नोट – वेबपोर्टल पर जागरण की खबरों पर क्लिक करने पर ‘संपादक के नाम सुझाव पत्र’ लिखने का निवेदन किया जा रहा है, जिसके लिए [email protected] का मेल भी दिया जा जा रहा।
काफी समय से ऐसे माध्यम की तलाश में था, इसलिए पता चलते ही मैंने नीचे लिखी मेरे मन की बात(बहुत सारे मुद्दे छोड़कर, बहुत कम शब्दों में) लिखकर भेज दिया लेकिन अगले ही पल मुझे वापस Address not found का सिस्टम जेनरेटेड मेल आ गया।
मैंने अपनी ये समस्या अब भड़ास4मीडिया के माध्यम से पहुंचाने का इरादा रखा है। इसलिए आपको वह भेज रहा हूं।
कथित संपादक महोदय,
मेरा निवास गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में है। हमारा निम्न मध्यमवर्गीय परिवार हमेशा से दैनिक जागरण अखबार पढ़ता रहा है। मैं भी पिछले 15 सालों से दैनिक जागरण का नियमित पाठक रहा। लोग आपके इस अखबार को बीते 7 वर्षों में केंद्र की भाजपा सरकार का चाटुकार कहते रहे हैं। जिसे सीधे बिल्कुल खारिज करना संभव नहीं जान पड़ता है।
केंद्र में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में व्यापक बदलाव आए हैं, भाजपा सरकार की कुछ नीतियां देश को मजबूत की हैं लेकिन नरेंद्र मोदी के बहुत से फैसले देश के आम जनमानस को गरीबी, लाचारी और अशिक्षा की ओर लगातार धकेल रहे हैं। बीते कई वर्षों से देश में बेरोजगारी, महंगाई और बेतहाशा जनसंख्या वृद्धि चरम पर है, जिसके चलते नरेंद्र मोदी से बड़ी आस लगाकर भाजपा को सत्ता में पहुंचाने वाला देश का मध्यमवर्ग बुरी तरह पीस रहा है।
साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था निम्नतम स्तर पर है (शुरू से ही ऐसा लग रहा है कि नरेंद्र मोदी देश को शैक्षिक रूप से मजबूत नहीं होने देना चाहते)। किसानों और मजदूरों की दशा किसी से छुपी नहींहै। आज भी जमकर भ्रष्टाचार जारी है। वहीं मोदी पर उद्योगपतियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाने के कई उदाहरण हैं।
जिस तरह से नरेंद्र मोदी और अमित शाह मिलकर देश को चला रहे हैं उससे कई बार ये बात सही लगती है कि देश में ‘अघोषित आपातकाल’ की बात सच हो।
एक झोंक में रेल, भेल, सेल, गेल, बीपीसीएल , एनटीपीसी, ओएनजीसी, एलआईसी जैसी देश की संस्थाएं/महारत्न कंपनियों(जो हर साल सरकार को लाखों करोड़ का लाभ कमाती हैं) को धड्डले से बेचना साफ तौर से मोदी सरकार पर मुट्ठीभर उद्योगपतियों के दबाव की ओर इशारा कर रहा है साथ ही देश के युवाओं को सशंकित कर रहा है।
भ्रष्टाचार मुक्त राष्ट्र के विकास के नाम पर मोदी को वोट दिए मेरे जैसे करोड़ों देशवासी अब मोदी – अमित शाह के धोखे(झूठ) से इतने आहत हैं कि भाजपा के तारणहार बने मोदी – अमित शाह ही उसी भाजपा के रसातल में जाने का कारण बनेंगे, ऐसा लग रहा है।
उपरोक्त के साथ केंद्र की सरकार को लेकर और कई सारे मुद्दे हैं, जिनपर दैनिक जागरण में कोई खबर नहीं आती या कोई आलोचना नहीं होती जबकि बहुत बड़ी संख्या में समस्त हिन्दी भाषी जनमानस दैनिक जागरण से ये अपेक्षा करता है कि मोदी सरकार की कमियां उजागर करने के साथ कटु आलोचना हो, ताकि सरकार निरंकुश न हो जाए।आपके पत्रकारिता धर्म में वापसी के विश्वास के साथ आपका सुधी पाठक।
धन्यवाद