पिछले कई दिनों से दिल्ली के एक टीवी पत्रकार की चर्चा मध्य प्रदेश हनी ट्रैप गिरोह के संदर्भ में आ रही है. इंदौर से प्रकाशित अखबार प्रजातंत्र ने आज एक लीड खबर इस बाबत प्रकाशित की है कि किस तरह यह दिल्ली का टीवी पत्रकार हनीट्रैप के शिकार लोगों को सेक्स वीडियो कई बार टीवी पर दिखाने की बात कहकर डराता था और उन्हें पैसे देकर मामला रफादफा करने के लिए कनवींस कर लेता था. लोग दिल्ली के इस टीवी पत्रकार के बारे में तरह तरह के कयास लगा रहे हैं. पर अब कई जानकारियां सामने आने लगी हैं.
बताया जा रहा है कि दिल्ली का यह टीवी पत्रकार जिस मीडिया समूह में काम करता है, उसने अभी तक उसे बेसहारा नहीं किया है. गरम गोश्त का यह सौदागर आज से नहीं बल्कि बरसों बरस से अपने मीडिया हाउस का सहारा पाकर लगातार जमा हुआ है. इस टीवी पत्रकार के रेवेन्यू जनरेट करने की कला-अदा से प्रबंधन इसे लगातार शाबासी देता रहता है और इसको तरक्की भी मिलती रहती है.
पैसे के लिए वेश्याओं की दलाली करने का माद्दा रखने वाला यह टीवी पत्रकार कई दफे अपनी हरकतों के कारण बदनाम हुआ, कुचर्चा में आया लेकिन रंडियों की दलाली करके भी रेवेन्यू निकाल लाने की उसकी कला उसके सारे दोषों पर भारी पड़ जाती है और उसे प्रबंधन का सहारा मिला रहता है. वैसे भी वह जिस मीडिया हाउस में काम करता है वहां सबसे ज्यादा पूछ पैसे की ही होती है क्योंकि इस ग्रुप का जन्म ही पैसे के खेल से शुरू हुआ और पैसा बटोरते बटोरते आज यहां तक पहुंचा. पैसे के भीषण खेल में फंसने के चलते ही यह ग्रुप बीच में सेबी से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक नाचता रहा लेकिन मालिकों की फंसी हुई गाड़ी किसी तरह दलदल से निकल आई. पर अब भी उसके कर्मचारी, उसके निवेेशक रो रहे हैं. यह ग्रुप भांति भांति के बहाने बनाकर जनता की गाढ़ी कमाई लौटाने की बजाय अपने यहां ही दबाए हुए है.
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बात हो रही है हनीट्रैप गिरोह में शामिल दिल्ली के टीवी पत्रकार की. अभी इस पत्रकार का नाम खुलकर कहीं नहीं आया है इसलिए हर कोई लिखने से बच रहा है लेकिन आपसी बातचीत में सबको पता हो गया है कि दिल्ली का ये टीवी पत्रकार कौन हैं. अपने पोलिटिकल संबंधों के चलते इस संकट से बच जाने की उम्मीद कर रहे इस दलाल टीवी पत्रकार की कहानियां धीरे धीरे सामने आने लगी हैं. मध्य प्रदेश के कुछ पत्रकारों ने इशारे इशारे में इस टीवी पत्रकार के बारे में बताना शुरू भी कर दिया है.
पर जब तक जांच में लिखत-पढ़त में इसका नाम दर्ज न हो जाए तब तक नाम न लेना ही ठीक है. वैसे, पता नहीं उसका मीडिया मैनेजमेंट अभी तक किस चक्कर में उसे लगातार सहारा दिए हुए है. लगता है इस ग्रुप को भी उम्मीद है कि गोश्त के खेल से माल निकाल लाने वाले उसके ‘पोर्न पत्रकार’ का कोई बाल बांका नहीं कर सकता है!
पढ़ें इंदौर के प्रजातंत्र में दिल्ली के टीवी पत्रकार के बारे में प्रकाशित खबर…
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Danny Raizada
September 30, 2019 at 11:27 pm
यशवंत जी इस रन्डी के दलाल और गर्म गोस्त के सहयोगी ने एक पूर्व सांसद से हुईं सौदेबाजी की खबर मुझे होने और मेरे द्वारा मामला खुलने के डर से मेरी नौकरी छीनी थी……इन भडुओ ने मेरे ही एक सहयोगी के जरिए मोबाइल में रिकॉर्ड करके मुझे फँसाया था। इन दलालों ने सामान्य चर्चा में मेरे द्वारा कही बातों का एडिट किया आडियो स्टिंग करके अनुशासन हीनता का आरोप लगाकर मुझे बाऋह साल पुरानी नौकरी से इस्तीफा देने पर मजबूर किया था। मैंने आफिस के सहयोगियों के साथ सामान्य चर्चा मे संस्थान के मुखिया के खराब दिनों को उनके आला अधिकारियों की बदमाशी का नतीजा बताया था।बस इसी लाइन को मनचाहे ढंग से पेश करके उन्होंने मेरे साथ भी अपराध किया था।ऊपर वाला उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। संजय रायजादा भोपाल।