Connect with us

Hi, what are you looking for?

वेब-सिनेमा

नया भड़ास अच्छा तो है लेकिन इसमें थोड़े कसाव की ज़रूरत है

Rajesh

प्रिय यशवंत भाई, आपकी वेबसाइट भड़ास4रमीडिया के नये कलेवर से गुजरा। इसे जांचा-परखा तो पाया यह अच्छा तो है लेकिन इसमें कसाव के बजाय बिखराव और बेतरतीबी है जो इसके सौदर्य को बाधित करती है। आपने तीन कालम वाला लेआउट चुना है जिसमें बायें और दायें कालम की सजावट तो अब सुधरती और तरतीब में आती दिखती है लेकिन बीच वाला कालम अब भी उच्छृंखल लगता है, कभी इधर भागता तो कभी उधर भागता, अपनी जगह पाने को बेचैन। कृपया इसे इसकी उपयुक्त जगह दीजिए और साथ ही इसके आकार-प्रकार पर भी नकेल दीजिए।

<p><img class=" size-full wp-image-15102" src="http://www.bhadas4media.com/wp-content/uploads/2014/06/images_kushal_Rajesh.jpg" alt="Rajesh" width="829" height="450" /></p> <p>प्रिय यशवंत भाई, आपकी वेबसाइट भड़ास4रमीडिया के नये कलेवर से गुजरा। इसे जांचा-परखा तो पाया यह अच्छा तो है लेकिन इसमें कसाव के बजाय बिखराव और बेतरतीबी है जो इसके सौदर्य को बाधित करती है। आपने तीन कालम वाला लेआउट चुना है जिसमें बायें और दायें कालम की सजावट तो अब सुधरती और तरतीब में आती दिखती है लेकिन बीच वाला कालम अब भी उच्छृंखल लगता है, कभी इधर भागता तो कभी उधर भागता, अपनी जगह पाने को बेचैन। कृपया इसे इसकी उपयुक्त जगह दीजिए और साथ ही इसके आकार-प्रकार पर भी नकेल दीजिए।</p>

Rajesh

प्रिय यशवंत भाई, आपकी वेबसाइट भड़ास4रमीडिया के नये कलेवर से गुजरा। इसे जांचा-परखा तो पाया यह अच्छा तो है लेकिन इसमें कसाव के बजाय बिखराव और बेतरतीबी है जो इसके सौदर्य को बाधित करती है। आपने तीन कालम वाला लेआउट चुना है जिसमें बायें और दायें कालम की सजावट तो अब सुधरती और तरतीब में आती दिखती है लेकिन बीच वाला कालम अब भी उच्छृंखल लगता है, कभी इधर भागता तो कभी उधर भागता, अपनी जगह पाने को बेचैन। कृपया इसे इसकी उपयुक्त जगह दीजिए और साथ ही इसके आकार-प्रकार पर भी नकेल दीजिए।

कोशिश यह हो कि प्रिव्यु विंडो में समान लाइनें दी जायें और विस्तार के लिए आगे पढ़ने का विकल्प तो रहता ही है। मेरे कहने का आशय यह कि पहले पेज में कसाव और उसकी डिजाइन में चुस्ती दिखनी चाहिए। एक खूबसूरत पेज वेबसाइट पर आने, टिकने के लिए ललचाता है और जो आयेंगे उन्हें वेबसाइट पढ़ने के लिए मजबूर करने की कला तो आपमें है ही। कहां-कहां से और कैसे-कैसे मह्तव्पूर्ण प्रसंग आप लाते हैं, कितनी खूबी से उन्हें पेश करते हैं, यह आपसे ही संभव है। और आपके साहस की भी प्रशंसा करनी चाहिए कि बड़े-बड़े लोगों तक को नापने, उन्हें छीलने से आप बाज नहीं आते। फिर न आप कोई मुरव्वत करते हैं न मोह।
सच को सच की तरह बेखौफ कहने का आपका यह जज्बा नये कलेवर में भी विद्यमान है यह सुखद और आशाजनक है। पत्रकारों के लिए प्रातः पठनीय बन चुकी आपकी साइट में इस माध्यम से जुड़ा हर दीन-दुखिया अपनी भड़ास निकालने को व्याकुल रहता है और आप उसे सहर्ष अपना यह मंच प्रदान करते हैं। आपका यह जज्बा, अनाचार, अत्याचार और शोषण के शिकार लोगों के हित में कंधे से कंधा मिला कर खड़े होने का भाव यों ही कायम रहें यही आशा है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

एक विनम्र सुझाव है कि आप बायें तरफ के कालम का काला रंग बदल दें। आप देखते होंगे यह पूरी साइट को डिस्टर्ब करता है। काला रंग सीधे आंखों में लगता है। आप चाहें तो पूरी साइट को एक हलका टिंट दे सकते हैं और उससे मिलता गाढ़ा रंग दोनो (बायें-दायें) कालमों को दे सकते हैं। पहली साइट की ही तरह इसमें भी आपकी अमिट छाप है, यह बनी रहे, आपकी अपनी लेखन की बेबाक और सीधी-सपाट शैली की बानगी भी बीच-बीच में मिलती रहे तो फिर इस साइट में सोने में सुहागा वाली बात हो जायेगी।

भड़ास अपनी पूरानी खूबियों और नये कलेवर के साथ पत्रकारों और मीडिया के सरोकार से जुड़ी अपनी यात्रा में आगे बढ़ता रहे, दुखियों के आंसू पोंछता और शोषितों को न्याय दिलाने के लिए हक में उठी उनकी आवाज बनता रहे यही उम्मीद है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

राजेश त्रिपाठी
वरिष्ठ पत्रकार
कोलकाता

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. ek aalochak

    June 30, 2014 at 3:02 am

    ye website apne maalik yashwant jaisi do kaudi ki hai.

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement