इलाहाबाद हाईकोर्ट में गर्मियों की छुट्टियां शुरू होने से ठीक एक दिन पहले यूनियन पर स्टे लेने वाले दैनिक जागरण प्रबंधन की खुशियां बहुत दिन टिक नहीं पाईं इसके पहले कि वह कर्मचारियों के शोषण व उत्पीड़न के अपने इरादों को अंजाम देने की दिशा में कोई कार्रवाई कर पाता, जागरण के कर्मचारियों ने श्रम कानूनों में ही निश्चित प्रावधानों के तहत अपनी एक सभा कर अपने बीच से ही सात प्रतिनिधियों का चुनाव कर प्रबंधन को पटखनी दे दी। इन सात प्रतिनिधियों के मार्फत एक सूत्रीय मांग पत्र तैयार कर जागरण प्रबंधन को थमा दिया गया है। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो पिछली सात फरवरी की तरह वह हड़ताल पर चले जाएंगे।
दैनिक जागरण प्रबंधन को दिए गए मांगपत्र की छाया प्रति (पृष्ठ-1)
दैनिक जागरण प्रबंधन को दिए गए मांगपत्र की छाया प्रति (पृष्ठ-2)
दैनिक जागरण प्रबंधन को दिए गए मांगपत्र की छाया प्रति (पृष्ठ-3)
दैनिक जागरण प्रबंधन को दिए गए मांगपत्र की छाया प्रति (पृष्ठ-4 अंतिम)
श्रम कानूनों के अनुसार इन सात प्रतिनिधियों को मांगें पूरी न होने पर हड़ताल पर जाने का नोटिस देने तक का अधिकार है। इसके अलावा प्रबंधन द्वारा यूनियन पर लिए गए स्टे को खत्म कराने की दिशा में भी कानूनी सलाह ली जा रही है। कानूनविदों का कहना है कि हाईकोर्ट से केस जीतकर आने के बाद यूनियन और ज्यादा ताकतवर ढंग से प्रबंधन के समक्ष कर्मचारियों की बात को उठा सकेगी।
दैनिक जागरण कर्मचारियों द्वारा सौंपे गए मांगपत्र में प्रबंधन द्वारा किए जा रहे कर्मचारियों के उत्पीड़न को तुरंत रोकने की पुरजोर मांग की गई है। प्रबंधन को दिए गए इस मांग पत्र की प्रतिलिपि नोएडा के उप श्रमायुक्त के अलावा जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नगर मजिस्ट्रेट, पुलिस क्षेत्राधिकारी, उत्तर प्रदेश के श्रम आयुक्त, प्रमुख सचिव, श्रम मंत्री और मुख्य मंत्री को भेजी गई है। इस मांग पत्र में मजीठिया वेज बोर्ड के तहत मिलने वाले वेतनमान तथा अन्य सभी सुविधाएं तत्काल लागू करने, रात्रिपाली में काम करने वालों को भत्ते एवं अन्य सुविधाए देने, मजीठिया की मांग करने और इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस दायर करने वाले जिन कर्मचारियों का इनक्रीमेंट रोका गया है उसे तुरंत देने, ट्रेड यूनियन गतिविधियों में हिस्सा लेने वाले कर्मचारियों के खिलाफ़ रंजिशन कार्रवाई बंद करने तथा वेतन पर्ची में मौजूद विसंगतियां खत्म करने की मांग उठाई गई है।
इससे जाहिर है कि दैनिक जागरण प्रबंधन चाहे कितनी भी कोशिशें कर ले, अब वहां कर्मचारियों की एकता टूटने वाली नहीं है। कर्मचारियों ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर इसके बाद भी प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों के उत्पीड़न की कार्रवाई जारी रही तथा कर्मचारियों के हितों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई तो वे बीती 7 फरवरी की तरह फिर से सड़कों पर उतर सकते हैं। इस बार केवल नोएडा और हिसार यूनिट के ही नहीं बल्कि कई राज्यों की यूनिटों के कर्मचारी सड़क पर उतरने का मन बनाए बैठे हैं।