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सुख-दुख

वैक्सीन असहिष्णुता में कारगर होमियोपैथिक चिकित्सा

Dr MD singh

कोविड-19 पुनः सारी दुनिया में अपनी ताकत बढ़ाने लगा है। भारत समेत अन्य देशों में कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीन बनाने का कार्य अंतिम चरण में है। यह सब कुछ युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। संभवत: मनुष्य इस व्याधि के खिलाफ जंग जीत जाएगा। विभिन्न कंपनियां अपने वैक्सीन को 60 से 90% तक कारगर बता रही हैं ।

लेकिन यह वैक्सीन अभी नया है। इसकी प्रतिरोधक क्षमता कितने दिनों तक मनुष्य के भीतर बनी रहेगी, इसका ज्ञान अभी नहीं है। साथ ही यह किसी में कोई कम्प्लिकेशन पैदा कर सकती है, बाद में चलकर यह भी पूरी तरह सुनिश्चित कर पाना इतने अल्प अवधि में संभव नहीं। ऐसा एम्स के चिकित्सक डॉ राय को एक टीवी कार्यक्रम में मैंने आशंका प्रकट करते हुए सुना। साथ में अभी यह भी जानना बाकी है कि जो लोग इस रोग से इम्यून हो चुके हैं उन पर वैक्सीन का क्या असर होगा।

मैं यहां वैक्सीन को लेकर डराना नहीं चाहता। बस यह बताना चाहता हूं कि ऐसी अवस्था में होम्योपैथी पोस्ट वैक्सीन उपद्रवों को सीमित करने में पूरी तरह सक्षम है। यदि वैक्सीन लेने के बाद कोई भी लक्षण उत्पन्न होता है तो किसी होमियोपैथिक चिकित्सक से सलाह और औषधि ली जा सकती है। अतः आप कोरोना के लिए आ रहे वैक्सीन को आश्वस्त होकर लगवा सकते हैं। काफी बड़ी संख्या में से किसी एक को किसी भी वैक्सीन से हाइपरसेंसटिविटी हो सकती है जो कोरोना वैक्सीन से भी संभव है। इसलिए सभी लोग उससे डरें, ठीक नहीं।

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वैक्सीन से उत्पन्न होने वाले संभावित डिसऑर्डर्स–

1- संबंधित रोग के लक्षण ही एग्रावेट हो सकते हैं ।

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2- तेज बुखार और बदन दर्द।

3-त्वचा पर लाल चकत्ते और छाले निकल आना।

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4– तेज खुजली और अर्टिकेरिया का प्रकोप।

5- ड्राप्सी अथवा शोथ।

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6- कष्टप्रद स्वसन अथवा गले में खराश और आवाज में भारीपन।

7- पाचन संबंधी उपद्रव जैसे पेट दर्द, पतले दस्त आना ,डिसेंट्री अथवा गैस बनना।

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8- लोकोमोटिव्स डिसऑर्डर जैसे चलने अथवा खड़ा होने में असहजता, जोड़ों में दर्द , हाथ पैर में सुन्नपन।

9- कभी कभार लकवागर्स्तता को भी देखा जाता है।

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10- कभी-कभी टीका लगने के बाद सुस्ती, निद्रालुता और चक्कर आते हुए भी पाया जाता है।

बचाव-
यदि वैक्सीन लेने अथवा टीका लगवाने के पूर्व होम्योपैथिक औषधि थूजा 1000 का एक खुराक ले लिया जाए तो टीका का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा ,यदि होगा भी तो बहुत ही कम। जिसे बाद में आसानी से अन्य होमियोपैथिक औषधियों के प्रयोग से समाप्त किया जा सकेगा।

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चिकित्सा-
टीकाकरण के बाद होने वाले व्याधियों के लिए होमियोपैथी की निम्न तीन औषधियां प्रमुख हैं
1- थूजा 200
2- एसिड नाइट्रिक 200
3- साइलीया 200

इनके अतिरिक्त लाक्षणिक आधार पर आर्सेनिक अल्ब, एकोनाइट, हिपर सल्फ ,इग्नेशिया, नेट्रम म्यूर, रस टॉक्स ,कास्टिकम, आर्निका माण्ट इत्यादि दवाओं का प्रयोग होम्योपैथिक चिकित्सक की राय पर सफलतापूर्वक किया जा सकता है।

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डॉ एम डी सिंह
प्रबंध निदेशक
एम डी होमियो लैब प्रा लिमिटेड महाराजगंज
गाजीपुर उत्तर प्रदेश

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