ईडी अधिकारी पर ही आय से अधिक संपत्ति का आरोप
बदले की भावना से काम कर रहीं जांच एजेंसियां, चैनल खोलने के लिए उपेंद्र राय ने इकट्ठे किए थे पैसे, राय के करीबियों और वकीलों पर भी ईडी का दबाव
मुंबई। देश के बड़े पत्रकारों में शुमार उपेंद्र राय बहुत कम समय में ऊंचाई पर पहुंचे हैं। उन्होंने ईडी अधिकारी राजेश्वर सिंह पर आय से अधिक संपत्ति होने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया था। इसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसी सक्रिय हुई और सुप्रीम कोर्ट में तारीख से पहले सबक सिखाने के लिए उपेंद्र राय की गिरफ्तारी सुनियोजित तरीके से कराई गई। इसके पीछे नेताओं, अफसरों से लेकर वकीलों तक की भी मिलीभगत है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी अधिकारी की आय से अधिक संपति की जांच पर लगी रोक हटा दिया दिया है। इसके कारण ईडी अधिकारी राजेश्वर सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले उपेंद्र राय लंबे समय तक सहारा मीडिया के हेड रहे हैं। वह स्टार न्यूज से लेकर तहलका ग्रुप में वरिष्ठ पदों पर कार्य कर चुके हैं। उपेंद्र राय ने गिरफ्तारी से पहले कहा था कि पी गुरूज डॉट कॉम नामक वेबसाइट पर उनके खिलाफ ईडी अधिकारी राजेश्वर सिंह के इशारे पर जो कुछ प्रकाशित किया गया, वह तथ्यहीन पत्रकारिता का नमूना है। यह खबर एक गहरी साजिश का हिस्सा है। इसमें अफसर से लेकर नेता तक शामिल हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में 100 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा वेबसाइट के प्रमुख अय्यर और ईडी अधिकारी राजेश्वर सिंह के खिलाफ किया था। इसके लिए बाकायदा एक करोड़ रुपए फीस कोर्ट में जमा भी किए थे। इसी की तारीख से पहले ही 2 मई 2018 को दिल्ली स्थित उनके आवास पर सीबीआई के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया।
राय के करीबियों और वकीलों पर भी डाला दबाव
सीबीआई से लेकर ईडी तक ने न सिर्फ उपेंद्र राय बल्कि उनके करीबियों को भी डरा-धमका रखा है। यही कारण है कि सबसे पहले उपेंद्र राय का केस लड़ने वाले दो वकीलों ने चुपचाप इस केस से अलग हो जाना ही उचित समझा था। एजेंसियों के दबाव में इन वकीलों ने अपने फोन तक बंद कर लिए हैं। ऐसे में उपेंद्र राय के करीबियों को नए वकील करने पड़ रहे हैं।
राय से मिलने जाने वाले गैर पारिवारिक सदस्य का करती है पीछा
सूत्रों की मानें तो अगर कोई गैर-पारिवारिक सदस्य उपेंद्र राय से मिलने जेल या कोर्ट जाता है तो केंद्रीय जांच एजेंसियों के लोग गुपचुप ढंग से उसका पीछा करना शुरू कर देते हैं और बाद में उसे पकड़कर पूछताछ के लिए अपने आॅफिस में घंटों बिठाए रखते हैं। ऐसे मानसिक उत्पीड़न से डरकर उपेंद्र राय के कई करीबियों ने उनसे जेल या कोर्ट में मिलना ही बंद कर दिया है।
राजेश्वर सिंह की मुश्किलें बढ़ीं
सुप्रीम कोर्ट ने 2जी घोटाले और एयरसेल-मैक्सिस मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी राजेश्वर सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति होने के आरोपों को बेहद गंभीर माना है। अदालत ने कहा कि इन आरोपों की हकीकत को निश्चित तौर पर परखा जाना चाहिए। जस्टिस अरुण मिश्रा और एसके कौल की अवकाशकालीन बेंच ने यह भी कहा कि राजेश्वर सिंह आगे इन मामलों में जांच करें या न करें, इसका फैसला केंद्र सरकार करेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारी की जवाबदेही सुनिश्चित किए जाने पर जोर दिया है। सुप्रीम कोर्ट याचिकाकर्ता रजनीश कपूर की याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें राजेश्वर सिंह पर आय से अधिक संपत्ति होने का आरोप लगाया गया है और इसकी जांच कराने की भी मांग की गई है।
”बेलगाम नौकरशाही की तानाशाही और उत्पीड़न देखना हो तो यह मामला सबसे सटीक उदाहरण है। ये नौकरशाह खुद को खुदा से कम नहीं मानते। उपेंद्र राय पर जो आरोप लगाए गए हैं, उसका फैसला कोर्ट में होना है, पर उन्हें यूं इस कदर परेशान किया जाना बताता है कि दाल में कुछ काला है। जांच एजेंसियों का काम चार्जशीट दाखिल करना है, न कि किसी का घनघोर उत्पीड़न कर उसका जीना मुहाल करना, उसका मनोबल तोड़ देने का प्रयास करना। इसलिए आप सभी पत्रकारों और लोगों से अपील है कि उपेंद्र राय, उनके वकीलों, परिजनों और करीबियों के निहित स्वार्थवश किए जा रहे उत्पीड़न के खिलाफ खुलकर लिखें-बोलें, एक मंच पर आएं अन्यथा कल किसी को भी भ्रष्टाचारी बताकर ऐसे ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा और बिना वजह लंबा-चौतरफा उत्पीड़न किया जाएगा।”
-प्रियेश राय
भतीजा, उपेंद्र राय
लेखक उन्मेष गुजराथी दबंग दुनिया अखबार के मुंबई संस्करण के संपादक है.
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