मेरठ में दैनिक जागरण के क्राइम रिपोर्टर सुशील कुमार पर 28 नवम्बर की सुबह चार बजे सिविल लाइंस इलाके में घर में घुसकर कुछ लोगों ने हमला किया। हमलावर कई गाड़ियों पर लद कर आए थे। सुशील वेस्टर्न कचहरी रोड स्थित असौड़ा हाउस में रहते हैं। क्राइम रिपोर्टर सुशील को गाड़ी में भर कर आए हमलावरों ने अपहरण कर लिया। मामले की जानकारी मिलते ही मीडिया जगत में हड़कंप मच गया। पुलिस ने आनन-फानन में सक्रियता दिखाते हुए सबको थाने ले आई। बाद में दोनों तरफ के लोगों के बीच समझौता हो गया।
घायल सुशील कुमार. तस्वीर में वो गाड़ी भी दिख रही है जिससे हमलावर आए थे.
चर्चा है कि हमलावरों की सुशील से कोई निजी खुन्नस थी जिसके चलते उन पर छेड़छाड़ का फर्जी आरोप लगाते हुए हमला कर दिया गया। हमलावरों की साजिश थी कि सुशील को छेड़छाड़ के फर्जी आरोपों में न सिर्फ जेल भिजवाया जाए बल्कि जागरण से उनकी नौकरी भी ले ली जाए। हमलावरों ने सुशील को बुरी तरह पीटा। इस हमले के गवाह सुबह के वक्त अखबार बांटने वाले अखबार विक्रेता भी थे।
पत्रकार पर हमले को लेकर कुछ तथाकथित पत्रकारों ने मामले को उल्टा रंग देने की कोशिश करते हुए क्राइम रिपोर्टर सुशील को ही खलनायक बताने, साबित करने की कोशिश की। सच्चाई ये है कि सुशील पर छेड़छाड़ का आरोप कतई सही नहीं है। जिस लड़की से चैट किए जाने की बात की जा रही है, वह और सुशील कभी एक साथ नौकरी करते थे। इनकी चैट में ऐसा कुछ भी नहीं था जो अश्लील हो या अभद्र हो। लड़की के पति और सुशील के बीच भी पारिवारिक संबंध थे।