोर्ट दर्ज कराई

इलाके के दबंग प्रमोद कुमार सिंह से सहमे कोयलांचल भुरकुंडा क्षेत्र के पत्रकारों ने सामूहिक रूप से स्थानीय थाना (पतरातू, जिला रामगढ़, झारखंड) में मामला दर्ज कराया है। प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े दो दर्जन पत्रकारों ने तहरीर में प्रमोद पर मानसिक एवं सामाजिक रूप से प्रताड़ित करने, झूठे आरोप लगाने, व्यक्तिगत स्वार्थ से प्रेरित खबरों को जबरन प्रकाशित करवाने व इसके लिए दबाव बनाने, पत्रकारों के परिजनों को धमकाने आदि की शिकायत की है।

<p><span style="line-height: 1.6;">इलाके के दबंग प्रमोद कुमार सिंह से सहमे कोयलांचल भुरकुंडा क्षेत्र के पत्रकारों ने सामूहिक रूप से स्थानीय थाना (पतरातू, जिला रामगढ़, झारखंड) में मामला दर्ज कराया है। प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े दो दर्जन पत्रकारों ने तहरीर में प्रमोद पर मानसिक एवं सामाजिक रूप से प्रताड़ित करने, झूठे आरोप लगाने, व्यक्तिगत स्वार्थ से प्रेरित खबरों को जबरन प्रकाशित करवाने व इसके लिए दबाव बनाने, पत्रकारों के परिजनों को धमकाने आदि की शिकायत की है।</span></p>

इलाके के दबंग प्रमोद कुमार सिंह से सहमे कोयलांचल भुरकुंडा क्षेत्र के पत्रकारों ने सामूहिक रूप से स्थानीय थाना (पतरातू, जिला रामगढ़, झारखंड) में मामला दर्ज कराया है। प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े दो दर्जन पत्रकारों ने तहरीर में प्रमोद पर मानसिक एवं सामाजिक रूप से प्रताड़ित करने, झूठे आरोप लगाने, व्यक्तिगत स्वार्थ से प्रेरित खबरों को जबरन प्रकाशित करवाने व इसके लिए दबाव बनाने, पत्रकारों के परिजनों को धमकाने आदि की शिकायत की है।

आरोप है कि काफी समय से प्रमोद सिंह द्वारा इस तरह की गतिविधियों को अंजाम दिया जाता रहा है। यह पहला मौका है जब इन्होंने पत्रकारों के खिलाफ सोशल मीडिया पर भी अनर्गल आरोप लगाये। इससे पहले भी विभिन्न चैनल व पत्र समूह के प्रबंधकों के पास ये अपनी अनर्गल शिकायतों को मौखिक अथवा लिखित रूप से भेजते रहे हैं परन्तु बुद्धिजीवी समाज द्वारा इस तरह के कृत्य को अनर्गल प्रलाप समझ कर अनदेखा किया जाता रहा है।

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आरोप है कि अब वह पत्रकारों की सामाजिक प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने लगा है। प्रतिष्ठित लोगों को अपने जाल में फंसा कर उनका शिकार करने जैसी गतिविधियों को अंजाम देना इसका पसंदीदा शगल है। इसके इस शौक की भेंट चढ़ चुके लोगों की फेहरिस्त लंबी है। यहां तक कि पूर्व में हिंदुस्तान के प्रधान संपादक शशि शेखर तक पर भी यह व्यक्ति ऐसे ही अनर्गल आरोप लगा अपना बाजार बना चुका है। ऐसे में समाज के लिए घातक साबित हो रहे इस व्यक्ति का खुले में विचरण करना वाकई खतरनाक प्रतीत है। पुलिस आरोप दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

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0 Comments

  1. Pramod Kumar Singh

    April 22, 2015 at 9:15 am

    इनमे से शायद ही किसी ने पत्रकारिता की पढ़ाई की है ।सब भाई भतीजे वाद के आधार पर पैसा उगाही के लिये ही चोला पहन रखा है ।शशीशेखर ने मुझपर केस किया था क्या इसे कोई नकार सकता है तो प्रमाणित करे । वैसे भी यदि दबंग के विरुद्ध लम्बी फेहरिस्त है तो आरोप लगाने वालों को प्रमाणित तथ्यों के साथ प्रस्तुत करना चाहिए !! अभी कुछ दिनों पूर्व ही हिन्दुस्तान का एक पत्रकार दीपक राजभर द्वारा सी सी एल कंपनी का क्वार्टर ताला तोड़कर कब्जा किया गया है वह भी पत्रकारिता का खौफ दिखाकर !!! ऐसे ही पत्रकार हैँ हमारे क्षेत्र मे !! मै दलाल पत्रकारों के बारे मे सबुतो के साथ लिखुँगा और इनकी दंबगता समाप्त करुँगा ।कल क्वार्टर नंबर के साथ इनका चरित्र बताते रहुँगा ।चाहे जेल या मौत यही दे सकता है भ्रष्ट पत्रकार !!! बस अब यही है पत्रकारिता !!!

  2. Nand Kishroe Agarwal

    August 4, 2016 at 9:09 am

    Deferences between Pramod Kumar Singh and local scribe of various news papers has crossed all boundaries and they have brought the issue in social media. Pramod Kumar Singh who have been struggling for so called exploitation of parents by convent schools while scribe of news papers have supported the agitation launched by him. Pramod Kumar Singh must know that each and every thing could not be published in the news papers while no one could use the news paper for personal benefits. If any of his demand not got published or covered by the scribe it does not mean that media turned corrupt. Media is facing such allegations from various corners for long.
    One other hand it’s duty of scribes to be impartial to all and voice of every person should be heard. Media should be impartial and no one could use the media whether leaders or any organization. I think Pramod Kumar Singh tried his best to raise the voice of allegedly exploited parents whose children are in convent school. So scribe should listen to him whiat he wanted to say for the parents or miscreants. It his voice would be listen the controversy could be ended. It’s unfortunate that Pramod Kumar Singh has made comments on national journalist and editor in chief of a popular national HIndi daily.
    Controversy should be resolved. Both side should sit to-gether and interact each other and find solution to the problem. Being a senior journalist in Ramgarh district I am apparently unhappy with this kind of controversy.
    NK Agarwal, Journalist, Times of India, Ramgarh, Jharkhand

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