भोपाल : एजेंट से संपादक बने विजय शुक्ला इस समय भोपाल के ‘दबंग दुनिया’ अखबार में संपादक बन गए हैं। संपादक बनने के बाद से ही वह वर्षों से काम कर रहे पत्रकारों को परेशान करने लगे हैं। उनके कारण संस्थान से कई लोग बाहर जा चुके हैं। बाहर जाने वालों में प्रशासनिक संवाददाता राजेंद्र वर्मा, विजेंद्र उपाध्याय, मनोहर पाल, सकुर्लेशन हेड प्रवीण शर्मा, अजय द्विवेदी, आरबी सिंह आदि हैं। अमित देशमुख, जो शुरूआत से काम कर रहे हैं, उन्होंने किसी तरीके से अपना ट्रांसफर दिल्ली कराकर अपनी नौकरी बचाई है।
भोपाल के शराबी संपादक पुष्पेंद्र सोलंकी को बहुत ही बेइज्जत करके निकाला गया। दूसरी तरफ संपादक रहे गीत दीक्षित किसी तरह अपनी नौकरी बचाने में सफल हो गए हैं, लेकिन उनका भी ट्रांसफर उज्जैन कर दिया गया है। विजय शुक्ला पद संभालते ही लोगों को प्रताड़ित करने लगे। मीडिया कर्मियों से कहने लगे कि जब हम आएं तो सब खड़े हो जाएं और नमस्कार करें। ऐसा न करने वालों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। प्रताड़ना से ऊबे कई लोग तो नौकरी छोड़कर जा चुके हैं और कई जल्द ही चले जाएंगे।
क्षुब्ध पत्रकारों का कहना है कि इस संपादक को मालिक की चापलूसी के अलावा कुछ भी नहीं आता है। इसे ये भी नहीं पता है कि इससे पहले कई संपादक आए और बुरी तरह से बेइज्जत करके निकाल दिए गए। जब इसके साथ भी वही सलूक होगा, तो इसका क्या होगा। तब तक तो दबंग दुनिया अखबार होने के कगार पर पहुंच जाएगा।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित
Comments on “‘दबंग दुनिया’ में संपादक की कुर्सी संभालते ही पत्रकारों की नौकरी से खेलने लगे विजय शुक्ला”
विजय जी होशियार रहिएगा कहीं इस गुटका चोर ने आपकी कोई बीडियो बनवा लिया तो बहुत तकलीफ देगा, ये पहले वाले की तरफ बडे दिल का नहीं है, कहीं धोखा हो गया तो आप तो धोबी का कुत्ता भी नहीं बन पाओगे
पत्रकारों का दुश्मन दलाल विजय शुक्ला तैयार हो जा भागने के लिए तेरा एक बीडियो बाधवानी को जल्द ही मिल जाएगा और हृदयेश जी भी तुमसे मिलने वाले हैं, तब ये गुटका मापिफया तेरी गांड पर लात मारेगा तो कहां जाएगा तू, प्रकाष और चंदर भी नहीं बचा पाएंगे तुझे, यही नहीं भोपाल के पत्रकारों के बीच अब तेरी एक कहानी आने वाली है, तब पत्रकार तुझ पर थूकेंगे और भोपाल में तेरे लिए जगह नहीं मिलेगी, शहडोल में फिर से एजेंट बनने की जुगाड कर ले,
yahi haal mumbai ka hi yaha to pashapat ho raha hi our to our bhagawan ke nam par daraya zata hi.zo unke pair chuyega uski nokari bachegi.enke bare mai koi bura bolega to usaka apghat ho jayega. ese log agar sapadak banege to nigal gaya akhabar. kisiki nokari chinoge tum bhi kab tak yaha bachoge tumara bhi no aahi jayega
ये दलाल जिसे राजएक्सप्रेस से बेज्जत करके निकाला गया था, ग्वालियर में वसूली करते पकडा गया था, उसके बाद प्रदेश टुडे से भी निकाला गया और पीपुल्स में क्या हाल हुआ ये सब जानते हैं, अभी राष्टृीय हिंदी मेंल से निकाला जाने ही वाला था कि गुटका चोर किशोर बाधवानी को फंसा लिया, अब किशोरी को लूट रहा है, जब बरबाद कर देगा तो वहां से भी लात मारकर निकाला जाएगा, इसका भी वही होना है, जो पुष्पेंद्र सोलंकी का हुआ है
