Connect with us

Hi, what are you looking for?

दिल्ली

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के नशेड़ी सिपाहियों ने पत्रकार और ट्रक ड्राइवर पर किया हमला

ड्रिंक एंड ड्राइव नहीं तो ड्रिंक एंड ड्यूटी क्यों साहेब!

दिल्ली :: आपने दिल्ली पुलिस द्वारा चलाये जा रहे अभियान का यह वाक्या तो जरूर सुना होगा – “नो ड्रिंक एंड ड्राइव” लेकिन आज हम जिस वाक्ये के बारे में बात कर रहे हैं उसमे दिल्ली पुलिस के ही जवानों द्वारा खुद के द्वारा चलाये जा रहे इस अभियान को धता बता दिया और साथ ही चुनौती भी दे डाली कि जो तुमसे होता हो कर लेना।

जी हाँ, बात पिछले 01 अप्रैल की है जब पेशे से पत्रकार हेमन्त कुमार शर्मा देर रात अपने कार्यालय से घर की तरफ जा रहा था तो उस दौरान जैसे ही वह पूर्वी दिल्ली का लोहे वाला पुल पार कर गांधीनगर पुश्ते की और बढ़ा तो देखा कि एक दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का कर्मचारी और दूसरा सादी वर्दी में उसका साथी, दोनों मिलकर एक ट्रक चालक की तबियत से पिटाई कर रहे हैं। पत्रकार से जब यह सब देखा ना गया तो उसने अपनी बाइक सड़क किनारे लगा इस बारे में उन पुलिस वालों से जानना चाहा। जैसे ही वह पत्रकार पुलिस वालों के पास पहुंचा और सारा मामला जानना चाहा वैसे ही आनन-फानन में पहले तो उन दोनों दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों ने खुद को बचाने के बहाने शुरू हुए लेकिन जैसे ही ट्रक ड्राइवर ने कहानी बयां की तो पुलिस वालों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।

ट्रक वाले ने बताया कि यह दोनों पुलिस वाले मुझसे 500 रूपये मांग रहे थे और जब मैंने कहा कि मेरी जेभ कट गई है और मेरे पास एक भी पैसा नहीं है तो इन दोनों ने मुझे मारना शुरू कर दिया। इस पर जब पत्रकार ने पुलिस वालों से जानना चाहा तो पहले तो दोनों अपने बारे में बढ़ा-चढ़ा कर बताने लगे और फिर पत्रकार के साथ भी वहां से चले जाने को ले कर हाथापाई पर उतर आये। यह सब देख पत्रकार ने उन पुलिस वालों को कहा कि आप दोनों जो यहां खुलेआम उगाही कर रहे हैं यह गलत है। इतना सुनते ही वह दोनों अपना आपा खो बैठे और पत्रकार को पहले तो सामने बानी पार्क की दीवार पर धक्का दिया और कहा यहां से तुरंत निकल ले लेकिन पत्रकार वहीं डटा रहा और ट्रक चालक को भी वहीं रुकने को कहा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इतना सुनने के बाद पुलिस कर्मचारी ट्रक को छोड़ पत्रकार के पीछे पड़ गए और कहने लगे कि अभी तू हमें जानता नहीं है। जान जायेगा तो यहाँ रुकने की हिम्मत नहीं करेगा। इतना बोलने के बाद सादी वर्दी में मौके पर ऊगाही कर रहे पुलिस वाले ने पत्रकार का हाथ पकड़ा और बीच सड़क पर ले जाकर बोला कि आने वाली किसी भी गाड़ी के नीचे तुझे दे दूंगा और कोई बताने वाला भी नहीं मिलेगा कि क्या हुआ? यह सब होने पर पत्रकार द्वारा 100 नम्बर की कॉल की गई तो यह देख सादी वर्दी में वहां मौजूद पुलिस कर्मचारी का साथी मौके से भाग खड़ा हुआ, जिसको वहां वर्दी में मौजूद पुलिस वाला ही कहीं छोड़ कर वापस मौके पर आगया और फिर पत्रकार को बोला कि अब बोल क्या उखाड़ लेगा तू मेरा? पुलिस कम्प्लेंट करेगा ना? कर ले, तेरे जैसे रोज आते हैं और फिर चले जाते हैं।

पत्रकार द्वारा की हुई कॉल पर पुलिस वहां पहुँचती उससे पहले ही जैसे ही पत्रकार ने उस वर्दी वाले गुंडे का नाम उसकी नेम प्लेट पर पढ़ना चाहा तो आग-बबुला हो उस वर्दी वाले गुंडे ने वह नेम प्लेट उतार कर पत्रकार के हाथ में दे दी और बोला कि ले घर ले जा, आराम से देखियो और जो होता हो तुझसे वो कर लियो।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इतना सब वहां घटता रहा, लोगों की भीड़ वहां रात लगभग दो बजे इकठ्ठा हो गई इसी बीच 100 नम्बर पर की गई कॉल पर पुलिस भी वहां पहुँच गई। उनके आते ही वह वर्दी वाला गुंडा जो नशे में इतना चूर था कि उससे ढंग से खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था उसने फिर उनके सामने ही पत्रकार को धमकाया और बोला कि थाने ले जाएगा मुझको? चल तुझे आज मैं थाने में ही देखूंगा। थाना तेरा नहीं, हमारा है वहां भी तू मेरा कुछ नहीं उखाड़ पायेगा और जिस गांव में तू रहता है वहां ही जा कर मैं तुझे देख लूंगा, तुझसे बहुत बड़ा हूं और हर जगह तुझसे ज्यादा जानकारी रखता हूं।

