केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेश दिए जाने के बावजूद अपने मीडिया कर्मियों को मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार सेलरी, भत्ता और बकाया न देने वाली भास्कर समूह की कंपनी डीबी कार्प का मुनाफा तीसरी तिमाही में 6.64 प्रतिशत बढ़ गया है. मीडिया क्षेत्र की कंपनी डी बी कार्प का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 6.64 प्रतिशत बढ़कर 118.1 करोड़ रुपये हो गया है.
ये सारा लाभ कंपनी के मालिक अपने पाकेट में रखेंगे, जबकि कंपनी को आगे बढ़ाने में इसके मीडियाकर्मियों का पूरा का पूरा योगदान है. फिर भी वे मुनाफे में हिस्सा तो छोड़िए, अपना वाजिब हक तक नहीं पा रहे हैं और इसके लिए इन्हें कोर्ट और श्रम विभाग का सहारा लेना पड़ रहा है. ज्ञात हो कि मजीठिया वेज बोर्ड के तहत लाभ पाने के लिए सबसे ज्यादा शिकायतें भास्कर समूह के कर्मियों ने दर्ज कराई है.
बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में भास्कर समूह की कंपनी डीबी कार्प ने कहा है कि पिछले वित्त वर्ष में अक्तूबर से दिसंबर तिमाही में उनका शुद्ध लाभ 110.74 करोड़ रपये रहा था. आलोच्य अवधि में कंपनी की अपने कारोबार से कुल आय 6.32 प्रतिशत बढ़कर 627.27 करोड़ रपये हो गई। एक साल पहले यह 589.97 करोड़ रपये थी. इस दौरान डी बी कार्प की विज्ञापन से होने वाली आय 4 प्रतिशत बढ़कर 453 करोड़ रपये हो गई.
नोटबंदी के प्रभाव पर डीबी कार्प के प्रबंध निदेशक सुधीर अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमारा नोटबंदी का खपत पर मध्यम अवधि प्रभाव रहने का अनुमान है. यह अगले कुछ महीने में सामान्य होने लगेगा, इसमें सुधार दिखने लगा है.’’
एक अलग जानकारी में डी बी कार्प ने कहा है कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिये अपने शेयरधारकों को 10 रपये के शेयर पर चार रपये का अंतरिम लाभांश देने की घोषणा की है.
pradeep
January 22, 2017 at 7:39 am
और इस 118 करोड़ के मुनाफे के बावजूद डीबी कॉर्प में कर्मचारियों की छंटनी की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मंदी और कॉस्ट कटिंग के नाम पर कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है. हर कर्मचारी डरा हुआ है कि छंटनी की लिस्ट में कहीं उसका नाम न आ जाए.