दिल्ली में MCD की हड़ताल को हर नेशनल न्यूज चैनल बढ़-चढ़ कर दिखा रहा है। पूरा पूरा दिन इसी पर चर्चा। बड़ा पैनल बिठाया जा रहा है। बड़े बड़े नेताओं के मुंह में बोल ठूंसे जा रहे हैं। लेकिन देश के पीठाधीश्वर बने इन नेशनल न्यूज चैनलों को क्या शर्म नहीं आती? शर्म इसलिए क्यूंकि दिल्ली MCD की हड़ताल सेलरी को लेकर है। न्यूज चैनल ये तो बार बार दिखा रहे हैं कि इन कर्मचारियों को मेहनताना नहीं मिल रहा| लेकिन न्यूज चैनल में काम करने बाले क्षेत्रीय पत्रकारों का तो इससे भी बुरा हाल है। उसको क्यों नहीं दिखाते?
यही पीठाधीश्वर बने न्यूज चैनल अपने क्षेत्रीय पत्रकारों का इतना शोषण करते हैं, जितना शायद दिल्ली के जीबी रोड पर बैठने वाली वेश्या का भी नहीं होता होगा। लेकिन इन चैनलों को अपने उस रवैये पर अभी शर्म नहीं आई| MCD के कर्मचारियों को दो महीने तनख्वा नहीं मिली तो इन चैनलों ने हालात ऐसे बना कर दिखा दिए जैसे दिल्ली के बाहर दुनिया ही नहीं है। सब कुछ दिल्ली की MCD ही है। लेकिन अपने कर्मचारियों का क्या हाल करते हैं, कभी इस पर दो मिनट की खबर नहीं दिखाई|
आज अगर सबसे अधिक शोषण कहीं है तो पत्रकारिता में है| न्यूज चैनल के एसी कमरे में बैठे बड़े बड़े एडिटर यूँ दिखाते हैं जैसे दुनिया में दिमाग नामक चीज सिर्फ उन्हीं को मुहैया कराई गई है। बाकी दुनिया तो गलती से धरती पर आ गई है| कोई कंपनी अगर पगार नहीं देती तो खबर है, लेकिन खुद पत्रकारों का कितना खून चूस रहे हैं इसका जवाब मांगने वाले पत्रकार को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है|
इन पीठाधीस्वरों के यहां न कोई अपील, न कोई वकील, न कोई दलील …बस काम करते जाओ, पैसे मत मांगो। MCD के कर्मचारी पैसे मांगे तो ठीक। इन चैनलों के कर्मचारी पैसे मांगे तो गुनाह। इस गुनाह के लिए तुरंत उस पत्रकार को निकाल दिया जाता है। मगर दिल्ली सरकार या MCD अगर एक भी कर्मचारी को निकाल दे तो यही पीठाधीश्वर इतना कोहराम मचाएंगे, जैसे सारी आपदाएं वहीं पर आ उमड़ी हों|
हमारी मीडिया का दोगला चेहरा बहुत ही शर्मनाक है| लेकिन देश के पीठधीश्वर बने इन चैनलों के मुखियाओं को भी अपने इस झूठ के साम्राज्य पर क्या शर्म आती है…?
लेखक जितेन ठाकुर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के टीवी जर्नलिस्ट हैं.
rashmi
March 3, 2016 at 2:37 pm
Good written by jiten …..
vonod kapri
September 6, 2016 at 3:56 am
बहुत उमदा शब्दों से प्रहार किया है, जितेन आप तारीफ के काबिल हैं