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‘दबंग दुनिया’ के संपादक ने आपरेटरों को दी गालियां, कार्य बहिष्कार, मानहानि का दावा करेंगे

भोपाल : दबंग दुनिया भोपाल के संपादक विजय शुक्ला जब से आए हैं कर्मचाारियों को लगातार परेशान कर रहे हैं। उनकी इस हरकत से कई लोग पहले ही छोड़कर जा चुके हैं। आज तो हद हो गई। विजय शुक्ला ने अचानक किसी बात पर आपरेटरों के साथ बदतमीजी पूर्ण व्यवहार कर दिया। गालियां भी दीं।

भोपाल : दबंग दुनिया भोपाल के संपादक विजय शुक्ला जब से आए हैं कर्मचाारियों को लगातार परेशान कर रहे हैं। उनकी इस हरकत से कई लोग पहले ही छोड़कर जा चुके हैं। आज तो हद हो गई। विजय शुक्ला ने अचानक किसी बात पर आपरेटरों के साथ बदतमीजी पूर्ण व्यवहार कर दिया। गालियां भी दीं।

परेशान आपरेटरों ने नाराज होकर दबंग दुनिया में काम का बहिष्कार कर दिया और अब संपादक के खिलाफ मानहानि का दावा करने की तैयारी कर लिए हैं। जानकारी के मुताबिक सभी आपरेटर कल विजय शुक्ला के खिलाफ शिकायत करने कलेक्टर और श्रम आयुक्त के पास जाएंगे।

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एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित

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0 Comments

  1. mamta yadav

    June 29, 2015 at 5:55 pm

    naye opraters ki talash bhi shuru kar di gai hai

  2. dgp

    June 29, 2015 at 6:32 pm

    विजय शुक्ला अपनी चांडाल चौकड़ी तैयार कर रहा है। इसने पूरे भोपाल से दलालों की भर्ती की ली है और अब कमाई की तैयारी में है। ये बात गुटका व्यापारी किशोर बाधवानी के समझ में नहीं आ रही है। बाधवानी जी आप तो सिर्फ अपने यहां आए हुए नए लोगों का पुराने संस्थान में वेतन पता कर लो अपने आप पता चल जाएगा कि विजय शुक्ला आप को क्या फयदा पहुंचा रहा है। ये जब आपको बर्बाद कर देगा तभी दम लेगा। ये बड़ा चोर है।

  3. arvind

    June 29, 2015 at 6:35 pm

    आपरेटर जो शुरू से काम कर रहे थे उनको ये आने के समय से ही प्रताडि़त करना शुरू कर दिया था। अब इनको बेरोजगार करके बड़ा खुश हो रहा है, लेकिन प्यारे विजय आप क्या कर रहे हो ऊपर वाला देख रहा है। फल मिलेगा।

  4. mukund

    June 29, 2015 at 6:39 pm

    शुक्ला जी पुरानों को निकाल कर आप कंपनी को क्या लाभ पहुंचाना चाह रहे हो। सानल भार्गव, संजय सोनी, सचिन नारनवरे, नितिन साहनी, रिसिराज, नितिन दुबे, नीरज दुबे इनको कोई पूंछ नहीं रहा था आपने कल्याण किया तो आपकी बजाएंगे ही, लेकिन पुरानों क्या दोष था भाई।

  5. chandar

    June 29, 2015 at 6:49 pm

    बाधवानी जी, संजय सोनी प्रदेश टुडे में 12000 रुपए वेतन पाता था, पार्षदों से सौ-सौ रुपए की वसूली करता था और वहां से निकाल दिया गया था। यहां क्या है।
    सोनल भार्गव पीपुल्स में 13000 पाता था, यहां क्या है।
    रिषीराज पिछले काफी दिनों से बेरोजगार था, स्टार समाचार में 12000 वेतन था, विजय ने कल्याण किया, क्योंकि वो कही नौकरी करने लायक नहीं है, यहां क्या वेतन है।
    दो आदमी सही लाए हैं- नितिन साहनी और नितिन दुबे।
    विजय शुक्ला खुद राष्ट्रीय हिंदी मेल में कितना पाते थे और आप कितना दे रहे हो। ये राजएक्सप्रेस, प्रदेश टुडे, पीपुल्स से निकाले गए और राष्ट्रीय हिंदी मेल से एक हफ्ते का समय दिया गया था और आप मिल गए।

  6. chandar

    June 29, 2015 at 6:56 pm

    भोपाल के पत्रकारों, विजय शुक्ला का वहिष्कार करो, पत्रकारिता के पेशे को बदनाम करने वाले इस चमचे को जब दबंग से लात मारकर जब निकाला जाए तो इसे कहीं नौकरी न मिले ऐसा करना। इसने हमारे दर्जनभर पत्रकार भाइयों के पेट पर लात मारा है, इसका फल तो इसको मिलेगा ही, लेकिन इसको सबक सिखाना जरूरी है। अब समय आ गया है कि ऐसे लोगों के खिलाफ एक प्रस्ताव लाया जाए और इनका पत्रकारिता के क्षेत्र में बहिष्कार किया जाए। इसके जैसे लोग पत्रकारिता के माहौल को बर्बाद कर रहे हैं।

