निर्मलकांत शुक्ला-
उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद से बेहद दुखद खबर है। वरिष्ठ पत्रकार दिनेश पवन (दिनेश चंद्र शर्मा) ने दैनिक विश्व मानव, दैनिक दिव्य प्रकाश के बाद दैनिक जागरण बरेली यूनिट में लंबी पारी खेली।
दैनिक जागरण से सेवानिवृत्त होने के बाद वह बरेली से प्रकाशित सांध्य दैनिक 2 टूक में समाचार संपादक रहे। गुरुवार को दिल्ली में उन्होंने अंतिम सांस ली। दिल्ली वह एक पारिवारिक समारोह में शामिल होने गए थे। उनका अंतिम संस्कार 17 दिसंबर शुक्रवार को बरेली में होगा।
श्री पवन बेहद सरल स्वभाव के ईमानदार और जुझारू पत्रकारों में जाने जाते थे। आध्यात्मिक खबरों के लेखन में उनको दक्षता हासिल थी। वह दैनिक जागरण में अपने साथियों के बीच “महात्मा जी” के नाम से जाने जाते थे।
डॉ. अनुपम मार्कण्डेय– दिनेश पवन एक जुझारू, विनम्र, कर्मठ, योग्य और ईमानदार पत्रकार थे। इस समाचार से मुझे काफी दुःख पहुंचा है। ईश्वर उनको अपने चरणों में स्थान दें।
रामधनी द्विवेदी– ओह, बहुत याद आएंगे पवन जी। ईश्वर उन साधु पुरुष की आत्मा को शांति प्रदान करें।
उमेश लव– ओह, दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद, अब यही कामना कि ईश्वर दिव्य आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें।
निर्मल कांत शुक्ल–
दिनेश पवन जी का अचानक यूं चले जाना बेहद कष्टदायी। वह मेरे वरिष्ठ साथी थे, मैंने कभी उनके मन मे किसी के भी प्रति दुराभाव नहीं देखा। वे सादगी भरा जीवन जीने वाले बेहद ईमानदार व उसूल भरी पत्रकारिता करने वाले व्यक्तित्व थे। प्रभु उनको अपने श्री चरणों में स्थान दें।
श्वेतकेतु शर्मा–
अपूरणीय क्षति, विनम्र श्रद्धांजलि, बरेली के जुझारू व कर्मठ अपनी लेखनी से सत्य को निर्भीकता से रखने वाले ,स्पष्टवादी पत्रकार का दुखद समाचार सुन कर ह्दय व्यथित होगया, साहसी व्यक्तित्व के धनी थे, इतनी कम अवस्था में उनका जाना देश का तीसरा स्तम्भ की अपूर्णीय क्षति है ,ईश्वर उनके परिवार को अपार दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
गीता मनोज शर्मा–
अत्यन्त दुखद । बरेली पत्रकारिता जगत को एक बहुत बड़ी हानि। शायद ही ये स्थान भर पाए।
यूसुफ किरमानी–
ओह बहुत ही दुखद। हम लोगों ने दैनिक जागरण बरेली में काम किया था। बहुत विनम्र स्वभाव के थे। वैचारिक मतभेद के बावजूद वह एक अच्छे इंसान की तरह पेश आते थे।…विनम्र श्रद्धांजलि…नमन.
akhilesh saxena
December 16, 2021 at 10:14 pm
मस्त मित्र के बारे में मनहूस खबर से बेहद दुखी हूं. पिछले 35 वर्ष से भी अधिक समय से उनके साथ मेरा जुड़ाव रहा है. वह दिव्य प्रकाश और नव सत्यम से होकर विश्वमानव पहुंचे थे. बाद में वह दैनिक जागरण चले गए और मैं सहारनपुर, करनाल चला गया. कुछ समय बाद मैं बरेली लौटा और फिर मुरादाबाद अमर उजाला होकर दैनिक जागरण में पवन जी के साथ जुड़ गया. हंसमुख और बेहद सरल स्वभाव दिनेश पवन जी के साथ बैठकर तनावग्रस्त मन भी प्रफुल्लित हो उठता था. चाय उन्होने ताउम्र नहीं पी, हां टाफियां उनकी जेब में भरी रहती थीं. उनका निधन बड़ी क्षति है, मैं कभी भुला नहीं पाउंगा. प्रभु उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे….. अखिलेश सक्सेना