एक के बाद एक ताबड़तोड़ एफआईआर झेल रहे समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद आजम खान को बड़ी राहत मिली है। जस्टिस मनोज मिश्र और जस्टिस मंजूरानी चौहान की खंडपीठ ने आजम के खिलाफ दर्ज उन 29 मुकदमों पर रोक लगा दी है, जो किसानों ने दर्ज कराई थी। अब इन मामलों में आजम की गिरफ्तारी नहीं हो सकेगी। आजम के खिलाफ किसानों की जमीन हड़पने से लेकर किताबें चोरी, भैंस चोरी और बकरी चोरी समेत 80 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।
खंडपीठ ने साथ ही आजम खान की एफआईआर रद्द करने की मांग ठुकरा दी है। खंडपीठ ने राज्य सरकार, रामपुर डीएम और एसएसपी से जवाब तलब किया है। खंडपीठ ने भाजपा नेता जयाप्रदा को नोटिस जारी कर हलफनामा मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को होगी। आजम खान के खिलाफ 27 किसानों और एक रेवेन्यू इंस्पेक्टर ने एफआईआर दर्ज कराई थी।
इन मामलों में आज़म के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाले किसानों ने भी हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल कर रखी थी। किसानों के एतराज के बावजूद एफआईआर के अमल होने पर रोक के अदालत के फैसले को आज़म को मिली बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। आज़म के खिलाफ यह सभी आपराधिक मुक़दमे जुलाई महीने में दर्ज किये गए थे। इनमें से सत्ताइस एफआईआर किसानों ने दर्ज कराई थीं, जबकि दो राजस्व विभाग के अफसरों ने। आज़म खान ने इन एफआईआर को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ यह सभी मामले सरकार के दबाव में सियासी बदले की भावना से दर्ज कराए जा रहे हैं।
इस मामले की सुनवाई पिछले दो दिनों से जस्टिस मनोज मिश्र और जस्टिस मंजू रानी चौहान की खंडपीठ में चल रही थी। हाईकोर्ट इस मामले में अब चौबीस अक्टूबर को फिर से सुनवाई करेगा। खंडपीठ ने कहा कि इन मुकदमों की विवेचना जारी रहेगी और आजम खां विवेचना में सहयोग करेंगे। आज़म खान के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में अस्सी से ज़्यादा मुक़दमे दर्ज हुए हैं। जौहर यूनिवर्सिटी को किसानों की जमीने कब्जाकर बनवाने का आरोप आजम खान पर है। यही नहीं, हमसफर गेस्टहाउस के लिए भी सिंचाई विभाग की जमीन पर कब्जे का आरोप है। पेड़ काटने से लेकर बिजली चोरी तक के आरोपों से आजम खान और उनका परिवार घिरा है।
इससे पहले मंगलवार को रामपुर स्थित आजम खान के आवास के मेन गेट पर उनके खिलाफ जमीन हड़पने समेत तमाम केसों से जुड़े कोर्ट नोटिस चिपकाए गए थे। रामपुर के गंज पुलिस स्टेशन के अधिकारियों द्वारा आजम खान के आवास के मेन गेट पर नोटिस चस्पा किए थे। नोटिस में आजम खान के अलावा उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम का नाम भी शामिल था। आजम के खिलाफ अब तक 84 मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें से अधिकतर मामले जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन से संबधित हैं।
जमीन हड़पने के अलावा उनके खिलाफ भैंस चोरी, बकरी चोरी, किताब चोरी, जेल की जमीन पर कब्जे, चुनाव के दौरान अभद्र भाषा का प्रयोग करने, अवैध रूप से संपत्ति हथियाने, हरे पेड़ों को कटवाने जैसे करीब 6 दर्जन से ज्यादा केस जुड़ गए हैं। हाल ही में आजम के खिलाफ 2013 के एक मामले में 16,500 रुपये लूटने का मुकदमा दर्ज हुआ था।
वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट.