सनबीम ग्रुप के चेयरमैन दीपक मधोक हैं तो एजुकेशन के धंधे में और हर साल सैकड़ों छात्रों को एक्जाम पास हो जाने का प्रमाणपत्र देते हैं, लेकिन खुद उन्हें सरकार से नंबर वन भूमाफिया का प्रमाणपत्र मिल गया है. जिस कैटगरी में नंबर वन बने हैं दीपक मधोक, उससे जाहिर तौर पर उन्हें पब्लिकली अच्छा नहीं लगेगा, उनके स्कूल के बच्चे सुनेंगे तो एक दूसरे से ‘वो देखो भूमाफिया आ रहा है’ कहकर बुदबुदाएंगे. इस तमगे से, यानि नंबर वन भूमाफिया खुद को बताए जाने से दीपक मधोक आजकल नाराज चल रहे हैं.
इस ‘नई उपलब्धि’, इस नए प्रमाणपत्र के बारे में भड़ास पर खबर छप जाने से दीपक मधोक का गुस्सा कई गुना बढ़ गया है. पैसे और पॉवर की गर्मी से उफनाते दीपक मधोक ने खुद को अपमानित-मानहानित महसूसते हुए भड़ास से पांच करोड़ का हर्जाना मांगा है. फिलहाल हम यहां बताना चाहेंगे कि चोर को चोर कहने से चोर अक्सर नाराज हो जाता है, यह कोई नई बात नहीं है. दीपक मधोक को भूमाफिया का खिताब उनकी हरकतों की वजह से मिला है और यह तमगा दिया है बनारस के जिला प्रशासन ने. वाराणसी में जिला प्रशासन ने भू-माफियाओं की जो लिस्ट जारी की है, उसमें टॉप पर हैं सनबीम ग्रुप के मालिक.
दीपक मधोक
भूमाफियाओं की सूची में नंबर पर दीपक मधोक का नाम.
यूपी में योगी सरकार के आदेश के बाद भूमि माफियाओं को चिन्हित करने का काम शुरू हुआ तो इसी क्रम में बनारस में जिला प्रशासन ने 49 भू-माफियाओं की लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में कुछ चौंकाने वाले नाम भी सामने आए जिसमें सनबीम ग्रुप समूह के चेयरमैन भू-माफियाओं की लिस्ट पहले स्थान पर हैं. जिला प्रशासन के अनुसार सनबीन ग्रुप के चेयरमैन दीपक मधोक भू-माफियाओं की सूची में पहले स्थान पर है. आरोप है कि दीपक मधोक ने अपने सनबीम ग्रुप का साम्राज्य सरकारी जमीनों पर खड़ा किया है. इसमें नाले और तालाब भी शामिल हैं.
बनारस में कचहरी स्थित भीमनगर, लहरतारा और करसड़ा स्थित सनबीम स्कूल की जमीन विवादित है. सनबीम ग्रुप के तीनों स्कूल इसके पहले भी जांच के दायरे में रहे हैं लेकिन दीपक मधोक के रुतबे के आगे जिला प्रशासन हर बार नतमस्तक होता आया है. जिला प्रशासन ने मधोक को चिन्हित भू-माफियाओं की श्रेणी में शामिल कर नंबर-1 पर रखा है. सूची में पूर्व बीएसपी नेता अमीरचंद पटेल का नाम भी शामिल है.
भूमाफियाओं ने 25.29 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा कर रखा है. अबतक 15.85 हेक्टयर भूमि को छुड़ाया गया है. गौरतलब है कि सीएम योगी ने एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स बनाने की घोषणा की थी जिसके बाद प्रत्येक जिले में इस टास्क फोर्स का गठन किया गया है.
वाराणसी के जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा का कहना है कि उनके लिए नाम ज्यादा महत्व नहीं रखता, यदि अवैध कब्ज़ा है तो उसे मुक्त कराना उनकी प्राथमिकता है और यदि इसमें कोई अड़चन डालता है तो उसपर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि राजकीय सम्पतियों पर हुए अवैध कब्ज़ें चिह्नित करके खाली कराए जाएं, यही शासन की प्राथमिकता है. डीएम ने आश्वस्त किया कि जल्द ही वाराणसी को भू-माफियाओं के चंगुल से मुक्त कराया जाएगा. डीएम ने बताया कि सार्वजनिक स्थलों पर और निजी भूमि पर भी कोई बल पूर्वक या अभिलेखों में कूट रचना कर कब्ज़ा करता है या करवाता है ऐसे लोगों का चिन्हीकरण का कार्य किया जा रहा है.
डीएम का बयान सुनने के लिए नीचे दिए वीडियो को क्लिक करें…
ये है बनारस जिला प्रशासन का वो दस्तावेज जिसमें कुल 49 भूमाफियाओं में दीपक मधोक को नंबर वन पर रखा गया है….
भड़ास के पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी सुजीत कुमार सिंह प्रिंस की रिपोर्ट. संपर्क : 9451677071
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