इतना सब होने पर किसी तरह वहां पहुंची पीसीआर द्वारा उस वर्दी वाले गुंडे को थाने लाया गया जहां आ कर वह पत्रकार और और मजबूती से बरसने लगा। यह सब देख रात के लगभग तीन बजे गांधीनगर थाने के एस एच ओ ने वहां मौजूद पुलिस कर्मचारियों को उसको अलग बैठा मेडिकल कराने को कहा। लेकिन फिर भी वह नहीं माना और बार-बार दूर बैठे पत्रकार के पास जाकर उसको धमकाता रहा। इस बीच थाने के एस एच ओ प्राथमिकता दे थाने में मौजूद पुलिस वालों को सबसे पहले उसका मेडिकल कराने को कहा और पुलिस पीसीआर वैन में उसे बैठा मेडिकल के लिये भेज दिया।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इतना सब कुछ हुआ, सब वर्दी वालों ने किया। अगर इतना सब कोई आम नागरिक कर देता तो उस पर त्वरित कार्रवाई कर जेल भेज दिया जाता।

लेकिन इस मामले में पुलिस द्वारा मेडिकल भी कराया गया। पत्रकार द्वारा लिखित में कंप्लेंट भी दी गई। इन सबके बाद अब जब गीता कॉलोनी सर्कल में मौजूद ट्रैफिक इंस्पेक्टर से बात करने या मिलने की कोशिश की जाती है तो हर बार वह कोई ना कोई बहाना बना कर टाल देते हैं। जब गांधीनगर एस एच ओ से कंप्लेंट पर एफ आई आर लिखे जाने की बात हुई तो उनका कहना था कि हल्का-फुल्का झगड़ा ही है, इसमें एफ आई आर कैसी?

Advertisement. Scroll to continue reading.

अरे साहेब ये तो आपके कर्मचारियों ने पत्रकार और एक गरीब ट्रक ड्राइवर को मारा है अगर इसका उल्टा हो जाता तो आप बिना कुछ लिखे ही दोनों को हवालात में डाल देते और कई दिनों तक उनको वहीं दाना-पानी नसीब होता।

जब बात खुद पर आई तो आपको यह भी बताना पड़ेगा कि एफ आई आर कैसी? और यह भी हम ही बतायेंगे कि कार्रवाई क्या और कैसे की जाये?

Advertisement. Scroll to continue reading.

लानत है आप पर दिल्ली पुलिस लानत है। इतना सब कुछ अगर आपके परिवार के किसी सदस्य के साथ अगर हो गया होता तो आपकी जान वहीं निकल जाती और आप एक-दूसरे को मारने पर विवश हो जाते लेकिन यहाँ बात बाहर की है तो आप इसको वैसे ही निपटा देना चाहते हो। लेकिन साहेब यह बताइये कि ऐसा कब तक चलेगा कि आप मारते रहें और हम पीटते रहें? ऐसा कब तक चलेगा कि हम जुर्म ना भी करें तो आपकी फटकार से डर जायें और आप जुर्म कर के भी हमारे सर पर चढ़कर नाचते रहें।

यह जरूर सुना था कि कानून अँधा होता है लेकिन उसके हाथ बहुत बड़े होते हैं और सबके लिये बराबर भी। लेकिन यहाँ दाल काली नहीं है साहेब यहाँ तो पूरे काले में ही कुछ गिनी-चुनी दाल है बस।

Advertisement. Scroll to continue reading.

खैर, पुलिस द्वारा की गई इस पूरी गुंडागर्दी की यह व्याख्या आपके भी सामने है लेकिन यह भविष्य के गर्भ में है कि पुलिस अफसर कब तक और क्या-क्या बहाने लगा कर अपने कर्मचारियों को बचाने में सफल रहेंगे?

https://youtu.be/NKmB1AficU8
Advertisement. Scroll to continue reading.
8 Comments

8 Comments

  1. Ajay Sharma

    April 11, 2019 at 1:28 pm

    Shame on Delhi Police, these cops must be punished so that in future they will not be able to do these types of activities. DRINK & DUTY…

  2. Aslam Siddiqui

    April 11, 2019 at 1:46 pm

    Delhi police murdabad

  3. Aslam Siddiqui

    April 11, 2019 at 1:48 pm

    AAJ KAL DELHI POLICE KA HAR JAGAH YAHI HAAL HAI In Par kadi karyevahi honi cahiye

  4. moolchand jain

    April 12, 2019 at 1:33 pm

    आम आदमी के साथ प्रतिदिन यही होता है पत्रकार के साथ हुआ जो आपने भी लंबी चौड़ी कहानी लिख दी आम आदमी के साथ होता आप भी यह सब नहीं लिखते

    • Raj Thakur

      April 13, 2019 at 8:06 am

      Aam aadmi awaz uthaye tab na janab, aam aadmi paise deta hai or nikal leta hai. Waise aap AAM AADMI OR PATRKAAR ki paribhasha alag-alag bata sakte hain kya?
      Meri najar me to duniya me paida hua har vyakti aam naagrik hai…

  5. Ganesh

    April 12, 2019 at 4:30 pm

    Its happen always every policeman are done such kind of thing this story is come in front due to journalist wait watch no action are happen The great india

  6. पंकज

    April 15, 2019 at 12:55 am

    यह दुर्भाग्यपूर्ण है हमारे देश में पुलिस वालों को कुछ ज्यादा ही पावर दे दिया गया है। सरेआम, सरेशाम और रात में तो खुद को भगवान समझने लगते हैं। जैसे दुनिया भर की शक्ति इनमें समाहित हो। जबकि काम हैवानों जैसी करते हैं।

  7. pawan k s bhargav

    April 16, 2019 at 11:28 am

    its happened only in INDIA

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement