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डीबी कार्प को पीएफ घोटाले मामले में हाईकोर्ट में जमा करना पड़ा 76 लाख रुपए!

शशिकांत सिंह-

मजीठिया क्रांतिकारियों की शिकायत रंग लाई… दैनिक भास्कर और कई अन्य समाचार पत्रों का प्रकाशन करने वाली कंपनी डीबी कार्प के दैनिक दिव्य मराठी प्रबंधन को औरंगाबाद हाईकोर्ट ने जोरदार झटका दिया है। नियमानुसार पीएफ जमा नहीं करने पर सेंट्रल गर्वमेंट इंडस्ट्रीयल ट्रिव्युनल (सीजीआईटी) के आदेश के खिलाफ दिव्य मराठी दैनिक को औरंगाबाद हाईकोर्ट में 76 लाख 83 हजार 542 रुपए जमा करना पड़ा।

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इस समाचार पत्र के डिप्युटी न्यूज एडिटर और मजीठिया क्रांतिकारी सुधीर जगदाले की शिकायत पर वर्ष 2017 में यह लड़ाई शुरु हुई थी। बताते हैं कि सुधीर जगदाले ने 13 अगस्त 2017 को औरंगाबाद के केन्द्रीय भविष्य निधि कार्यालय (पीएफ आफ़िस) से यह लिखित शिकायत किया था कि डीबी कार्प अपने समाचार पत्र दैनिक दिव्य मराठी के कर्मचारियों का पीएफ नियमानुसार नहीं काटता है जिसके बाद केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त औरंगाबाद ने 7 -ए की इंन्क्वायरी शुरु की।

इस इंन्क्वायरी के दौरान मजीठिया क्रांतिकारी सुरज जोशी और विजय वानखेड़े भी जुड़े और इस प्रकरण की आखिर तक लड़ाई लड़ी। बाद में इसमें कई कर्मचारियों ने मेल के जरिए शिकायत की।

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इन कर्मचारियों की शिकायत थी कि डी.बी. कॉर्प अपने पत्रकारों और गैर पत्रकारों की सेलरी स्लीप पर बेसिक, एचआरए, मेडिकल अलाउंस, एज्युकेशन अलाउंस, स्पेशल अलाउंस आदि लिखता है मगर कंपनी सिर्फ बेसिक पर 12 प्रतिशत काटती है। जबकि नियमानुसार स्पेशल अलाउंस पर भी पीएफ कटना चाहिए था।

इस मामले में कर्मचारियों ने सुप्रीमकोर्ट के 28 फरवरी 2019 के एक लैंड मार्क जजमेंट का हवाला दिया। तीन साल तक चली इस जांच में कोरोना ने ब्रेक लगा दिया। इसके बाद ऑनलाइन सुनवाई शुरु हुई जिसमें मजीठिया क्रांतिकारी सुधीर जगदाले ने अपना और सभी पत्रकारों का पक्ष रखा।

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दोनो पक्ष को सुनने के बाद केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने 25-1-2021 को आदेश पारित किया कि दिव्य मराठी 15 दिनों के अंदर 3 करोड़ 7 लाख 34 हजार 168 रुपए जमा करे। केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त औरंगाबाद के इस आदेश के खिलाफ दैनिक दिव्य मराठी प्रबंधन सेंट्रल गर्वमेंट इंडस्ट्रीयल ट्रिव्युनल (सीजीआईटी) नागपुर के पास चला गया।

इस मामले की सुनवाई करते हुए सीजीआईटी ने दैनिक दिव्य मराठी प्रबंधन को निर्देश दिया कि वह इस पूरी राशि का 50 प्रतिशत रकम यानि एक करोड़ 53 लाख 67 हजार 84 रुपए जमा करे। परन्तु सीजीआईटी के इस आदेश के खिलाफ दिव्य मराठी प्रबंधन औरंगाबाद हाईकोर्ट चला गया जहां औंरगाबाद हाईकोर्ट ने सीजीआईटी द्वारा 50 प्रतिशत जमा राशि का 50 प्रतिशत राशि हाईकोर्ट में जमा करने का आदेश दैनिक दिव्य मराठी प्रबंधन को 28 -9-2021 को दिया। इसके बाद दिव्य मराठी प्रबंधन ने 76 लाख 83 हजार 542 रुपए महाराष्ट्र के औरंगाबाद हाईकोर्ट में जमा किया।

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यह लड़ाई चार साल चली थी। इस शानदार जीत पर मजीठिया क्रांतिकारी सुधीर जगदाले सहित सुरज जोशी और विजय वानखेड़े को बधाई दी जारही है।

शशिकांत सिंह
पत्रकार और मजीठिया क्रांतिकारी तथा आरटीआई एक्टीविस्ट

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