सुल्तानपुर : सुल्तानपुर जिले के दैनिक जागरण ब्यूरो चीफ धर्मेन्द्र मिश्र के खिलाफ नगर कोतवाली पुलिस ने तहसील के एक अमीन से लूट-मारपीट मामले में एफआईआर दर्ज की है। दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ धर्मेंद्र मिश्र के खिलाफ अमीन धर्मेंद्र कुमार शुक्ल ने दस महीने पहले लिखित शिकायत कोतवाली में दी थी। इस कंप्लेन को नाटकीय तरीके से संज्ञान लेकर शनिवार की शाम नगर कोतवाली में आईपीसी की धारा 394 व 506 में एफआईआर दर्ज कर ली गई।
शहर कोतवाल केबी सिंह ने प्रकरण की विवेचना घण्टाघर चौकी प्रभारी अमरेंद्र सिंह को सौंपी है। इधर अपने पत्रकार पर एफआईआर दर्ज होने से दैनिक जागरण का लखनऊ दफ्तर भी ‘हरकत’ में आ गया है। ब्यूरो चीफ के संगी साथी उन्हें पाकसाफ साबित करने के लिए नेटवर्क बनाने में लग गए हैं।
इस विवाद की शुरुआत सितंबर, 2018 से होती है। जागरण ने तत्कालीन ब्यूरो प्रमुख सतीश श्रीवास्तव को लखनऊ कार्यालय से अटैच करते हुए सुल्तानपुर में पड़ोसी अमेठी जिले के निवासी धर्मेन्द्र मिश्र को ब्यूरो चीफ के पद पर तैनात कर दिया। तीन माह भी नहीं बीते कि दिसंबर,18 में अमेठी से सुल्तानपुर आते समय उनकी सरकारी बस में अपने गांव के पड़ोसी (सदर तहसील में कार्यरत अमीन धर्मेन्द्र कुमार शुक्ल) से झगड़ा हो गया।
बताया जाता है कि सुल्तानपुर जिला मुख्यालय पर बस से उतरते वक़्त नगर कोतवाली के सामने भी जमकर मारपीट हुई। मामले ने तूल पकड़ा। अमीन धर्मेंद्र कुमार शुक्ल की ओर से अमीन संघ और ब्यूरो चीफ धर्मेंद्र मिश्रा की ओर से उनके साथी व दफ्तर के तमाम पत्रकार कोतवाली में आ डटे।
अमीन धर्मेंद्र कुमार शुक्ल अपने मामले में ब्यूरो चीफ धर्मेंद्र मिश्र पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। इस पर सुल्तानपुर के तत्कालीन एसपी अनुराग वत्स ने पत्रकार से जुड़ा मामला होने की वजह से कोतवाल बेनी माधव त्रिपाठी को किसी तरह मामले को रफा दफा कर देने की सलाह दी। एसपी ने जैसा कहा कोतवाल ने वही किया लेकिन पुलिस के रवैये से असंतुष्ट अमीन धर्मेंद्र कुमार शुक्ल लगातार उच्चाधिकारियों से फरियाद करते रहे।
इधर एसपी अनुराग वत्स का तबादला सुल्तानपुर से अन्यत्र हो गया और उनकी जगह हिमांशु कुमार एसपी के पद पर आ गए। हिमांशु के खिलाफ धर्मेन्द्र मिश्र ने अपने अखबार व सोशल मीडिया फेसबुक आदि पर मोर्चा खोल रखा है। एसपी ने जागरण के संपादक से पहले शिकायत की और फिर अब पुरानी कंप्लेन पर मुकदमा लिखवा दिया।
ज्ञात हो कि अपनी सुल्तानपुर पोस्टिंग के बाद से ही धर्मेन्द्र विवाद के घेरे में हैं। नगर पालिका की रिपोर्टिंग के दौरान पालिकाध्यक्ष बबिता जायसवाल व उनके पति जिला पंचायत सदस्य अजय जायसवाल से उनका विवाद हुआ। मामला जागरण के संपादक व अधिकारियों तक पहुंचा। धर्मेंद्र ने अन्य पत्रकारों को फेसबुक पर ‘झोलाछाप’ पत्रकार लिख दिया था जिससे बवाल हो गया। सभी पत्रकार संगठनों ने मिश्र के खिलाफ मोर्चेबंदी कर डाली। इसी बीच सीएम योगी के सुल्तानपुर दौरे में बगैर पास मीटिंग हाल में मिश्र के जबरन प्रवेश के मामले ने तूल पकड़ा। डीएम सी इंदुमती को मजिस्ट्रेटी जांच तक करानी पड़ी।
अर्शी
November 17, 2019 at 6:31 pm
ये पत्रकार नही है दरसअल पत्रकारिता को बपौती मान बैठा है।
इसने कुछ दिनों पहले जनपद के सभी पत्रकार को झोला छाप कह दिया।जबकि किसीका करियर इनसे काम नही है
और कार्यवाही भी सही है मैं समर्थन करता हूँ ऐसी कार्यवाही का
Shailendra
November 18, 2019 at 11:55 pm
अर्सी जी आपकी कोई निजी दुश्मनी है क्या धर्मेंद्र से क
काफी समय से आपको मैं निजी तौर पर नोटिस कर रहा हूँ।
हमे यह भी मालूम है कि आप एसपी हिमांशु कुमार की चरण वंदना टीवी 9 का माइक आईडी लेकर कर रहे हो
दो टके की औकात नही है तुम्हारी
आजतक टीवी9 पर एक भी स्टोरी चली है आपकी तो बताओ?
बस दलाली करो और कुछ नही कर सकते मैं बजाऊंगा बैंड देखो अब मैं क्या क्या खुलासा करता हूँ एसपी हिमांशु कुमार और उनके चमचो के खिलाफ
धर्मेंद्र मिश्र को फंसाने का काफी समय से सोच रहे हैं एसपी साहब सबूत मेरे पास है।
चलाओगे टीवी9 पर?
मैं किससे बात कर रहा हूँ एक स्ट्रिंगर से जिसे माइक आईडी मिल गया है जो कभी भी छीना जा सकता है।
ये उकदमे मुकदमे लदते रहते हैं समझ गया ना ?
P. Kumar
November 25, 2019 at 11:15 pm
सुल्तानपुर पुलिस और जिले के एसपी साहब भी ग़ज़ब हैं. 11 महीने बाद अचानक 15 सौ रुपए लूट की याद आई और आनन-फानन में मुकदमा दर्ज करवा दिया. दुनिया में इससे तेज पुलिसिंग कहीं देखी है आपने! सुल्तानपुर के तमाम अखबारों का पिछले चार-पांच महीने का ई पेपर देख लीजिए. रेप, लूट अपहरण, हत्या, छिनैती जैसी खबरों से पटे मिलेंगे. और जब दैनिक जागरण ने इन खबरों को प्रमुखता से छापना शुरू किया तो उसके ब्यूरो प्रमुख के ऊपर फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया गया. क्या यह बात किसी को हजम हो सकती है कि दैनिक जागरण जैसे अखबार का ब्यूरो प्रमुख और विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत तमाम संस्थाओं से सम्मानित एक वरिष्ठ पत्रकार दिनदहाड़े कोतवाली के ही सामने 15 सौ रुपए की लूट कर भाग सकता है. धन्य हैं एसपी साहब और धन्य है सुल्तानपुर पुलिस… शर्मनाक