मुंबई ……. मुंबई मेरी जान
हर कोई मुंबई मै अपना भविष्य करना चाहता है, यह कोई बुरी बात नहीं पर अपना पेट भरने के लिए किसी और के पेट पर लात मारे तो वह बुरी बात है. दबंग में आज कल यही हो रहा है अपनी बचा ने के लिए दूसरों की मार रहे है. किसी को कुछ आये या न आये पर चापलूसी आणि चाहिए अगर आपको अपनी थूक चाटने में कोई दिक्कत नही है तो दुसरो की चाटने में क्यों ना हो. जो अपनी नजर में खुद को गिरा सकते है वह दुसरो की नजर का क्यों ख्याल करे. अगर आप इन चीजो में माहिर हो तो आपका फ्यूचर ब्राइट है. आज कल दबंग में बोहत सारे बदलाव आ चुके है. हर जगह नया करने के चक्कर में वाधवानीजी अच्छे लोग खो रहे है शायद वाधवानी जी को भी ऐसे ही लोग पसंत हो जो सही गलत ना समाज कर सिर्फ चापलूसी करते हो भाईसाब भाईसाब करके इनको खुश रखना यही काम आता हो. मुंबई एडिशन भी इससे कुछ परे नहीं यहाँ नयी कम्युनिटी स्थापित हो रही है यहाँ पर जाती के नाम पर कुछ लोग बोहत ही बुरा व्यवहार कर रहे है अभी सिर्फ हिन्दू – मुस्लिम होता था अभी ब्राम्हणों ने अपना अलग वजूद बनाने की ठानी है इन जातिवादियोंकी सोच ही अलग है इनको ऐसा लगता है की कल अगर दुनिया डूब जाएगी तो सिर्फ ब्राम्हण ही बचेंगे लेकिन ये लोग ये नहीं जानते क्या दुनिया गोल है आखिर में सबको कभी ना कभी आपस में टकराना ही है खैर ये बाते ये लोग समाज नहीं सकते जो सिर्फ अपनी नैया बचने के लिए दूसरोंकी नैया में सुराग करने में विश्वास रखते है इन लोगो को इंसान क्या और भगवान क्या किसीको भी जलील कर सकते हे डूबा सकते है दबंग के मुंबई में यही चल रहा है यहाँ के संपादक जिनको (उनके कहने के मुताबिक) हनुमान जी प्रसन्न है जो स्टाफ को यह कहते है की अगर अपना भला चाहते हो तो मेरे पैर पड़ो इनका हनुमान जी से डायरेक्ट कोन्टैक्ट है मुंबई के दबंग ऑफिस में तो हनुमान जी के नाम पर अच्छे लोगो को डराया जाता हे अगर कोई डरे ना तो उसके खिलाप मालिक के मन में काला भरकर उसको नौकरी से निकला जाता है. मुंबई में अब तक के ये तीसरे संपादक है ये हनुमान भक्त संपादक खुद को तिवारी यों का सरगना समझते है तिवारियांके भगवन बने बैठे है पहले तो ये पुराना स्टाफ कर रहे है और उसके जगह आपने रिश्तेदार बैठा देते है अगर एक को निकले तो दो तिवारी की भर्ती किसी दिन सिर्फ और सिर्फ तिवारी ही दबंग दुनिया चलाएंगे आज दबंग डेली निकल रहा है कल वीकली हो जायेगा परसो मासिक और बाद में…………………………………………………
माननीय विजय शुक्ला जी, सम्मान मांगने से नहीं अपने काम और सद्व्यवहार से मिलता है। लेकिन आप क्या जानें सम्मान किसे कहते हैं और कैसे मिलता है। आप तो सम्मान पाने के काबिल ही नहीं हैं। आपको आपकी पत्रकारिता पर धिक्कार है। एजेंट के विचारों से बाहर निकलो, संपादक बनों। पत्रकारों की इज्जत करो तभी आपको भी इज्जत मिलेगी, नहीं तो गालियों की कमी नहीं होने पाएगी। हम आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं और आपसे निवेदन करते हैं कि अपना व्यवहार सुधारें और जमीन पर आएं, नहीं तो उड जाएंगें, कहीं पता भी नहीं चलेगा कि आप कहां गए।
bhagavan vijay ji ki madad kare!
