रामनगर (नैनीताल) : नौ महीने पहले नैनीताल के रामनगर स्थित बैलपड़ाव में टीवी 100 समाचार चैनल के नैनीताल प्रभारी पत्रकार देवेंद्र सिंह पटवाल की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई हत्या के मामले में एफआइआर दर्ज कराने को लेकर रामनगर की अदालत में एक याचिका मंजूर कर ली गई।
पत्रकार की मां गंगा देवी ने दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आनंद कुमार मिश्र के माध्यम से यह याचिका रामनगर के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दायर की जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया है। सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत दस आरोपियों के ऊपर आइपीसी की धाराओं 302, 201, 34 एवं 120(बी) में एफआइआर दर्ज कराने का मुकदमा किया गया है। इन दस आरोपियों में से छह खुद टीवी 100 के ही पत्रकार हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के गाजि़याबाद जिला स्थित खोड़ा निवासी टीवी100 के तेजतर्रार पत्रकार नैनीताल के ब्यूरो प्रमुख थे जिनकी लाश बैलपड़ाव में अपने एक सहकर्मी के मकान में 1 जनवरी 2018 की रात पायी गई थी। इसकी सूचना उनके कुछ सहकर्मियों ने मां गंगा देवी को फोन पर दी। इसके बाद कुछ सहकर्मी पटवाल की लाश को लेकर गाजि़याबाद पहुंचे और परिवार की सहमति के बगैर ही उसका दाह संस्कार कर डाला।
जनवरी 2018 में यह मामला उत्तराखंड में काफी चर्चित हुआ था। इस मामले में उत्तराखंड क्रांति दल के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी पुलिस के आला अधिकारियों से मिलकर जांच करवाने संबंधी ज्ञापन दिया था। बाद में देवेंद्र पटवाल की मां ने भी पुलिस अधिकारियों के कई चक्कर लगाए लेकिन किन्हीं दबावों में उनकी शिकायत नहीं ली गई, न ही कोई एफआइआर दर्ज की गई। हलद्वानी और नैनीताल के पत्रकारों के बीच यह आम धारणा फैला दी गई कि पटवाल की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी लेकिन आज अदालत में दायर याचिका ने इसे सुनियोजित हत्या का षडयंत्र करार दिया है।
कोई हफ्ते भर पहले पटवाल की मां ने नैनीताल के जिलाधिकारी को इस संबंध में एफआइआर दर्ज करवाने के लिए एक ज्ञापन भी दिया था, बावजूद इसके पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। तब जाकर अदालत में यह याचिका लगाई गई है। पटवाल की हत्या का मामला देख रहे दिल्ली उच्च न्यायालय के वकील आनंद कुमार मिश्रा ने याचिका दायर करने के बाद बताया, ”हमें उम्मीद है कि अब धीरे-धीरे प्रशासन पर दबाव बनेगा और पुलिस को एफआइआर दर्ज करना ही पड़ेगा।”
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