गोरखपुर से प्रकाशित दैनिक जागरण के देवरिया ब्यूरो कार्यालय से खबर है कि कभी स्वतंत्र चेतना के जिला प्रभारी रहे महेंद्र त्रिपाठी के जागरण का ब्यूरो प्रभारी बनने के बाद अपने स्टाफ से संबंध बिगड़ने लगे हैं.
जिले में क्राइम पर मजबूत पकड़ रखने वाले युवा पत्रकार संजय यादव को प्रताड़ित किया गया. दफ्तर में कभी पवन मिश्र तो कभी सौरभ मिश्र को बेवजह हड़काना और सम्पादक से शिकायत की धमकी देना इनका शगल है. इन बातों को लेकर दफ्तर में रोज किच किच होती है. बेरोजगार हो जाने के डर से अधीनस्थ इनका अत्याचार चुपचाप सह लेते हैं.
ताज़ा मामला देवरिया जनपद के भाटपाररानी तहसील कार्यालय का है. भाटपार रानी में विपुल तिवारी पत्रकार हैं. शासन-प्रशासन के खिलाफ जोरदार लिखते हैं. उनका यही लिखना जिला प्रभारी को नागवार लगता था. बात बिगड़ते बिगड़ते कहासुनी पर आ गयी. अपने अधीनस्थों से हमेशा राजशाही की भाषा में बोलने और उन्हें अपना नौकर समझने वाले जिला प्रभारी ने उसी अंदाज में भाटपाररानी के तहसील प्रभारी से बात की.
स्वाभिमानी पत्रकार का सम्मान आहत होने लगा तो उसने पलट कर उसी भाषा में जिला प्रभारी को जवाब दे दिया. फिर देखना क्या था, अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए जिला प्रभारी महेंद्र त्रिपाठी ने जागरण के सभी व्हाट्सप ग्रुपों से भाटपाररानी के तहसील प्रभारी विपुल तिवारी को निकाल बाहर कर दिया और भाटपाररानी का प्रभारी मोहित शुक्ला को बना दिया.
उधर इस प्रकरण पर दूसरे पक्ष का कहना है कि
महोदय, जिला प्रभारी महेंद्र त्रिपाठी के देवरिया कार्यालय में आने से एक साल पहले तक मोहित शुक्ला भाटपाररानी के तहसील प्रभारी का कार्य देख रहे थे, तब विपुल तिवारी उनके सहयोगी हुआ करते थे, लेकिन विपुल तिवारी ने मोहित शुक्ला को हटवा दिया और खुद तहसील प्रभारी बन गए। उसके बाद मोहित शुक्ला उनके सहयोगी बन गए। माेहित शुक्ला लिखने पढ़ने वाले पत्रकार हैं, जबकि विपुल तिवारी का पत्रकारिता में कम, नेतागिरी पर ध्यान अधिक रहता है। पत्रकार संजय यादव, पवन मिश्र व सौरभ मिश्र का नाम लेकर बेवजह देवरिया कार्यालय का नाम बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।