  7. dram

    June 29, 2015 at 7:08 pm

    अभी संपादक जी जिस सचिन नारनवरे को दबंग में लाए हैं, वो 6 महीने पहले यहीं काम करता था और 12000 रुपए वेतन था, इसे काम नहीं आता है। विजय जी को इसमें क्या खूबी दिखी कि वापस लाए है। बताते हैं इसको 20000 रुपए में लाए हैं।

  8. dram

    June 29, 2015 at 7:13 pm

    ऐसा लगता है कि पत्रकारों के हितों का ध्यान रखने वाले पत्रकार संगठन सिर्फ दलाली करने के लिए बना लिए गए हैं। किसी भी संगठन को ये नहीं दिखाई पड़ रहा है कि पत्रकार भाइयों पर दबंग दुनिया में विजय शुक्ला क्या जुल्म ढा रहा है। यदि अभी भी ये संगठन आगे नहीं आए तो मरें चुल्लू भर पानी में। पिछले तीन दिनों से हमारे पत्रकार भाई परेशान हैं और किसी को भी उनका ध्यान नहीं आया।

  9. Bhopal ka sach

    June 29, 2015 at 7:21 pm

    जैसे को तैसा मिला तो इसमें गलत क्या है …
    ये तो एक न एक दिन होना ही था … दबंग दुनिया भोपाल में भी एक टीम बनी है … जब कोई नौकरी के लिए जाता है तो उसे वह टीम बहार करने का रास्ता निकाल लेती.. क्योकि कोई भी व्यक्ति इनकी मर्जी के बगैर आएगा तो उसे वहां के कर्मचारी काम का बहाना बताकर भगवा देते थे … और काम वाले व्यक्ति को भगवा दिया जाता था … आज उनके साथ भी वैसा ही हुआ तो इसमें गलत क्या है … ये शायद ऊपर वाले की मर्जी थी …

  10. aaj ka sach

    June 29, 2015 at 7:31 pm

    bilkul sahi. dabang suru se hi chamchon se ghira tha. pahle wo teem 3 logon ki thi jo kisi ko safal hone nahi deti thi. abhi bhi hai. lekin alag alag jagah aour kharab halat me. lekin usme in opretron ka koi dos nahi tha. inke sath to vijay shukla galat kar raha hai

  11. shaan

    June 29, 2015 at 8:37 pm

    sahi kaha bhopal mai shuru sai hi aisa hota raha hai kuch din poorv wahan ke circulation manger shoeb kareem ne bhi gunda gardi ki ek sajjan ke sath ki marpeet jahangirabad thane diya avedan naam dabang rakh kar ho rahi hai gunda gardi is paper ko bandh ho jana chaiye

  12. राम पाल श्रीवास्तव

    June 30, 2015 at 7:43 am

    है ना ‘दबंग दुनिया ‘……. बहुत निंदनीय

  13. aaj ka sach

    July 1, 2015 at 8:16 pm

    आपरेटरों को जलील कर रहा ये दलाल संपादक
    भोपाल। दबंग दुनिया भोपाल में इस समय कुछ अच्छा नहीं हो रहा है पुराने पत्रकारों को या तो नौकरी छोडऩे पर बाध्य किया जा रहा है, नहीं तो मजबूर लोगों को सरेआम कार्यालय में संपादक और उसके चमचों द्वारा जलील किया जा रहा है।
    एक कहावत है, अल्ला मेहरबान तो गधा पहेलवान, ये कहावत इस समय संपादक विजय शुक्ला पर चरितार्थ हो रही है। इस समय दबंग का मालिक उसपर मेहरबान है। इस मेहरबानी के बदले वो अपना प्रभाव वहां काम कर रहे कर्मचारियों पर दिखा रहा है। कई लोग तो अपनी इज्जत बचाने के लिए संस्थान छोड़कर चले गए, लेकिन जा बचे हैं वो उसकी प्रताडऩा शिकार बन बन रहे हैं।
    दो दिन पहले दबंग के आपरेटरों ने संपादक विजय शुक्ला की प्रताडऩा से तंग आकर काम का बहिष्कार कर दिया। तीन दिक तक अपनी मांग पर डटे रहे, लेकिन कुछ नहीं हुआ। तीसरे दिन इंदौर में बैठे क्रिएटिव हेड के कहने पर मजबूर आपरेटर संपादक से बात करने गए तो वो पहले तो एक घंटे खड़ा किया रहा और फिर उनसे जबरदस्ती माफी नामा लिखवाया। इतने से भी मन नहीं भरा तो सबके सामने बुलाकर उनको खरीखोटी सुनाने लगा, फिर बोला कि यदि नौकरी करना हो तो माफी मांगते हुए सब लोगों का एक बीडिया बनाओ और हमे फरवर्ड करो। उसके इस ब्योहार से दो आपरेटर तो बाहर निकल गए और कुछ अंदर ही खड़े रहे फिर उसने गालियां देते हुए सबको बाहर भगा दिया और कहा जाओ घर आराम करो।
    आपरेटरों की ये बेज्जती करवाने का सारा श्रेय इंदौर में बैठे क्रियेटिव हेड को जाता है।

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