कारवाँ पत्रिका के संवाददाता अतुल दवे और कोबरा पोस्ट पोर्टल के पत्रकार मुहम्मद हिज़बुल्लाह ने एक साथ मिलकर एक बड़ी स्टोरी की है. इस स्टोरी के जरिए उन्होंने मध्य प्रदेश में मीडिया और सत्ता के बीच नापाक रिश्ते का न सिर्फ खुलासा किया है बल्कि तीन सौ पत्रकारों का नाम भी जगजाहिर किया है जिनने शिवराज सरकार से उपकृत होकर तमाम बड़े मामलों पर चुप्पी साध ली है.
40 क़त्ल वाले व्यापम घोटाले पर इन पत्रकारों की चुप्पी के पीछे का रहस्य अब सभी को समझ में आ रहा है. कारवाँ पत्रिका के ताज़ा अंक में छपी स्टोरी बताती है कि मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 300 से ज़्यादा पत्रकारों के दो आवासीय समितियों को 60 रुपये वर्गफुट कीमत पर रिहायशी ज़मीन दे दी. तर्क यह बना कि ऐसा ही उदारता जजों की समति पर दिखाई गई थी.
दोनों समितियों में शामिल पत्रकारों के नाम की लिस्ट देखने के लिए अगले पेज पर जाने हेतु नीचे क्लिक करें :
Comments on “शिवराज चौहान ने 300 पत्रकारों को तोहफ़े में दी 60 रुपये / वर्गफ़ुट ज़मीन, देखें उपकृत पत्रकारों की लिस्ट”
इससे यह सिद्ध हो गया कि समाज में धर्मनिरपेक्षता लाने के लिये भ्रष्टाचार अति आवश्यक है. देखिये भ्रष्टाचार की इस बहती गंगा में हिंदू मुसलमान सभी को डुबकी लगाने का मौका दिया गया है. कई नाम तो ऐसे हैं जो पत्रकार जगत में कभी सुने ही नहीं गये फिर भी लाभार्थी बने. जोर से बोलो जय शिवराज सिंह की