apne admi sanjay soni ko naukri se bachane ke liya vijay shukla ne uise reporter bana diya ]jab ji voh desk ka kaam karta hai lekin uise page tak lagane nahi aate na hi woh ek acha sub editor hai, pradesh today ne isliye uise nikala tha , shukla saab aap dabang malik ko andhere me rakh kar uise moti tankha par dabang laye the
vijay shukla ne jitne bhi adni laye hai unhe kaam karna nahi aata woh keval yaha lobbing kar rahe hai aur malik ko dhoka de rahe hai
shukla saab admi laye ho to kaam ke lana tha
nitin hai jo people ki purani khabhar dabang main chapta hai
aap acha kehte hai
mishra ji rishi raj ji bhi net aur dursare akbhar se khabar curarar batate hai aap ki nagar main ache hai
lekin aap malik ko dhokha dekar inko appoint kiya
acha nahi hai
yeh sabhi nikal
e gaye yeh sansthan se
aap khabarbar rahe
malik ke pass apke report jati hai
sanjay pradesh today main vigapan dekta tha shukla ne use sub editor banaya bad main reporter
shuklla yeh dekh le sanjay ko pradesh today se chori karne par nikala tha aaj bi us par ek case chal raha hai
shukla ji aap jin logon ko laye hain aour jitne me laye hain uske layak bilkul nahi hain. log to yahan ta kagne lage hain ki aap inse vetan ka 30 % comisson le rahe hain. lekin phir bhi wo fayde me hain. risiraj jise kai maheene se noukri nahi mil rahi thi apne upkar kiya. dekhna kabhi bhaskar.com na chap jaye akhbar me. apke khas dalal sanjai soni pradeshtoday me 14000 pate the aour add dekhte the. nikale jane wale the to apne jagah di kyonki aap dono pradeshtoday me bhi milkar dalali karte the ab vetan me hissa le rahe hain achha hai
दबंग भोपाल के संपादक विजय शुक्ला की प्रताडऩा से परेशान आपरेटरों ने किया बहिष्कार
दबंग दुनिया भोपाल के संपादक विजय शुक्ला जब से आए हैं कर्मचाारियों को लगातार परेशान कर रहे हैं। उनकी इस हरकत से कई लोग पहले ही छोड़कर जा चुके हैं। आज तो हद हो गई विजय शुक्ला ने अचानक किसी बात पर आपरेटरों के साथ बदतमीज पूर्व व्यवहार करने लगा और गालियां भी दीं। परेशान आपरेटरों ने नाराज होकर दबंग दुनिया में काम का बहिष्कार कर दिया और अब संपादक के खिलाफ मानहानि का दावा करने की तैयारी कर लिए हैं। जानकारी के मुताबिक सभी आपरेटर कल विजय शुक्ला के खिलाफ शिकायत करने कलेक्टर और श्रम आयुक्त के पास जाएंगे।
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मित्रों, बालाघाट के पत्रकार संदीप हत्याकांड के बाद सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि अब पत्रकारों की समस्याएं वे खुद देखेंगे और शीघ्र उचित निर्णय लेंगे। दबंग के भोपाल संस्करण में विजय शुक्ला को तानाशाही रवैया चल रहा है, उसकी शिकायत सीएम से भी करिए, उम्मीद है एक्शन न सही, पर वाधवानी जी के कानों तक बात जरूर पहुंचेगी। भोपाल, जबलपुर, मुंबई में निठल्ले संपादकों की फौज से तो अच्छा है, योग्य उप संपादक के सुपुर्द अखबार कर दो, या फिर चपरासी का नाम प्रिंट लाइन में डाल दो….वाधवानी जी कब खुलेंगी आपकी आंखे…जागिए…दबंग अभी दफन नहीं हुआ।
विजय सीएम शिवराज का भोंपू है। चुतिये के कारण दबंग दुनिया लगातार नीचे आ रहा है। इसे भोपाल की नब्ज मालूम नहीं।
रही बात मुंबई के संपादक श्रीनारायण तिवारी की। वह भी बड़ा चुतिया है। अखबार का सत्यानाश कर दिया।
vijay shukla ne jo admi rakhr hai wo chood kar ja rahe hai jaise do operter aur sonal
shukla in ko paal raha hai rishi raj , nitiin dubey , sanjay soni jo kaam nahi kar rahe hai leki shukla ke sath raat bhar rukte hai malik ko shukla bekakopk baba raha hai
kamina yeh kehka hai main malik ke samene camera me dekta hu mera koi kya karega malik chuliya hai
shukla tune jis ko nilala wo malik ke wafadar hai tune pradesh today aur people se jo log laye hai unko waha ke mali ne nikala tah chore ke liye
shukla tuje bhi people aur raj ke malik ne chore aur adibzi ke liye nikala tha kya tu gwalior ka case bhool gaya laat mar kar tuje nikala tha malik ne