मैं धन्यवाद करता हूँ आपका। आपने हमारा पक्ष जानने की बात कही।
दरअसल मेरे भाई के लिए, जैसा आपकी खबरों में लिखा गया, वैसा कुछ भी नही था।
न तो वो ब्यूटीशियन को भगाकर लाया और न उससे इस्तीफा लिखवाया गया। बस कॉन्ट्रेक्ट खत्म कर दिया गया। अब वजह चाहे जो रही हो।
उसकी बहन ने मेरे भाई के खिलाफ कोई तहरीर नही दी थाने में, यदि दी है तो वह तहरीर आप मंगा सकते थे।
जिस लड़की से प्रेम था, वह खुद घर से भागकर आई, क्योंकि चार माह से उसे परिजन प्रताड़ित कर रहे थे और शादी न करने के लिए दबाव बना रहे थे। जबकि दो साल से मेरे भाई का उनके घर आना, जाना, रहना, खाना सब होता था। पर उसकी बहन को यह नागवार था। उसकी बहन स्वयं गलत है।
घर से भागकर आने के बाद वह लड़की सीधे महिला थाने पहुंची थी, जहां उसने सारी बात बताई।
उसके बाद हम लोगों को थाने बुलाया गया था। वहां से लड़की ने स्वयं हमारे साथ आने की बात कही थी।
तभी हम उस लड़की को साथ लेकर हरिद्वार आये और पूरे रीति रिवाज से दोनों की शादी की।
अब वह दोनों खुशी खुशी परिवार के साथ रह रहे हैं। लेकिन अखबार के कुछ साथियों ने लड़की के परिवार से मिलकर मेरे भाई के खिलाफ षड्यंत्र रचा ओर ऊपर तक मेल के माध्यम से झूठी बातों से अवगत कराया। खैर उन लोगों ने जो भी किया हमें फर्क नही पड़ता, क्योंकि हम सही थे, हैं और रहेंगे।
Sonu Giri
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Bhavi
August 6, 2020 at 1:53 am
यह तो गलत बात है बिना किसी का पक्ष जाने उसके बारे में उल्टा सीधा लिख देना पत्रकारिता नहीं है। इससे कई बार जिंदगियां तबाह हो जाती है। आपको साधुवाद कि आपने यहां अपना पक्ष रखा वरना हम तो आपके भाई को गलत समझ रहे थे।