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पत्रिका जयपुर संपादक दौलतसिंह चौहान हटाए गए, अमित वाजपेयी नए संपादक, स्टेट हैड हरीश पाराशर को भी हटाया

राजस्थान पत्रिका के मुख्यालय जयपुर से बड़ी खबर आ रही है। वहां बड़ा फेरबदल हुआ है। जयपुर के संपादक दौलतसिंह चौहान को हटा दिया गया है। उन्हें जोनल हैड के रूप में एक सजावटी पद दे दिया है। चौहान की जगह अमित वाजपेयी को जयपुर का संपादक बनाए जाने की सूचना है। वाजपेयी राजस्थान पत्रिका कोटा के संपादक रहे हैं और अभी जयपुर सैंकड लाइन के रूप में काम कर रहे हैं। तेजतर्रार और उत्साही वाजपेयी अपनी शानदार क्राइम रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। वे अजमेर पत्रिका के चीफ रिपार्टर भी रहे हैं।

<p>राजस्थान पत्रिका के मुख्यालय जयपुर से बड़ी खबर आ रही है। वहां बड़ा फेरबदल हुआ है। जयपुर के संपादक दौलतसिंह चौहान को हटा दिया गया है। उन्हें जोनल हैड के रूप में एक सजावटी पद दे दिया है। चौहान की जगह अमित वाजपेयी को जयपुर का संपादक बनाए जाने की सूचना है। वाजपेयी राजस्थान पत्रिका कोटा के संपादक रहे हैं और अभी जयपुर सैंकड लाइन के रूप में काम कर रहे हैं। तेजतर्रार और उत्साही वाजपेयी अपनी शानदार क्राइम रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। वे अजमेर पत्रिका के चीफ रिपार्टर भी रहे हैं।</p>

राजस्थान पत्रिका के मुख्यालय जयपुर से बड़ी खबर आ रही है। वहां बड़ा फेरबदल हुआ है। जयपुर के संपादक दौलतसिंह चौहान को हटा दिया गया है। उन्हें जोनल हैड के रूप में एक सजावटी पद दे दिया है। चौहान की जगह अमित वाजपेयी को जयपुर का संपादक बनाए जाने की सूचना है। वाजपेयी राजस्थान पत्रिका कोटा के संपादक रहे हैं और अभी जयपुर सैंकड लाइन के रूप में काम कर रहे हैं। तेजतर्रार और उत्साही वाजपेयी अपनी शानदार क्राइम रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। वे अजमेर पत्रिका के चीफ रिपार्टर भी रहे हैं।

बताया जाता है कि दौलत सिंह चौहान के तुगलकी और पुरातन के फैसलों को लेकर पत्रिका मैनेजमेंट काफी समय से नाराज चल रहा था। स्टेट हैड हरीश पाराशर भी दौलत सिंह चौहान के साथ ही लपटे में आ गए। उन्हें स्टेट एडिटर से हटाकर संपादकीय पेज की जिम्मेदारी दी गई है। ग्रुप एडिटर भुवनेश जैन के खासमखास रहे हरीश पाराशर इस फैसले से जबर्दस्त सदमे है। माना जा रहा है कि पाराशर के हटाने से खाली हुई स्टेट एडिटर की कुर्सी पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव तिवारी को बैठाया जा सकता है। हरीश पाराशर की परपीड़क छवि के विपरीत राजीव तिवारी हर दिल अजीज माने जाते हैं। वो पहले लंबे समय तक स्टेट एडिटर रह चुके हैं।

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0 Comments

  1. ममु जैलू

    October 4, 2015 at 1:44 am

    इधर छत्तीसगढ़ में भी पत्रिका के अंदरूनी हालात ठीक नहीं हैं।स्टेट एडिटर जिनेश जैन की तमाम कोशिशों के बावजूद संपादकीय विभाग में पतझड़ रुकने का नाम नहीं ले रहा है।अपरिपक्व हाथों और दिमागों के फैसलों और रवैये से माहौल खराब हो गया है।दीपावली के बाद कई लालमन दूसरे अख़बारों की मेजों पर दिखाई देंगी।

  2. H C Singh

    October 4, 2015 at 1:36 pm

    Ultimately Nihar Kothari and Bhunesh jain realised

  3. H C Singh

    October 12, 2015 at 1:29 pm

    harish Parashar ke saath to ye hona hi tha….aakhir kab tak Nihar or Bhuwnesh use vasuli our tabadla karovar ke liye chhoot dete. Is kalu ne Bhuwnesh, Nihar, Patrika,ki khoov m….c….hai. Abhi to recovery niklegi to pata chalega.

  4. Sudhir

    October 22, 2015 at 8:33 pm

    Parashar ki durgati se patreika ka poora staff aur REs khush hain. Taja khabar hai ki uske Gaadi, LapTop aur special voucher bhi vapas liye ja rahe hain….

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